इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में डिप्लोमा एक टेक्निकल प्रोग्राम है जो छात्रों को इलेक्ट्रॉनिक और कम्युनिकेशन सिस्टम्स को डिजाइन करने, डेवलप करने और मेंटेन रखने के लिए नॉलेज और स्किल्स उपलब्ध करवाता है। इसमें टेलीकम्युनिकेशन नेटवर्क, सैटेलाइट सिस्टम्स, रेडियो और टीवी ब्रॉडकास्टिंग सिस्टम्स और कंप्यूटर नेटवर्क शामिल हो सकते हैं। इस प्रोग्राम में आमतौर पर सर्किट एनालिसिस, डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स, माइक्रोवेव इंजीनियरिंग और टेलीकम्युनिकेशन जैसे सब्जेक्ट्स में कोर्सवर्क शामिल होता है। इस ब्लॉग में डिप्लोमा इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के बारे में बताया गया है यदि आप इस कोर्स के बारे में जानना चाहते हैं तो इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें।
कोर्स का नाम | डिप्लोमा इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग |
कोर्स का लेवल | डिप्लोमा |
एग्जामिनेशन टाइप | ईयरली/सेमेस्टर वाइज़ |
भारत में एवरेज ट्यूशन फीस | लगभग INR 15 से 60 हज़ार |
योग्यता | 10वीं कक्षा में 60% |
एडमिशन प्रक्रिया | मेरिट बेस्ड/ एंट्रेंस बेस्ड |
भारतीय कॉलेज | APC पॉलिटेक्निक, जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी, जयपुर पॉलिटेक्निक आदि। |
टॉप विदेशी यूनिवर्सिटीज़ | यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन,यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, जॉर्जियन कॉलेज आदि। |
टॉप रिक्रूटर्स | Intel, Qualcomm, Texas Instruments, Siemens, Infineon Technologies, Broadcom, Ericsson आदि। |
This Blog Includes:
- डिप्लोमा इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग क्या है?
- डिप्लोमा इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग क्यों चुनें?
- स्किल्स
- डिप्लोमा इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग कैसे करें? स्टेप बाय स्टेप गाइड
- सिलेबस
- टॉप विदेशी यूनिवर्सिटीज
- टॉप भारतीय यूनिवर्सिटीज
- योग्यता
- आवेदन प्रक्रिया
- भारतीय यूनिवर्सिटी के लिए आवेदन प्रक्रिया
- आवश्यक दस्तावेज़
- प्रवेश प्रक्रिया
- आवश्यक पुस्तकें
- करियर विकल्प
- जॉब प्रोफाइल और सैलरी पैकेज
- FAQs
डिप्लोमा इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग क्या है?
इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में डिप्लोमा एक टेक्निकल डिग्री है जिसे पूरा करने में आमतौर पर 3 साल लगते हैं। यह कोर्स इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के फंडामेंटल प्रिंसिपल्स की व्यापक समझ स्टूडेंट्स को प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस कोर्स में आमतौर पर सर्किट एनालिसिस, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, डिजिटल सिस्टम, कम्युनिकेशन सिस्टम, कंट्रोल सिस्टम और कंप्यूटर नेटवर्क जैसे क्षेत्रों में रिसर्च शामिल हैं। स्टूडेंट्स को लैब्स के काम के माध्यम से एक्सपीरियंस भी प्राप्त होता है और उन्हें इंटर्नशिप या सहकारी प्रोग्राम्स में भाग लेने का अवसर भी मिल सकता है। इस क्षेत्र में डिप्लोमा होल्डर्स इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस मैन्युफैक्चर, टेलीकम्युनिकेशन, ब्रॉडकास्टिंग, कंप्यूटर सिस्टम डिजाइन और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में नौकरी पा सकते हैं।
डिप्लोमा इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग क्यों चुनें?
डिप्लोमा इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग चुनने के ऐसे कई कारण हैं। इस कोर्स के कुछ लाभों में शामिल हैं:
- स्किल्स स्टूडेंट्स की उच्च मांग: इलेक्ट्रॉनिक और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग स्किल्ड प्रोफेशनल्स की उच्च मांग वाला एक फील्ड है, जिसका अर्थ है कि इस कोर्स के स्टूडेंट्स के पास अन्य क्षेत्रों की तुलना में बेहतर नौकरी की संभावनाएं हो सकती हैं।
- बहुमुखी प्रतिभा: इस कोर्स के स्टूडेंट्स टेक्निकल स्किल्स की एक विस्तृत श्रृंखला में सीखते हैं, जो उन्हें विभिन्न इंडस्ट्रीज में विभिन्न प्रकार की भूमिकाओं के लिए उपयुक्त बनाता है।
- उच्च कमाई की संभावना: सामान्य तौर पर इंजीनियर उच्च वेतन अर्जित करते हैं, और इलेक्ट्रॉनिक और संचार इंजीनियर कोई अपवाद नहीं हैं। Payscale के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक और कम्युनिकेशन इंजीनियरों के लिए औसत वेतन करीब USD 80,000 और इंडिया में एवरेज सैलरी INR 3 से 4 लाख है।
- इनोवेशन: इलेक्ट्रॉनिक और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग इनोवेशन का क्षेत्र है, इसलिए आपके पास इंट्रेस्टिंग प्रोजेक्ट्स पर काम करने और नवीनतम टेक्नीक्स का हिस्सा बनने का अवसर होगा।
- उन्नति के अवसर: एक्सपीरियंस और अतिरिक्त शिक्षा के साथ, इलेक्ट्रॉनिक और कम्युनिकेशन इंजीनियर प्रोजेक्ट मैनेजर या लीड इंजीनियर जैसी वरिष्ठ भूमिकाओं में प्रगति कर सकते हैं।
स्किल्स
कुछ प्रमुख स्किल्स निम्न प्रकार से हैं:
- सर्किट डिजाइन, सिग्नल प्रोसेसिंग और टेलीकम्युनिकेशन सहित इलेक्ट्रॉनिक और कम्युनिकेशन सिस्टम का मजबूत ज्ञान
- C, C++ और Python जैसी प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेस में प्रोफिशिएंसी
- MATLAB और Simulink जैसे सिमुलेशन सॉफ़्टवेयर के साथ अनुभव
- मजबूत प्रॉब्लम सॉल्विंग और एनालिटिकल स्किल्स
- उद्योग मानकों और नियमों के साथ परिचित
- मजबूत कम्युनिकेशन स्किल्स और टीम कॉलोबोरेशन स्किल्स
- सीएडी और एफपीजीए जैसे डिजाइन और डेवलपमेंट डिवाइसेज के साथ परिचितता
- 4जी, 5जी और वाईफाई जैसी बेतार कम्युनिकेशन टेक्नीक्स की समझ
- एम्बेडेड सिस्टम और माइक्रोकंट्रोलर प्रोग्रामिंग के साथ परिचितता
डिप्लोमा इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग कैसे करें? स्टेप बाय स्टेप गाइड
डिप्लोमा इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग कैसे करें? इसके लिए स्टेप बाय स्टेप गाइड नीचे दी गई है:
- स्टेप 1: आप इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स के लिए अपनी 10वीं कक्षा को 55% अंको के साथ पूर्ण करें। 10वीं के बाद आप इस कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं। तब इसकी अवधि 3 वर्ष होगी।
- स्टेप 2: 11वीं कक्षा में मैथमेटिक्स के स्ट्रीम को चुनकर आप अपनी 12वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करने के बाद इस कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं। 12वीं के बाद आपके लिए इस कोर्स की अवधि 2 वर्ष ही होगी।
- स्टेप 3: आप अपने लिए किसी कॉलेज को चुनकर उसमें एडमिशन प्राप्त कर सकते हैं। कई सारे ऐसे संस्थान हैं जो ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा ऑफर करते हैं।
- स्टेप 4: आप अपने डिप्लोमा कोर्स की अवधि पूर्ण होने के बाद में आसानी से जॉब प्राप्त कर सकते हैं। कई बार कंपनीज के प्लेसमेंट कॉलेजों में आयोजित होते हैं।
सिलेबस
डिप्लोमा इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग का सिलेबस नीचे दिया गया है:
- मैथमेटिक्स: कैलकुलस, ट्रिग्नोमेट्री और लीनियर अलजेब्रा
- फिजिक्स: मैकेनिक्स, इलेक्ट्रोमैग्नेटिज्म, और ऑप्टिक्स
- इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग: सर्किट एनालिसिस, इलेक्ट्रिकल मशीन और पावर सिस्टम्स
- इलेक्ट्रॉनिक्स: डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स, माइक्रोप्रोसेसर और माइक्रोकंट्रोलर्स, एनालॉग एंड डिजिटल कम्यूनिकेशंस
- प्रोग्रामिंग, डाटा स्ट्रक्चर्स एंड अल्गोरिथम्स
- कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग: एंटेन्नस एंड प्रोपेगेशन, सैटेलाइट कम्युनिकेशन, एंड मोबाइल कम्युनिकेशन
- कंट्रोल सिस्टम्स: लीनियर कंट्रोल सिस्टम्स एंड डिजिटल कंट्रोल सिस्टम्स
- डिजिटल सिग्नल प्रोसेसिंग
- माइक्रो कंट्रोलर एंड एंबेडेड सिस्टम
- लीनियर इंटीग्रेटेड सर्किट्स एंड एप्लीकेशंस
- डिजिटल सिस्टम्स डिजाइन
- फील्ड थ्योरी
- पावर इलेक्ट्रॉनिक्स
- इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन
- प्रोजेक्ट वर्क
टॉप विदेशी यूनिवर्सिटीज
इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के लिए टॉप विदेशी यूनिवर्सिटीज़ के नाम नीचे दिए गए हैं:
- यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन
- यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड
- हार्वर्ड यूनिवर्सिटी
- स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी
- यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज
- सेंटेनियल कॉलेज कनाडा
- साउदर्न इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी न्यूजीलैंड
- एशिया पेसिफिक यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन
टॉप भारतीय यूनिवर्सिटीज
आप इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के साथ-साथ अन्य इंजीनियरिंग फील्ड में डिप्लोमा के लिए भी नीचे दिए गए कॉलेजों में से किसी कॉलेज को चुन सकते हैं:
- दिल्ली पॉलिटेक्निक कॉलेज
- जयपुर पॉलिटेक्निक कॉलेज
- वालचनाड कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग
- GLA यूनिवर्सिटी
- जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी
- संदीप यूनिवर्सिटी
- पिल्लई HOC कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग
- संगम यूनिवर्सिटी
योग्यता
विदेश के टॉप विश्वविद्यालयों से इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में डिप्लोमा का कोर्स करने के लिए, आपको कुछ पात्रता शर्तों को पूरा करना होगा। हालांकि योग्यता मानदंड एक विश्वविद्यालय से दूसरे विश्वविद्यालय में भिन्न हो सकते हैं, यहां कुछ सामान्य शर्तें दी हैं:
- यदि आपको 10वीं कक्षा के आधार पर एडमिशन लेना है 10वीं कक्षा मे आपके कम से कम 55% अंक होने चाहिए।
- आवेदक के बारहवीं में अंक कम से कम 50% से अधिक होने अनिवार्य हैं।
- डिप्लोमा इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग कोर्स के कोर्स में एडमिशन के लिए कुछ विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं इसके बाद ही आप इन कोर्सेज के लिए एलिजिबल हो सकते हैं।
- किसी भी यूनिवर्सिटी में किसी कोर्स के लिए SAT/ACT की मांग भी की जा सकती है।
- साथ ही विदेश के लिए आपको ऊपर दी गई आवश्यकताओं के साथ IELTS या TOEFL स्कोर की भी आवश्यकता होती है।
क्या आप IELTS/TOEFL/SAT/GRE में अच्छे अंक प्राप्त करना चाहते हैं? आज ही इन टेस्ट की बेहतरीन तैयारी के लिए Leverage Live पर रजिस्टर करें और अच्छे अंक प्राप्त करें।
आवेदन प्रक्रिया
कैंडिडेट को आवदेन करने के लिए नीचे दी गई प्रक्रिया को पूरा करना होगा:
- आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप हमारे AI Course Finder की सहायता लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं।
- अगला कदम अपने सभी दस्तावेजों जैसे SOP, निबंध (essay), सर्टिफिकेट्स और LOR और आवश्यक टेस्ट स्कोर जैसे IELTS, TOEFL, SAT, ACT आदि को इकट्ठा करना और सुव्यवस्थित करना है।
- यदि आपने अभी तक अपनी IELTS, TOEFL, PTE, GMAT, GRE आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तो आप हमारी Leverage Live कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में उच्च स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
- आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद, एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीज़ा और छात्रवृत्ति / छात्र लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे ।
- अब आपके प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग 4-6 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। ऑफर लेटर आने के बाद उसे स्वीकार करके आवश्यक सेमेस्टर शुल्क का भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण है।
आवदेन प्रक्रिया से सम्बन्धित जानकारी और मदद के लिए Leverage Edu के एक्सपर्ट्स से 1800 572 000 पर संपर्क करें।
भारतीय यूनिवर्सिटी के लिए आवेदन प्रक्रिया
भारतीय यूनिवर्सिटीज़ द्वारा आवेदन प्रक्रिया नीचे मौजूद है-
- सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
- यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
- फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
- अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
- इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें।
- यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।
आवश्यक दस्तावेज़
आपको निम्न आवश्यक दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी:
- सभी आधिकारिक शैक्षणिक ट्रांसक्रिप्टस और ग्रेड कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- पासपोर्ट फोटोकॉपी
- वीज़ा
- अपडेट किया गया रिज्यूमे
- इंग्लिश प्रोफिशिएंसी टेस्ट स्कोर
- लेटर आफ रिकमेंडेशन या LOR
- स्टेटमेंट ऑफ़ पर्पस SOP
- पोर्टफोलियो
छात्र वीज़ा पाने के लिए भी हमारे Leverage Edu विशेषज्ञ आपकी हर सम्भव मदद करेंगे।
प्रवेश प्रक्रिया
अलग-अलग कॉलेजों में एडमिशन प्राप्त करने के लिए प्रवेश परीक्षाएं अलग प्रकार की होती है लेकिन कुछ ऐसी सामान्य परीक्षाएं है जो अधिकतर सभी कॉलेज या यूनिवर्सिटीज़ के द्वारा मान्य होती हैं उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
विदेशी प्रवेश परीक्षाएं
लैंग्वेज रिक्वायरमेंट
भारतीय प्रवेश परीक्षाएं
- JEECUP
- JEXPO
- Odisha DET
- AP POLYCET
- Assam PAT
- BCECE
- HP PAT
- Delhi CET
आवश्यक पुस्तकें
इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के लिए नीचे कुछ आवश्यक पुस्तकें दी गई हैं:
आवश्यक पुस्तकें | लेखक का नाम | यहां से खरीदें |
इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन सिस्टम फंडामेंटल थ्रू एडवांस्ड | वायेन तोमसी | यहां से खरीदें |
इलेक्ट्रॉनिक्स कम्युनिकेशन सिस्टम्स | जॉर्ज कैनेडी | यहां से खरीदें |
इलेक्ट्रॉनिक्स फॉर डमीज | कैथलीन शामिएह | यहां से खरीदें |
डिजिटल कम्युनिकेशन | जॉन आर बैरी | यहां से खरीदें |
डिजिटल कम्युनिकेशंस फंडामेंटल्स एंड एप्लीकेशंस | स्कलर एंड रॉय | यहां से खरीदें |
करियर विकल्प
डिप्लोमा इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग हासिल करने के बाद ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में बैचलर तथा मास्टर डिग्री प्राप्त कर सकते हैं साथ ही आप इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री में काम कर सकते हैं। कुछ टॉप रिक्रूटर्स की लिस्ट नीचे दी गई है:
टॉप रिक्रूटर्स
- Intel
- Qualcomm
- Texas Instruments
- Siemens
- Infineon Technologies
- Broadcom
- Ericsson
- Cisco Systems
- LG Electronics
- Huawei
- Samsung Electronics
- Nokia
- Bosch
- General Electric (GE)
- Lockheed Martin
- Raytheon
- Honeywell
- Fujitsu
- Hitachi
- Toshiba
जॉब प्रोफाइल और सैलरी पैकेज
Glassdoor.in के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में डिप्लोमा प्राप्त करने के बाद में जॉब प्रोफाइल तथा अनुमानित सालाना वेतन INR 3 से 5 लाख तक हो सकता है। हालांकि यह जॉब एक्सपीरियंस, कॉलेज और इंडस्ट्री में दिए गए समय के ऊपर भी निर्भर करता है।
FAQs
हां, डिप्लोमा इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की जान भविष्य के लिए अच्छी है क्योंकि इस इंडस्ट्री में स्किल्ड इंजीनियर्स की मांग बढ़ती जा रही है।
इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के लिए सबसे बेस्ट देश यूके, जर्मनी, नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूएसए और फ्रांस है।
इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स की अवधि दसवीं कक्षा से बाद 3 वर्ष तथा साइंस के स्ट्रीम से बारहवीं कक्षा के बाद 2 वर्ष है।
इंडिया में इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के बाद टॉप रिक्रूटर्स निम्न हैं:
Intel
Qualcomm
Texas Instruments
Siemens
Infineon Technologies
Broadcom
Ericsson
उम्मीद है कि इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के संदर्भ में हमारा यह ब्लॉग आपको पसंद आया होगा। यदि आप भी किसी विदेशी यूनिवर्सिटी से ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना चाहते हैं तो आज ही 1800 572 000 पर कॉल करके हमारे Leverage Edu के एक्सपर्ट्स के साथ 30 मिनट का फ्री सेशन बुक करें। वे एक उचित मार्गदर्शन के साथ आवेदन प्रक्रिया में भी आपकी मदद करेंगे।