आदित्य एल-1 मिशन की लाॅन्चिग से पहले सभी की निगाहें भारत के सूर्य मिशन पर हैं। ISRO ने कहा कि सूर्य मिशन की लाॅन्चिग की तैयारियां प्रगति पर हैं। प्रक्षेपण का पूर्वाभ्यास-रॉकेट की पड़ताल पूरी हो गई है, लेकिन इससे पहले कई जगहों पर सूर्य के पास गोला नजर आया है। इस गोले को सन हाॅलो कहते हैं, लेकिन सन हाॅलो (What is Sun Halo) क्या है भी जानना जरूरी है।
जब बारिश के बाद इंद्रधनुष दिखता है, ऐसे ही कभी-कभी सूर्य के आसपास नजारा होता है। जब सूरज सतंरगी गोले में दिखे तो इस घटना को सन हाॅलो कहते हैं। साइंटिस्ट के अनुसार, सूर्य के पास होने वाली (What is Sun Halo) इस घटना को खगोलीय घटना माना जाता है। इस दौरान सूर्य भूमि से करीब 22 डिग्री कोण पर पहुंचता है तो आसमान में नमी से रिंग बन जाती है।
सूर्य के पास इस तरह की घटना ठंडे देशों में अक्सर होती है, जबकि भारत में कभी-कभी दिखाई देती है। बता दें कि जब लाखों बर्फ के क्रिस्टल सूर्य की रोशनी के अपवर्तन के कारण वातावरण में मिलते हैं तो यह घटना होती है। सन हाॅलो20,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर बनता है।
हाल ही में दिल्ली-एनसीआर के निवासियों ने बारिश के बाद एक दुर्लभ खगोलीय घटना देखी थी, बाद में उसे सन हाॅलो के रूप में ही जाना गया। सूर्य के चारों ओर एक चमकदार इंद्रधनुषी रंग का घेरा – हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे पड़ोसी राज्यों में भी देखी गई।
सम्बंधित आर्टिकल
उम्मीद है कि इस ब्लाॅग What is Sun Halo में आपको सन हाॅलो की पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।