भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने वैभव फेलोशिप नाम से एक फेलोशिप लॉन्च की है। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जीतेन्द्र सिंह ने बुधवार को वैभव फेलोशिप की घोषणा की। यह फेलोशिप भारत के टॉप संस्थानों जैसे IITs, IISCs और दूसरे शैक्षिक संस्थानों के लिए लॉन्च की गई है।
24 विदेशी रिसर्चर्स का वैभव फेलोशिप के लिए किया गया चयन
वैभव फेलोशिप के लिए विज्ञान मंत्रालय के पास कुल 302 आवेदन आए थे। इनमें से केवल 24 रिसर्चर्स का इस फेलोशिप के लिए चयन किया गया है। इस फेलोशिप के लिए आवेदनों का मूल्यांकन करने के लिए एक विशेष कमेटी गठित की गई थी जिसने विभिन्न मापदंडों पर मापने के बाद 302 आवेदनों में से कुल 24 विदेशी रिसर्चर्स को वैभव फेलोशिप के लिए चुना है।
भारत के लिए विज्ञान के क्षेत्र में बड़ा कदम
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जीतेन्द्र सिंह ने वैभव फेलोशिप को भारत के लिए विज्ञान के क्षेत्र में एक बड़ा कदम बताया है। उनके अनुसार इससे भारत के युवा वैज्ञानिकों को बल मिलेगा और भारत के वैज्ञानिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बायोटेक्नोलॉजी और नैनोटेनोलॉजी जैसे विज्ञान के क्षेत्रों में नई संभावनाएं तलाश सकेंगे।
21 देशों के रिसर्चर्स को चुना गया वैभव फेलोशिप के लिए
वैभव स्कॉलरशिप के लिए कुल 35 देशों के रिसर्चर्स ने आवेदन किया था जिनमें से कुल 21 अलग अलग देशों के रिसर्चर्स को वैभव फेलोशिप के लिए चुना गया है। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ने इसे भारत के लिए एक गर्व का विषय बताया है।
वैभव फेलोशिप के बारे में
वैभव फेलोशिप के लिए चुने गए रिसर्चर्स किसी भारतीय संस्थान का चुनाव करेंगे और उसके साथ कोलेबॉरशन करेंगे। वे तीन साल के लिए भारत के उस संस्थान में 2 महीने उस संस्थान के छात्रों के साथ रिसर्च वर्क करेंगे। इस रिसर्च फेलोशिप प्रोग्राम के तहत भारत दूसरे देशों के साथ बेस्ट टेक्नोलॉजी और रिसर्च वर्क्स का आदान प्रदान करेगा।
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