UPSC 2023 : UPSC मेंस एग्जाम के लिए आर्टेमिस समझौते (Artemis Accords) टॉपिक पर महत्वपूर्ण शॉर्ट नोट्स

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Artemis Accords upsc in Hindi

मुख्य सुर्खियां 

  • हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने अमेरिकी दौरे के दौरान भारत के आर्टेमिस समझौते में शामिल होने की घोषणा की।  
  • नासा और इसरो मिलकर वर्ष 2024 में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस में भेजने के प्रोजेक्ट पर काम करेंगे।  

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आर्टेमिस समझौता (Artemis Accords) क्या है? 

  • आर्टेमिस समझौता अमेरिकी विदेश विभाग और NASA द्वारा सात अन्य संस्थापक सदस्यों- ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, इटली, जापान, लक्ज़मबर्ग, संयुक्त अरब अमीरात और यूनाइटेड किंगडम के साथ वर्ष 2020 में नागरिक अन्वेषण को नियंत्रित करने तथा शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिये चंद्रमा, मंगल, धूमकेतु, क्षुद्रग्रह तथा बाहरी अंतरिक्ष के उपयोग के लिये सामान्य सिद्धांत स्थापित किये गए हैं।
  • यह 1967 की ब्राम्ह अंतरिक्ष संधि पर आधारित है।  
  •  ब्राम्ह अंतरिक्ष संधि अंतरिक्ष के क़ानून के रूप में काम करती है।  यह संयुक्त राष्ट्र का एक बहुपक्षीय जाता समझौता है।  
  • यह संधि अंतरिक्ष को मानव प्रजाति के लिए साझा संसाधन के रूप में महत्व प्रदान करती है और अंतरिक्ष के दुरूपयोग पर रोक लगाकर अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग को प्रोत्साहन देती है।  
  • भारत आर्टेमिस समझौते (Artemis Accords) पर हस्ताक्षर करने वाला 27वां देश बन गया है।  

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समझौते की मुख्य बातें 

  • हस्ताक्षरकर्ता अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिये अंतरिक्ष गतिविधियों का संचालन करने हेतु सरकारों या एजेंसियों के बीच समझौता ज्ञापन (MOU) को लागू करेंगे।
  • संधि पर हस्ताक्षर करने वाले देश वैज्ञानिक खोज को बढ़ावा देने के लिए साझा अन्वेषण बुनियादी ढाँचे के महत्त्व को 

स्वीकार करते हैं।

  • समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले देशों से ऐतिहासिक लैंडिंग स्थलों, कलाकृतियों और खगोलीय पिंडों पर गतिविधि के साक्ष्य को संरक्षित करने के लिए कहा जाता है।  
  • हस्ताक्षर करने वाले देशों से अंतरिक्ष संसाधनों का सुरक्षित रूप से उपयोग करने का वचन लिया जाता है।  
  • हस्ताक्षरकर्ता देशों द्वारा पुराने अंतरिक्ष यान के सुरक्षित निपटान और हानिकारक मलबे के उत्पादन को सीमित करने की योजना बनाने के लिए कहा जाता है।  

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आर्टेमिस समझौते के अंतर्गत शुरू हुए प्रमुख मिशन 

  • आर्टेमिस कार्यक्रम 16 नवम्बर 2022 को नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से ओरियन नमक स्पेसशिप के लॉन्चिंग के साथ शुरू हुआ।  
  • वर्ष 2024 के लिए निर्धारित आर्टेमिस II मिशन आर्टेमिस कार्यक्रम के तहत चलाया जाने वाला पहला मानवरहित मिशन होगा।  
  • इस मिशन में मून लैंडिंग और धरती पर वापसी भी शामिल होगी।  

आर्टिमिस समझौते  के संबंध में चुनौतियां 

  • चीन और रूस जिनके पास अपने स्पेस प्रोजेक्ट्स हैं, वे आर्टेमिस समझौते का विरोध करते हैं।  
  • आर्टेमिस समझौते की कानूनी स्थितियों के कारण चन्द्रमा और अन्य खगोलीय पिंडों पर अनिमियत अन्वेषण को बढ़ावा मिलता है।  
  • किसी भी वर्तमान अथवा भविष्य के बहुपक्षीय अंतरिक्ष समझौते या संधियों के तहत इसकी प्रतिबद्धताओं और आर्टेमिस समझौते के बीच संतुलन बनाए रखना अनिवार्य होगा।  

आर्टेमिस समझौते में शामिल होने के कारण भारत को मिलने वाले लाभ 

  • आर्टेमिस समझौते के कारण भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को उन्नत तकनीक मिलेगी।  
  • यह इसरो चंद्रयान 3 जैसे अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए मददगार हो सकता है।  
  • नासा के साथ सहयोग से गगनयान मानव मिशन और आगामी महत्त्वाकांक्षी अंतरिक्ष अभियानों के लिये भारत की क्षमता में सुधार होगा।

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