यूपीएससी आईएएस परीक्षा में कॉमर्स और अकाउंटिंग ऑप्शनल सब्जेक्ट्स में से एक है। इस विषय को उम्मीदवार मुख्य परीक्षा के लिए चुन सकते हैं। परीक्षा में तीन चरण होते हैं: प्रीलिम्स, मैंस और इंटरव्यू। आपके ऑप्शनल विषय का अंतिम मेरिट लिस्ट पर प्रभाव पड़ता है। यूपीएससी परीक्षा में अच्छे प्रदर्शन के लिए आपको अपने ऑप्शनल विषय में भी अच्छा प्रदर्शन करना होता है। UPSC Commerce and Accountancy Syllabus In Hindi के बारे में अधिक जानने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें।
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UPSC Commerce and Accountancy क्या है?
UPSC Commerce and Accountancy यूपीएससी परीक्षा में उम्मीदवार के द्वारा चुने जाने वाले ऑप्शनल विषय हैं। इस विषय से संबंधित यूपीएससी परीक्षा में दो पेपर होते हैं। कॉमर्स एंड अकाउंटिंग ऑप्शनल पेपर 1 और पेपर 2, जिनका कुल वेटेज 500 अंको का होता है। यूपीएससी कॉमर्स और काउंटिंग ऑप्शनल सब्जेक्ट के सिलेबस में कॉमर्स, अकाउंटिंग, इकोनॉमिक्स और संबंधित फील्ड्स में प्रमुख सिद्धांतों के बारे में उम्मीदवारों की समझ का मूल्यांकन किया जाता है। सिलेबस में फाइनेंशियल अकाउंटिंग, कॉस्ट अकाउंटिंग, टैक्सेशन, बिज़नेस ऑर्गनाइजेशन और मैनेजमेंट, बिज़नेस लॉ, इकोनॉमिक्स और कमर्शियल लॉ और जनरल इकोनॉमिक्स जैसे टॉपिक्स शामिल हैं। ये अकाउंटिंग स्टैंडर्ड, ऑडिट प्लान, कंपनी लॉ, फाइनेंशियल इंप्रूवमेंट और अधिक जैसे विषयों पर गहराई से चर्चा करता है।
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UPSC Commerce and Accountancy का सम्पूर्ण सिलेबस
UPSC Commerce and Accountancy का सम्पूर्ण सिलेबस नीचे दिया गया है:
यूपीएससी कॉमर्स एंड अकाउंटिंग ऑप्शनल सिलेबस पेपर 1
यूपीएससी कॉमर्स एंड अकाउंटिंग ऑप्शनल पेपर 1 सिलेबस नीचे दिया गया है:
फाइनेंशियल अकाउंटिंग
- अकाउंटिंग एज ए फाइनेंशियल इनफॉर्मेशन सिस्टम: इंपैक्ट ऑफ बिहेवियरल साइंसेज, अकाउंटिंग स्टैंडर्ड्स इजी, अकाउंटिंग फॉर डिप्रीशिएशन, इन्वेंटरीज, रिसर्च एंड डेवलपमेंट कॉस्ट, लॉन्ग टर्म कंस्ट्रक्शन कांट्रैक्ट्स, रिवेन्यू रिकॉग्निशन, फिक्स्ड एसेट कंटीन्जेंसीज, फॉरेन एक्सचेंज ट्रांजैक्शंस, इन्वेस्टमेंट एंड गवर्नमेंट ग्रांट्स, कैश, फ्लो स्टेटमेंट, अर्निंग्स पर शेयर
- अकाउंटिंग फॉर शेयर कैपिटल ट्रांजैक्शंस, इंक्लूडिंग बोनस शेयर्स, राइट शेयर्स, एम्पलाई स्टॉक ऑप्शन और बायबैक ऑफ सिक्योरिटीज
- प्रिपरेशन एंड प्रेजेंटेशन ऑफ कंपनी फाइनल अकाउंट्स।
- अमाल्गामेशंस अब्जॉर्प्शंस रिकंस्ट्रक्शन ऑफ कंपनी
कॉस्ट अकाउंटिंग
- नेचर एंड फंक्शन ऑफ कॉस्ट, अकाउंटिंग इंस्टॉलमेंट ऑफ कॉस्ट, अकाउंटिंग, सिस्टम कॉस्ट, कॉन्सेप्ट रिलेटेड टू इनकम मेजरमेंट प्रॉफिट प्लानिंग कॉस्ट, कंट्रोल एंड डिसीजन मेकिंग
- मेथड्स ऑफ कास्टिंग जब कास्टिंग प्रोसेस कॉस्टिंग एक्टिविटी बेस्ड कॉस्टिंग
- वॉल्यूम कॉस्ट प्रॉफिट रिलेशनशिप एज ए टूल ऑफ प्रॉफिट प्लानिंग
- इंक्रीमेंट एनालिसिस/डिफरेंशियल कास्टिंग एज ए टूल ऑफ प्राइसिंग डिसीजंस, प्रोडक्ट डिसीजंस, मेक और बाय डिसीजंस, शटडाउन डिसीजंस
- टेक्निक्स ऑफ कॉस्ट कंट्रोल एंड कॉस्ट रिडक्शन, बजटिंग एज ए टूल ऑफ प्लानिंग एंड कंट्रोल, स्टैंडर्ड कॉस्टिंग एंड वैरियेंस एनालिसिस
- रिस्पांसिबिलिटी अकाउंटिंग एंड डिविजनल परफॉर्मेंस मेजरमेंट
टैक्सेशन
- इनकम टैक्स: डेफिनिशंस, बेसिस ऑफ चार्ज, इनकम्स विच डू नॉट फॉर्म पार्ट ऑफ टोटल इनकम, सिंपल प्रॉब्लम्स ऑफ कंप्यूटेशन ऑफ इनकम, (ऑफ इंडिविजुअल्स इंडिविजुअल्स ओनली) अंडर वेरियस हेड्स, सैलरीज, इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी, प्रॉफिट्स एंड गैंस फ्रॉम बिजनेस/ प्रोफेशन, कैपिटल गैंस, इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेस, इनकम ऑफ अदर पर्संस इंक्लूडेड इन टोटल इनकम
- सेट ऑफ एंड कैरी फॉरवार्ड ऑफ लॉस
- डिडक्शंस फ्रॉम ग्रॉस टोटल इनकम
- सेलियंट फीचर्स प्रोविजंस, रिलेटेड टू वेट एंड सर्विस टैक्स
ऑडिटिंग
- कंपनी ऑडिट, ऑडिट रिलेटेड टू डिविजिबल प्रॉफिट, डिविडेंड, स्पेशल इन्वेस्टिगेशन, टैक्स ऑडिट
- ऑडिट ऑफ बैंकिंग, इंश्योरेंस, नॉन प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन एंड चैरिटेबल सोसाइटीज/ट्रस्ट/ ऑर्गेनाइजेशंस
फाइनेंशियल मैनेजमेंट
- फाइनेंस फंक्शन: नेचर स्कोप एंड ऑब्जेक्टिव्स ऑफ फाइनेंशियल मैनेजमेंट: रिस्क एंड रिटर्न रिलेशनशिप
- टूल्स ऑफ फाइनेंशियल एनालिसिस: रेशो एनालिसिस, फंड फ्लो एंड कैश फ्लो स्टेटमेंट
- कैपिटल बजटिंग डिसीजंस: प्रॉसेस, प्रोसीजर्स एंड अप्रेजल मैथड्स, रिस्क एंड अनसर्टेंटी एनालिसिस एंड मैथड्स
- कॉस्ट ऑफ कैपिटल: कॉन्सेप्ट, कंप्यूटेशन ऑफ स्पेसिफिक कास्ट एंड वेटेड एवरेज कॉस्ट ऑफ कैपिटल, सीएपीएम एज ए टूल का डिटरमिनिंग कास्ट ऑफ इक्विटी कैपिटल
- फाइनेंशियल डिसीजंस थिअरीज ऑफ कैपिटल स्ट्रक्चर नेट इनकम अप्रोच
- नेट ऑपरेटिंग इनकम अप्रोच, एमएम अप्रोच एंड ट्रेडीशनल अप्रोच, डिजाइनिंग ऑफ कैपिटल स्ट्रक्चर, टाइप्स ऑफ लेवरेज (ऑपरेटिंग फाइनेंशियल एंड कंबाइंड) EBIT-EPS एनालिसिस एंड अदर फैक्टर्स
- डिविडेंड डिसीजंस एंड इवैल्यूएशन ऑफ फर्म: वाल्टर’एस मॉडल, MM थीसिस, गोरडैं’एस, मॉडल लिंटर’एस मॉडल, फैक्टर्स अफेक्टिंग डिविडेंड पॉलिसी
- वर्किंग कैपिटल मैनेजमेंट: प्लानिंग ऑफ वर्किंग कैपिटल, डिटर्मिननेंट्स ऑफ वर्किंग कैपिटल, कंपोनेंट्स ऑफ वर्किंग कैपिटल कैश, इन्वेंटरी एंड रिसिवेबल्स
- कॉरपोरेट रिस्ट्रक्चरिंग ऑफ फोकस ऑन मर्जर्स एंड एक्विजिशंस (फाइनेंशियल एस्पेक्ट ओनली)
फाइनेंशियल मार्केट्स एंड इंस्टीट्यूशंस
- इंडियन फाइनेंशियल सिस्टम एन ओवरव्यू
- मनी मार्केट: पार्टिसिपेंट्स, स्ट्रक्चर एंड इंस्ट्रूमेंट्स, कमर्शियल बैंक्स, रिफॉर्म्स इन बैंकिंग सेक्टर, मॉनेटरी एंड क्रेडिट पॉलिसी ऑफ आरबीआई, आरबीआई एज ए रेगुलेटर
- कैपिटल मार्केट: प्राइमरी एंड सेकेंडरी मार्केट, फाइनेंशियल मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स एंड इन्नोवेटिव डेप्ट इंस्ट्रूमेंट, सेबी एज ए रेगुलेटर
- फाइनेंशियल सर्विसेज: म्युचुअल फंड्स, वेंचर कैपिटल, क्रेडिट रेटिंग एजेंसीज, इंश्योरेंस एंड आईआरडीए
यूपीएससी कॉमर्स एंड अकाउंटिंग ऑप्शनल सिलेबस पेपर 2
यूपीएससी कॉमर्स एंड अकाउंटिंग ऑप्शनल पेपर 2 सिलेबस नीचे दिया गया है:
ऑर्गेनाइजेशन थ्योरी
- नेचर एंड कांसेप्ट ऑफ ऑर्गेनाइजेशन: एक्सटर्नल एनवायरमेंट ऑफ ऑर्गेनाइजेशन टेक्नोलॉजिकल, सोशल, पॉलीटिकल एंड लीगल: ऑर्गेनाइजेशनल गोल्स प्राइमरी एंड सेकेंडरी गोल, सिंगल एंड मल्टीप्ल गोल, मैनेजमेंट बाय ऑब्जेक्टिव्स
- इवोल्यूशन ऑफ ऑर्गेनाइजेशन थ्योरी: क्लासिकल नियोक्लासिकल एंड सिस्टम एप्रोच, मॉडर्न कॉन्सेप्ट ऑफ ऑर्गेनाइजेशन थ्योरी: ऑर्गेनाइजेशनल डिजाइन, ऑर्गेनाइजेशनल स्ट्रक्चर एंड ऑर्गेनाइजेशनल कल्चर
- ऑर्गेनाइजेशनल डिजाइन: बेसिक चैलेंजेज: डिफरेंशिएशन एंड इंटीग्रेशन प्रॉसेस, सेंट्रलाइजेशन एंड डिसेंट्रलाइजेशन प्रॉसेस, स्टैंडर्डाइजेशन/फॉर्मलाइजेशन एंड म्युचुअल एडजस्टमेंट, कोऑर्डिनेटिंग फॉर्मल एंड इनफॉर्मल ऑर्गेनाइजेशंस, मैकेनिस्टिक एंड ऑर्गेनिक स्ट्रक्चर
- डिजाइनिंग आर्गेनाईजेशनल स्ट्रक्चर्स: अथॉरिटी एंड कंट्रोल, लाइन एंड स्टाफ फंक्शंस, स्पेशलाइजेशन एंड कोऑर्डिनेशन, टाइप्स ऑफ ऑर्गेनाइजेशन स्ट्रक्चर फंक्शनल, मैट्रिक्स स्ट्रक्चर, प्रोजेक्ट स्ट्रक्चर, नेचर एंड बेसिस ऑफ पावर, सोर्सेज ऑफ पावर, स्ट्रक्चर एंड पॉलिसीज, इंपैक्ट ऑफ इनफर्मेशन, टेक्नोलॉजी ऑन ऑर्गेनाइजेशनल डिजाइन एंड स्ट्रक्चर
- मैनेजिंग ऑर्गेनाइजेशनल कल्चर
आर्गेनाईजेशन बिहेवियर
- मीनिंग एंड कॉन्सेप्ट: इंडिविजुअल इन ऑर्गेनाइजेशन: पर्सनैलिटी, थिअरीज, एंड डिटर्मिननेंट्स, परसेप्शन मीनिंग एंड प्रोसेस
- मोटिवेशन: कॉन्सेप्ट थिअरीज एंड एप्लीकेशंस, लीडरशिप थिअरीज एंड स्टाइल्स, क्वालिटी ऑफ वर्क लाइफ, मीनिंग एंड इट्स इंपैक्ट ऑन परफॉर्मेंस, वेज़ ऑफ इट्स एनहैंसमेंट, क्वालिटी सर्कल्स: मीनिंग एंड देयर इंपॉर्टेंस मैनेजमेंट, मैनेजमनेट ऑफ कनफ्लिक्ट इन ऑर्गेनाइजेशंस, ट्रांजैक्शनल एनालिसिस, ऑर्गेनाइजेशनल इफेक्टिवेनेस, मैनेजमेंट ऑफ चेंज
ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट
- मीनिंग नेचर एंड स्कोप ऑफ ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट, हुमन रिसोर्स प्लैनिंग, जॉब एनालिसिस, जॉब डिस्क्रिप्शन, जॉब स्पेसिफिकेशन, रिक्रूटमेंट प्रोसेस, सिलेक्शन प्रोसेस, ओरिएंटेशनल एंड प्लेसमेंट, ट्रेंनिंग एंड डेवलपमेंट प्रोसेस, परफॉर्मेंस अप्रेजेस एंड 360 फीडबैक, सैलेरी एंड वेज एडमिनिस्ट्रेशन, जॉब इवेलुएशन, एम्पलाई वेलफेयर, प्रमोशंस, ट्रांसफर एंड सेपरेशंस
इंडस्ट्रियल रिलेशंस
- मीनिंग नेचर इंपॉर्टेंस एंड स्कोप ऑफ इंडस्ट्रियल रिलेशंस, फार्मेशन ऑफ ट्रेड यूनियन, ट्रेड यूनियन लेजिस्लेशन, ट्रेड यूनियन मूवमेंट इन इंडिया रिकॉग्निशन ऑफ ट्रेड यूनियंस, प्रॉब्लम ऑफ ट्रेड यूनियंस इन इंडिया, इंपैक्ट एंड लिबरलाइजेशन ऑन ट्रेड यूनियन मूवमेंट
- नेचर ऑफ इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट्स: स्ट्राइक्स एंड लॉकआउटस, कॉसेस ऑफ डिस्प्यूट, प्रीवेंशन एंड सेटेलमेंट ऑफ डिस्प्यूट
- वर्कर्स पार्टिसिपेशन इन मैनेजमेंट: फिलासोफी, रेशनल, प्रेजेंट डे स्टेटस एंड फ्यूचर प्रोस्पेक्ट्स
- एडजुडिकेशन एंड कलेक्टिव बार्गेनिंग
- इंडस्ट्रियल रिलेशंस इन पब्लिक एंटरप्राइजेज अब्सेंइज्म एंड लेबर टर्नओवर इन इंडियन इंडस्ट्रीज एंड देयर कॉसेज ऑफ रेमेडीज
- ILO एंड इट्स फंक्शंस
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UPSC Commerce and Accountancy एग्जाम के लिए एग्जाम पैटर्न
UPSC Commerce and Accountancy एग्जाम के लिए एग्जाम पैटर्न नीचे दिया गया है:
पेपर | सब्जेक्ट | मार्क्स |
पेपर 6 | ऑप्शनल सब्जेक्ट पेपर 1 | 250 |
पेपर 7 | ऑप्शनल सब्जेक्ट पेपर 2 | 250 |
टोटल | 500 | |
टाइम ड्यूरेशन | 3 घंटे |
UPSC Commerce and Accountancy की तैयारी के लिए बेस्ट बुक्स
UPSC Commerce and Accountancy की तैयारी के लिए बेस्ट बुक्स नीचे दी गई है:
बुक | राइटर | यहां से खरीदें |
इंडियन फाइनेंशियल सिस्टम | एम वाई खान | यहां से खरीदें |
फाइनेंशियल मैनेजमेंट: टेक्स्ट, प्रॉब्लम्स एंड केसेज | एम वाई खान एंड पीके जैन | यहां से खरीदें |
कॉरपोरेट अकाउंटिंग | नसीम अहमद | यहां से खरीदें |
प्रैक्टिकल अप्रोच टू इनकम टैक्स | गिरीश गुप्ता एंड रवि आहूजा | यहां से खरीदें |
इंडस्ट्रियल रिलेशन्स, यूनियन एंड लेबर लेजिस्लेशन | पीआरएन सिन्हा | यहां से खरीदें |
FAQs
यूपीएससी मैंस एग्जाम मुख्य विषय भारतीय राजनीति, भारतीय अर्थव्यवस्था, अंतर्राष्ट्रीय संबंध, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, भूगोल, इतिहास, पर्यावरण और पारिस्थितिकी, और संबंधित समसामयिक मामले हैं। इसके अलावा 25 विषय और 23 साहित्य वैकल्पिक हैं, जिनमें से कोई भी चुन सकता है।
नहीं, यूपीएससी मेन्स में हिंदी भाषा अनिवार्य नहीं है, जब तक कि आप इसे न चुनें। आपको अपने अनिवार्य पेपर के रूप में चुनने के लिए अन्य विषय मिलेंगे, इसलिए यदि आपने हिंदी को अपने अनिवार्य के रूप में चुना है, तो आपको उसी के अनुसार तैयारी करनी होगी।
नवीनतम 7वें वेतन आयोग के अनुसार, शुरुआत में और प्रवेश स्तर पर आईएएस अधिकारी का प्रति माह वेतन ₹56100 है, जो ₹56100 से 132000 प्रति माह हो जाता है। सेवा के वर्षों और प्रत्येक पदोन्नति के बाद, भारत में आईएएस का प्रति माह वेतन बढ़ता है।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा आयु सीमा: अभ्यर्थी की न्यूनतम आयु 21 वर्ष होनी चाहिए तथा 32 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। सामान्य श्रेणी और ईडब्ल्यूएस: 32 वर्ष, ओबीसी (प्रमाणपत्र सहित): 32 वर्ष + 3, एससी/एसटी: 32 वर्ष + 5 वर्ष।
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