गरीबी एक ऐसी भयावह स्तिथि है जहाँ इंसान के पास अपनी मूलभूत जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं होते हैं। गरीबी और भुखमरी को समाज से दूर करने के लिए सिविल सर्वेंट इस विषय पर मंथन करके योजनाएं बनाते हैं। UPSC की परीक्षा में इस विषय पर भी सवाल पूछे जाते हैं, आज की इस एग्जाम अपडेट में आपको इस विषय की संक्षिप्त में जानकारी मिलेगी।
गरीबी किसे कहते हैं?
गरीबी एक ऐसी परिस्थति है जिसमें कोई व्यक्ति अथवा परिवार आर्थिक रूप से कमजोर होने पर अपने जीवन निर्वाह के लिये बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने में असमर्थ होता है। यह एक ऐसी स्तिथि है, जिसमें रहने वाला व्यक्ति या कोई परिवार मूलभूत सुविधाओं से वंछित रहता है।
गरीबी रेखा किसे कहते हैं?
यह किसी भी देश की आय का वह स्तर है जिससे कम आमदनी होने पर इंसान अपनी मूलभूत सुविधाओं जैसे रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा और इलाज को पूरा करने में असमर्थ होता है। अलग-अलग देश में गरीबी रेखा अलग-अलग होती है। किसी भी देश की सरकार, न्यायिक व्यवस्था और प्रशासन का पहला लक्ष्य गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को सशक्त करना और इन्हें मूलभूत सुविधाएं प्रदान करना होता है।
गरीबी के कारक
गरीबी किसी एक देश की समस्या नहीं है बल्कि यह तो वैश्विक स्तर पर चिंता का विषय है, निम्नलिखित कारकों के माध्यम से से गरीबी के विषय पर गहराई से जानकारी प्राप्त की जा सकती है-
- भौगोलिक कारक
- सामाजिक कारक
- आर्थिक कारक
- पर्यावरणीय कारक
गरीबी के संबंध में ध्यान देने वाली आवश्यक बातें
नीचे दिए गए बिन्दुओं के आधार पर ही गरीबी के संबंध में आप संक्षिप्त में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं-
- गरीबी को मापने के लिए गरीबी रेखा को एक विशिष्ट माध्यम माना जाता है।
- ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) 2022 में भारत को 121 देशों में से 107वां स्थान दिया गया है।
- यह 14 अक्टूबर 2022 को जारी किया गया था। यह इंडेक्स दुनिया भर में भूख के स्तर और कुपोषण की गणना करता है।
- ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) कंसर्न वर्ल्डवाइड और वेल्थुंगरहिल्फ़ द्वारा प्रकाशित किया जाता है।
- विश्व बैंक के अनुसार वैश्विक स्तर पर प्रति दिन $ 1.90 से कम की कमाई करने वाला व्यक्ति वैश्विक गरीबी में गिना जाता है।
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