Article 370 UPSC in Hindi:UPSC 2023:UPSC मेंस के लिए धारा 370 टॉपिक पर महत्वपूर्ण शॉर्ट नोट्स 

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Article 370 UPSC in Hindi

UPSC मेंस एग्जाम के लिए Article 370 UPSC in Hindi एक बहुत ही महत्वपूर्ण टॉपिक माना जाता है। इस साल इससे UPSC मेंस के पेपर में Article 370 UPSC in Hindi से  सम्बंधित प्रश्न पूछे जाने की उम्मीद जताई जा रही है। वर्तमान समय को देखते हुए इस विषय की प्रासंगिता और भी बढ़ जाती है। यहाँ Article 370 UPSC in Hindi से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण शॉर्ट नोट्स दिए जा रहे हैं। ये नोट्स छोटे हैं इसलिए याद करने में आसान हैं।  

मुख्य सुर्खियां 

  • 5 अगस्त 2019 के दिन कश्मीर से धारा 370 और 35A को हटाने की मंजूरी दे दी गई।  
  • राष्‍ट्रपति द्वारा अनुच्‍छेद 370 की धारा (1) के अंतर्गत संविधान (जम्‍मू और कश्‍मीर में लागू) संशोधन आदेश, 2019 जारी किये जाने के बाद संविधान (77वाँ संशोधन) अधिनियम, 1995 तथा संविधान (103वाँ संशोधन) अधिनियम, 2019 के माध्यम से भारतीय संविधान के संशोधित तथा प्रासंगिक प्रावधान लागू होंगे।

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धारा 370 के बारे में 

यहाँ Article 370 UPSC in Hindi के बारे में बताया जा रहा है : 

  • 17 अक्तूबर, 1949 को संविधान में शामिल, अनुच्छेद 370 भारतीय संविधान से जम्मू-कश्मीर को छूट देता है (केवल अनुच्छेद 1 और अनुच्छेद 370 को छोड़कर) और राज्य को अपने संविधान का मसौदा तैयार करने की अनुमति देता है। 
  • इस धारा को लागू करने की समय सीमा तब तक के लिए थी, जब तक कश्मीर से जुड़े सभी मुद्दों को सुलझा नहीं लिया जाता।  
  • धारा 370 कश्मीर को स्वायत्तता और कुछ विशेष अधिकार देता है।  
  • इसके अंतर्गत राज्य सरकार की अनुमति के बिना अशांति की स्थिति में भी इमरजेंसी लागू नहीं की जा सकती थी।  
  • राज्य का नाम और सीमाओं को इसकी विधायिका की सहमति के बिना बदला नहीं जा सकता।  
  • यह राज्य को अपना अलग संविधान और अलग ध्वज रखने की अनुमति प्रदान करता है।  
  • धारा 370 के कारण ही जम्मू कश्मीर की विधान सभा का कार्यकाल 6 वर्ष का हुआ करता था।  
  • भारतीय संसद केवल रक्षा, विदेश और संचार के मामलों में जम्मू-कश्मीर के संबंध में क़ानून बना सकती थी।  
  • राष्ट्रपति, लोक अधिसूचना द्वारा घोषणा कर सकते हैं कि इस अनुच्छेद को तब तक कार्यान्वित नहीं किया जा सकेगा जब तक कि राज्य विधानसभा इसकी सिफारिश नहीं कर देती है।  

कश्मीर का भारत में विलय 

कश्मीर का भारत में विलय निम्नलिखित स्थितियों में हुआ था : 

  • कश्मीर के शासक महाराजा हरि सिंह ने भारत और पकिस्तान दोनों में से इसी भी देश के साथ शामिल न होकर स्वतंत्र रहने का फैसला लिया था।  
  • पकिस्तान द्वारा कश्मीर को हड़पने के लिए किए गए हमले से बचने के लिए राजा हरि सिंह ने भारत जी मदद माँगी जिसके बदले में सरदार वल्लभ भाई पटेल ने कश्मीर को भारत में मिलाने की शर्त रखी।  
  • हरि सिंह ने 26 अक्तूबर, 1947 को इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन पर हस्ताक्षर किये और गवर्नर जनरल लॉर्ड माउंटबेटन ने 27 अक्तूबर, 1947 को इसे स्वीकार कर लिया।

धारा 370 को लागू किए जाने की प्रक्रिया 

यहाँ Article 370 UPSC in Hindi को लागू करने की प्रक्रिया के बारे में बताया जा रहा है : 

  • संशोधन और वार्ता के बाद धारा 370 का मूल मसौदा कश्मीर की सरकार की ओर से तैयार किया गया था। 
  • अनुच्छेद 306A (अब 370) 27 मई, 1949 को संविधान सभा में पारित किया गया था।

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धारा 370 को हटाए जाने की प्रक्रिया 

यहाँ Article 370 UPSC in Hindi हटाए जाने की प्रक्रिया के बारे में बताया जा रहा है : 

  • भारतीय संविधान के अनुसार धारा 370 एक अस्थाई प्रावधान था।  
  • इसे राज्य की विधानसभा से सहमति लेने के बाद संसद के द्वारा क़ानून बनाकर हटाने का प्रावधान है।  

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