UPSC मेंस एग्जाम के लिए Chandrayaan 2 UPSC in Hindi एक बहुत ही महत्वपूर्ण टॉपिक माना जाता है। इस साल इससे UPSC मेंस के पेपर में Chandrayaan 2 UPSC in Hindi से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाने की उम्मीद जताई जा रही है। वर्तमान समय को देखते हुए इस विषय की प्रासंगिता और भी बढ़ जाती है।
यहाँ Chandrayaan 2 UPSC in Hindi से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण शॉर्ट नोट्स दिए जा रहे हैं। ये नोट्स छोटे हैं इसलिए याद करने में आसान हैं।
मुख्य सुर्खियां
- 22 जुलाई 2019 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान 2 को लॉन्च किया गया था।
- इसका प्रक्षेपण 15 जुलाई, 2019 को ही किया जाना था लेकिन कुछ तकनीकी समस्याओं के कारण प्रक्षेपण के कुछ घंटे पहले इसे रोक दिया गया था।
- GSLV मार्क III की प्रथम परिचालन उड़ान थी।
- इसके अंतरिक्ष यान से अलग होने के तुरंत बाद ही सोलर ऐरे ऑटोमेटिक तरीके से तैनात हो गई थी और इस पर इसरो ने सफलता पूर्वक नियंत्रण स्थापित कर लिया था।
चंद्रयान 2 की उपलब्धियां
यहाँ Chandrayaan 2 UPSC in Hindi से सम्बंधित उपलब्धियों के बारे में बताया जा रहा है :
- चंद्रयान 2 ने चन्द्रमा के बाहरी वातावरण में ऑर्गन 40 गैस की मौजूदगी का पता लगाया था।
- चंद्रयान -1 द्वारा चंद्रमा की सतह पर पानी के अणुओं की उपस्थिति से जुड़े प्रमाण पर शोध को आगे बढ़ाने की दिशा में काम किया था।
- चंद्रयान -2 भारत द्वारा चंद्रमा की सतह पर उतरने का पहला प्रयास था।
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चंद्रयान 2 को चाँद पर भेजने के उद्देश्य
यहाँ Chandrayaan 2 UPSC in Hindi से सम्बंधित उद्देश्यों के बारे में बताया जा रहा है :
- प्राचीन चट्टानों और क्रेटरों के अध्ययन से चन्द्रमा की उत्पत्ति और विकास से जुड़ी सूचना प्राप्त करना।
- चंद्रयान 1 द्वारा चन्द्रमा की सतह पर पानी के अणुओं की उपस्थिति से जुड़े प्रमाणों की खोज से जुड़े अनुसंधानों की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना।
- चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर प्रारम्भिक सौर प्रणालियों के जीवाश्म रिकॉर्ड एकत्रित करना।
- चंद्रमा की सतह को मापना और इसका 3-D मानचित्र तैयार करना।
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चंद्रयान 2 से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
यहाँ Chandrayaan 2 UPSC in Hindi से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्यों बारे में बताया जा रहा है :
- चंद्रयान 2 को इसरो के द्वारा 22 जुलाई 2019 को लॉन्च किया गया था।
- यह इसरो का चन्द्रमा पर लैंड करने का पहला प्रयास था।
- चंद्रयान-2 मिशन सात सितंबर, 2019 को चंद्रमा पर उतरने की प्रक्रिया के दौरान उस समय फेल हो गया था, जब उसका लैंडर ‘विक्रम’ ब्रेक संबंधी प्रणाली में गड़बड़ी होने के कारण चंद्रमा की सतह से टकरा गया था.
- चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर में 8, लैंडर में 3 तथा रोवर में 2 पैलोड लगे थे।
- ऑर्बिटर का वज़न लगभग 2,369 किलोग्राम, जबकि लैंडर तथा रोवर के वज़न क्रमशः 1,477 किलोग्राम एवं 26 किलोग्राम था।
- चंद्रयान-2 मिशन की सबसे प्रमुख विशेषता पृथ्वी पर स्थापित तकनीक थी। इसके द्वारा अंतरिक्ष यान से इसरो के वैज्ञानिक आँकड़ों एवं सभी उपकरणों की जानकारी प्राप्त करने में सक्षम हो सकते थे।
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