UPSC Political Science Optional Syllabus in Hindi: जानिए UPSC वैकल्पिक राजनीति विज्ञान एवं अंतरराष्ट्रीय संबंध (PSIR) विषय का संपूर्ण सिलेबस, एग्जाम पैटर्न, बेस्ट बुक्स

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UPSC Political Science Optional Syllabus in Hindi

UPSC परीक्षा तीन भागों में कंडक्ट की जाती है जिसे प्रिमिल्स, मेंस और इंटरव्यू में विभाजित किया गया हैं। UPSC सिविल सर्विस के प्रिलिम्स परीक्षा को पास करने के बाद कैंडिडेट्स को मेंस एग्जाम को भी क्लियर करना अनिवार्य होता है। UPSC मेंस परीक्षा में कैंडिडेट्स को 48 वैकल्पिक विषयों में से किसी एक विषय को चुनने का विकल्प मिलता हैं। जिसमें एक प्रमुख वैकल्पिक विषय राजनीति विज्ञान एवं अंतरराष्ट्रीय संबंध का भी माना जाता है। UPSC मेंस एग्जाम में वैकल्पिक राजनीति विज्ञान एवं अंतरराष्ट्रीय संबंध (PSIR) विषय की तैयारी करने के लिए कैंडिडेट्स को राजनीति विज्ञान एवं अंतरराष्ट्रीय संबंध (PSIR) विषय के कंप्लीट सिलेबस की जानकारी जरूर होनी चाहिए। यहां UPSC Political Science Optional Syllabus in Hindi का कंप्लीट सिलेबस दिया जा रहा है। जिसके माध्यम से आप अपनी परीक्षा की तैयारी और बेहतर तरीके से कर पाएंगे। 

UPSC क्या है?

संघ लोक सेवा आयोग जिसे इंग्लिश में ‘यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन’ (UPSC) के नाम से भी जाना जाता है। यह भारतीय कॉन्स्टिट्यूशनल द्वारा स्थापित एक कॉन्स्टिट्यूशनल बॉडी है, जो भारत सरकार के लोकसेवा के पदाधिकारियों की रिक्रूटमेंट के लिए एग्जाम कंडक्ट करता है। भारतीय कॉन्स्टिट्यूशनल के भाग-14 के अंतर्गत अनुच्छेद 315-323 में एक यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन और राज्यों के लिए ‘स्टेट पब्लिक सर्विस कमीशन’ (SPSC) के गठन का प्रोविशन है। जिसके माध्यम से देश सबसे कठिन एग्जाम माने जाने वाले UPSC के माध्यम से देश के प्रमुख पदाधिकारियों की रिक्रूटमेंट की जाती है। जिसमें IAS, IPS, IFS, IRS और ITS जैसी अन्य पोस्ट शामिल होती हैं। 

UPSC वैकल्पिक राजनीति विज्ञान एवं अंतरराष्ट्रीय संबंध विषय का सिलेबस क्या है?

यहां UPSC Political Science Optional Syllabus in Hindi के मेंस वैकल्पिक विषय की कंप्लीट जानकारी दी जा रही है, जिन्हें आप नीचे दिए गए बिंदुओं में देख सकते हैं-

UPSC Political Science Optional Syllabus in Hindi पेपर – 1 

यहां कैंडिडेट्स के लिए UPSC Political Science Optional Syllabus in Hindi पेपर -1 का विस्तृत सिलेबस नीचे दिया गया है:- 

  • राजनैतिक सिद्धांत एवं भारतीय राजनीति:
    • राजनैतिक सिद्धांत: अर्थ एवं उपागम
    • राज्य के सिद्धांत: उदारवादी, नवउदारवादी, मार्क्सवादी, बहुवादी, पश्च-उपनिवेशी एवं नारी-अधिकारवादी।
    • न्याय: रॉल के न्याय के सिद्धांत के विशेष संदर्भ में न्याय के संप्रत्यय एवं इसके समुदायवादी समालोचक। 
    • समानता: सामाजिक, राजनैतिक एवं आर्थिक समानता एवं स्वतंत्रता के बीच संबंध, सकारात्मक कार्य।
    • अधिकारः अर्थ एवं सिद्धांत, विभिन्न प्रकार के अधिकार मानवाधिकार की संकल्पना। 
    • लोकतंत्र: क्लासिकी एवं समकालीन सिद्धांत, लोकतंत्र लोकतंत्र के विभिन्न मॉडल-प्रतिनिधिक, सहभागी एवं विमर्शी। 
    • शक्ति, प्राधान्य विचारधारा एवं वैधता की संकल्पना।
    • राजनैतिक विचारधाराएँ: उदारवाद, समाजवाद, मार्क्सवाद, फासीवाद, गांधीवाद एवं नारी अधिकारवाद।
    • भारतीय राजनैतिक चिंतन: धर्मशास्त्र, अर्थशास्त्र एवं बौद्ध परंपराएँ, सर सैयद अहमद खान, श्री अरविंद, एम.के. गांधी, बी.आर. अम्बेडकर, एम. एन. रॉय।
    • पाश्चात्य राजनैतिक चिंतन: प्लेटो, अरस्तु, मैकियावेली, हॉब्स, लॉक, जॉन एस मिल, मार्क्स, ग्राम्स्की, हान्ना आरेन्ट।
  • भारतीय शासन एवं राजनीति
  • भारतीय राष्ट्रवाद
    • (क) भारत के स्वाधीनता संग्राम की राजनैतिक कार्यनीतियां संविधानवाद से जन सत्याग्रह असहयोग, सविनय अवज्ञा एवं भारत छोड़ो, उग्रवादी एवं क्रांतिकारी आंदोलन, किसान एवं कामगार आंदोलन।
    • (ख) भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के परिप्रेक्ष्य उदारवादी समाजवादी एवं मार्क्सवादी, उग्रमानवतावादी एवं दलित।
  • भारत के संविधान का निर्माण: ब्रिटिश शासन का रिक्थ, विभिन्न सामाजिक एवं राजनैतिक परिप्रेक्ष्य।
  • भारत के संविधान की प्रमुख विशेषताएं: प्रस्तावना मौलिक अधिकार तथा कर्त्तव्य, नीति निर्देशक सिद्धांत, संसदीय प्रणाली एवं संशोधन प्रक्रिया, न्यायिक पुनर्विलो एवं मूल संरचना सिद्धांत।
    • (क) संघ सरकार के प्रधान अंग कार्यपालिका, विधायिका एवं सर्वोच्च न्यायालय की विचारित भूमिका एवं वास्तविक कार्यप्रणाली।
    • (ख) राज्य सरकार के प्रधान अंग कार्यपालिका, विधायिका एवं उच्च न्यायालयों की विचारित भूमिका एवं वास्तविक कार्यप्रणाली।
  • आधारिक लोकतंत्रः पंचायती राज एवं नगर शासन 73वें एवं 74वें संशोधनों का महत्व, आधारिक आंदोलन।
  • नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, वित्त आयोग, संघ लोक सेवा आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जातियां आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजातियां आयोग, राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग।
  • संघ राज्य पद्धति: सांविधानिक उपबंध केंद्र राज्य संबंधों का बदलता स्वरूप, एकीकरणवादी प्रवृत्तियां एवं क्षेत्रीय आकांक्षाएं, अंतर-राज्य विवाद।
  • योजना एवं आर्थिक विकास: नेहरूवादी एवं गांधीवादी परिप्रेक्ष्य योजना की भूमिका एवं निजी क्षेत्र, हरित क्रांति, भूमि सुधार एवं कृषि संबंध, उदारीकरण एवं आर्थिक सुधार।
  • भारतीय राजनीति में जाति, धर्म एवं नृजातीयता।
  • दल प्रणाली: राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय राजनैतिक दल, दलों के वैचारिक एवं सामाजिक आधार, बहुदलीय राजनीति के स्वरूप, दबाव समूह, निर्वाचक आचरण की प्रवृत्तियां विधायकों के बदलते सामाजिक-आर्थिक स्वरूप।
  • सामाजिक आंदोलन: नागरिक स्वतंत्रताएँ एवं मानवाधिकार आंदोलन, महिला आंदोलन, पर्यावरण आंदोलन।

UPSC Political Science Optional Syllabus in Hindi पेपर – 2  

यहां कैंडिडेट्स के लिए UPSC Political Science Optional Syllabus in Hindi पेपर – 2 का विस्तृत सिलेबस नीचे दिया गया है- 

  • तुलनात्मक राजनीति तथा अंतरराष्ट्रीय संबंध
    1. तुलनात्मक राजनीति: स्वरूप एवं प्रमुख उपागम, राजनैतिक अर्थव्यवस्था एवं राजनैतिक समाजशास्त्रीय परिप्रेक्ष्य; तुलनात्मक प्रक्रिया की सीमाएँ।
    2. तुलनात्मक परिप्रेक्ष्य में राज्य: पूंजीवादी एवं समाजवादी अर्थव्यवस्थाओं में राज्य के बदलते स्वरूप एवं उनकी विशेषताएं तथा उन्नत औद्योगिक एवं विकासशील समाज।
    3. राजनैतिक प्रतिनिधान एवं सहभागिता: उन्नत औद्योगिक एवं विकासशील समाजों में राजनैतिक दल, दबाव समूह एवं सामाजिक आंदोलन।
    4. भूमंडलीकरण: विकसित एवं विकासशील समाजों से प्राप्त अनुक्रियाएं।
    5. अंतरराष्ट्रीय संबंधों के अध्ययन के उपागम: आदर्शवादी, यथार्थवादी, मार्क्सवादी, प्रकार्यवादी एवं प्रणाली सिद्धांत।
    6. अंतरराष्ट्रीय संबंधों में आधारभूत संकल्पनाएँ: राष्ट्रीय हित, सुरक्षा एवं शक्ति, शक्ति संतुलन एवं प्रतिरोध पर राष्ट्रीय कर्ता एवं सामूहिक सुरक्षा विश्व पूंजीवादी अर्थव्यवस्था एवं भूमंडलीकरण।
    7. बदलती अंतर्राष्ट्रीय राजनीति व्यवस्था: महाशक्तियों का उदय, कार्यनीतिक एवं वैचारिक द्विधुरियता, शस्त्रीकरण की होड़ एवं शीत युद्ध, नाभिकीय खतरा।
    8. अंतरराष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था का उद्भव: ब्रेटनवुड से विश्व व्यापार संगठन तक, समाजवादी अर्थव्यवस्थाएँ तथा पारस्परिक आर्थिक सहायता परिषद (CMEA); नव  अंतरराष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था की तृतीय विश्व की मांग; विश्व अर्थव्यवस्था का भूमंडलीकरण।
    9. संयुक्त राष्ट्र: विचारित भूमिका एवं वास्तविक लेखा-जोखा; विशेषीकृत संयुक्त राष्ट्र अभिकरण लक्ष्य एवं कार्यकरण, संयुक्त राष्ट्र सुधारों की आवश्यकता।
    10.  विश्व राजनीति का क्षेत्रीकरण: EU, ASEAN, APEC, SAARC NAFTA
    11. समकालीन वैश्विक सरोकार: लोकतंत्र मानवाधिकार, पर्यावरण, लिंग न्याय, आतंकवाद, नाभिकीय प्रसार।
  • भारत तथा विश्व
    • भारत की विदेश नीति: विदेश नीति के निर्धारक, नीति निर्माण की संस्थाएं निरंतरता एवं परिवर्तन
    • गुट निरपेक्षता आंदोलन को भारत का योगदानः विभिन्न चरण, वर्तमान भूमिका
    • भारत और दक्षिण एशिया:
      • क्षेत्रीय सहयोग: SAARC पिछले निष्पादन एवं भावी प्रत्याशाएं
      • दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार क्षेत्र के रूप में
      • भारत की पूर्व अभिमुखन नीति
      • क्षेत्रीय सहयोग की बाधाएँ: नदी जल विवाद, अवैध सीमा पार उत्प्रवासन, नृजातीय द्वंद एवं उपप्लव, सीमा विवाद
  • भारत एवं वैश्विक दक्षिण: अफ्रीका एवं लातीनी अमेरिका के साथ संबंध NIEO एवं WTO वार्ताओं के लिये आवश्यक नेतृत्व की भूमिका। 
  • भारत एवं वैश्विक शक्ति केंद्र: संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोप संघ (EU), जापान, चीन और रूस।
  • भारत एवं संयुक्त राष्ट्र प्रणाली: संयुक्त राष्ट्र शांति अनुरक्षण में भूमिका, सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता की मांग।
  • भारत एवं नाभिकीय प्रश्न: बदलते प्रत्यक्षण एवं नीति।
  • भारतीय विदेश नीति में हाल के विकास: अफगानिस्तान में हाल के संकट पर भारत की स्थिति, इराक एवं पश्चिम एशिया US एवं इजराइल के साथ बढ़ते संबंध, नई विश्व व्यवस्था की दृष्टि।

UPSC राजनीति विज्ञान एवं अंतरराष्ट्रीय संबंध (PSIR) सिलेबस की PDF 

यहां UPSC राजनीति विज्ञान एवं अंतरराष्ट्रीय संबंध (PSIR) मेंस वैकल्पिक विषय के सिलेबस की यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन की ऑफिशियल सिलेबस की PDF दी जा रही है। जिसे आप आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं:-

यहां से करे डाउनलोड – UPSC सिलेबस PDF डाउनलोड लिंक 

UPSC राजनीति विज्ञान एवं अंतरराष्ट्रीय संबंध (PSIR) विषय की तैयारी के लिए बेस्ट बुक्स 

यहां UPSC राजनीति विज्ञान एवं अंतरराष्ट्रीय संबंध (PSIR) मेंस वैकल्पिक विषय की तैयारी कर रहे कैंडिडेट्स के लिए बेस्ट बुक्स की सूची नीचे दी गई टेबल में दी जा रही है। जिसके माध्यम से आप UPSC Political Science Optional Syllabus in Hindi की टॉपिक वाइज प्रिपरेशन कर सकते हैं:-

बुक का नामलेखकयहां से खरीदें
भारतीय की राजव्यवस्थाएम लक्ष्मीकांतयहां से खरीदें 
भारतीय राजनीतिक विचारकडॉ. ए पी अवस्थी यहां से खरीदें 
स्वतंत्र भारत की विदेश नीतिवी.पी. दत्तयहां से खरीदें
भारतीय शासनएम लक्ष्मीकांतयहां से खरीदें
हमारी संसदसुभाष कश्यपयहां से खरीदें 
अन्तर्राष्ट्रीय राजनीतिबी एल फाड़ियायहां से खरीदें 
समकालीन राजनीतिक सिद्धान्तबी.एल फाड़ियायहां से खरीदें 
राजनीतिक सिद्धांत की रूपरेखाओम प्रकाश गाबायहां से खरीदें 
तुलनात्मक राजनीतिसी.बी. गेनायहां से खरीदें
तुलनात्मक राजनीति की रूपरेखाओम प्रकाश गाबायहां से खरीदें

UPSC में कितने पेपर होते है?

UPSC परीक्षा को तीन मुख्य भागों में विभाजित किया गया है। जिसमें प्रिलिम्स परीक्षा, मेंस परीक्षा और इंटरव्यू शामिल होता हैं। प्रिलिम्स परीक्षा एक स्क्रीनिंग परीक्षा है जो कैंडिडेट्स को अगले चरण, यानी मेंस परीक्षा के लिए योग्य बनाती है। मेंस एग्जाम में पास होने वाले कैंडिडेट्स ही इंटरव्यू के लिए योग्य माने जाते हैं। 

  1. प्रिलिम्स परीक्षा
  2. मेंस परीक्षा
  3. इंटरव्यू 

UPSC परीक्षा का एग्जाम पैटर्न क्या है?

UPSC प्रिलिम्स सिविल सर्विस एग्जाम का स्क्रीनिंग चरण है जो हर साल यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) द्वारा कंडक्ट किया जाता है। इस चरण को मुख्यत प्रिलिम्स एग्जाम के नाम से जाना जाता है। यहां UPSC प्रिलिम्स एग्जाम के दोनों क्वेश्चन पेपर्स का एग्जाम पैटर्न नीचे दी गई टेबल में दिया जा रहा हैं-

प्रिमिल्स एग्जाम – जनरल स्टडी 

क्वेश्चन की संख्या100
कुल मार्क्स 200 
एग्जाम टाइमिंग 2 घंटे
नेगेटिव मार्किंग एक तिहाई
एग्जाम टाइप ऑब्जेक्टिव टाइप

प्रिलिम्स एग्जाम – सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट (CSAT)

क्वेश्चन की संख्या80
कुल मार्क्स 200 
एग्जाम टाइमिंग 2 घंटे
नेगेटिव मार्किंग एक तिहाई
एग्जाम टाइप ऑब्जेक्टिव टाइप

नोट – कैंडिडेट्स को UPSC प्रिलिम्स एग्जाम के दोनों पेपर में सम्मिलित होना अनिवार्य होता हैं। यदि कोई कैंडिडेट UPSC के दोनों GS-1 और GS-2 पेपर में शामिल नहीं होता तो वह अयोग्य ठहराया जाएगा। UPSC प्रिलिम्स का का दूसरा पेपर सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट (CSAT) क्वालीफाइंग नेचर का होता है जिसमें पास होने के लिए  मिनिमस 33% मार्क्स होने अनिवार्य होते है। 

UPSC मेंस एग्जाम

विषय कुल मार्क्स 
पेपर A: अनिवार्य भारतीय भाषा 300 
पेपर B: इंग्लिश  300 
पेपर I: निबंध250 
पेपर II: सामान्य अध्ययन – I250 
पेपर III: सामान्य अध्ययन – II250 
पेपर IV: सामान्य अध्ययन – III250 
पेपर V: सामान्य अध्ययन – IV250 
पेपर VI: वैकल्पिक – I250 
पेपर VII: वैकल्पिक – II250 

नोट: UPSC के दोनों एग्जाम में क्वालीफाई करने के बाद स्टूडेंट्स के मार्क्स के आधार पर मेरिट तैयार की जाती है। जिसके अनुसार टॉप रैंक प्राप्त करने वाले कैंडिडेट्स को इंटरव्यू के लिए आमंत्रित किया जाता हैं।  

UPSC के लिए योग्यता क्या है?

UPSC परीक्षा के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता ग्रेजुएशन होती है। UPSC के सिविल सर्विस एग्जाम में हिस्सा लेने के लिए कैंडिडेट को भारत के किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से ग्रेजुएशन कंप्लीट करनी होगी। इसके साथ ही ग्रेजुएशन के तृतीय वर्ष यानी आखिरी वर्ष के स्टूडेंट्स भी UPSC की परीक्षा देने के लिए योग्य माने जाते हैं। 

UPSC एग्जाम के लिए आयु सीमा 

  • जनरल वर्ग और EWS : 21 से 32 वर्ष
  • विशेष पिछड़ा वर्ग यानी OBC : 21 से 35 वर्ष
  • अनुसूचित जाति / अनुसूचित जन जाति : 21 से 37 वर्ष
  • शारीरिक रूप से अक्षम : 21 से 42 वर्ष

FAQs

पीएसआईआर वैकल्पिक क्या है?

राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंध (PSIR) UPSC मुख्य परीक्षा के लिए लोकप्रिय UPSC वैकल्पिक विषयों में से एक माना जाता है। राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंध से कैंडिडेट्स को जटिल विषयों का अध्ययन करने का अवसर मिलता है। 

क्या यूपीएससी के लिए राजनीति विज्ञान अनिवार्य है?

यूपीएससी प्रीलिम्स के लिए सामान्य विज्ञान, भूगोल, भारतीय राजनीति और शासन, इतिहास, सामान्य विज्ञान और आर्थिक विकास सभी अनिवार्य विषय हैं।

क्या मुझे पीएसआईआर वैकल्पिक लेना चाहिए?

UPSC मेंस परीक्षा में कैंडिडेट्स को 48 वैकल्पिक विषयों में से किसी एक वैकल्पिक विषय को चुनने का विकल्प मिलता हैं। जिसमें एक प्रमुख वैकल्पिक विषय राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंध (PSIR) का भी माना जाता है जोकि एक स्कोरिंग पेपर होता हैं। जिसे आप UPSC मेंस वैकल्पिक विषय के रूप में चुन सकते हैं। 

UPSC राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंध वैकल्पिक विषय में कौन से टॉपिक शामिल हैं?

UPSC  राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंध वैकल्पिक सिलेबस में राजनैतिक सिद्धांत एवं भारतीय राजनीति, भारतीय शासन एवं राजनीति, तुलनात्मक राजनीति तथा  अंतरराष्ट्रीय संबंध और भारत तथा विश्व आदि टॉपिक शामिल हैं।

यूपीएससी पास करने के लिए कुल कितने नंबर होने चाहिए?

UPSC प्रीलिम्स के लिए आपको 200 अंकों में से 120 अंकों को प्राप्त करना अनिवार्य है। जहाँ आपको प्रत्येक सवाल के सही आंसर के लिए 2 अंक और सवाल गलत हो जाने पर नेगेटिव मार्किंग के 0.66 अंक कट जाते हैं। इसी प्रकार आपको UPSC मेंस में पास होने के लिए आपको 1750 अंकों में से न्यूनतम 900 या 950 से अधिक अंक लाने ही होते हैं।

UPSC में कितने विषय हैं?

यूपीएससी में कुल नौ अनिवार्य विषय होते हैं। जिसमें सात पेपरों के अलावा, दो क्वालीफाइंग पेपर, पेपर-ए (भारतीय भाषा) और पेपर-बी (अंग्रेजी भाषा) का होता हैं। 

उम्मीद है कि आपको UPSC Political Science Optional Syllabus in Hindi ब्लाॅग में यूपीएससी राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंध (PSIR) सिलेबस की पूरी जानकारी मिल गई होगी, जिससे आपको UPSC परीक्षा क्लियर करने में मदद मिलेगी। ऐसे ही UPSC से जुड़े ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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