प्रमुख सुर्खियां
- गीता प्रेस गोरखपुर को जो कि हिन्दू धर्म से सम्बंधित ग्रंथों का प्रकाशन करता है, उसे भारत सरकार द्वारा वर्ष 2021 के लिए गाँधी शांति पुरस्कार (Gandhi Peace Prize) प्रदान करने का फैसला किया गया है।
- यह पुरस्कार इस संस्था को अपनी किताबों के द्वारा महात्मा गाँधी के विचारों का प्रकाशन और प्रचार प्रसार करने के लिए दिया जा रहा है।
महत्वपूर्ण बातें
- यह पुरस्कार भारत सरकार द्वारा सन 1995 में महात्मा गाँधी की 125वीं जयन्ती पर अहिंसा के लिए काम करने वाले लोगों को सम्मानित करने के लिए शुरू किया गया था।
- इसमें एक करोड़ की पुरस्कार राशि प्रदान की जाती है।
- इसमें पुरस्कार राशि के अलावा एक पट्टिका, एक प्रशस्ति पत्र और एक हाथ से बना परम्परागत हथकरघा उत्पाद शामिल होता है।
- यह पुरस्कार महामहिम राष्ट्रपति के द्वारा राष्ट्रपति भवन में प्रदान किया जाता है।
- यह पुरस्कार दो लोगों/संस्थाओं के बीच विभाजित भी किया जा सकता है।
इस आधार पर किया जाता है चयन
- यह पुरस्कार उन व्यक्तियों या संस्थाओं को दिया जाता है जिन्होंने शांति और अहिंसा के लिए निस्वार्थ भाव से काम किया है।
- यह पुरस्कार बिना किसी धर्म/जाति/भाषा/ लिंग आदि के आधार पर बिना किसी भेदभाव के दिया जाता है।
- यह पुरस्कार किसी विदेशी व्यक्ति को भी प्रदान किया जा सकता है।
गीता प्रेस गोरखपुर के बारे में
- गीता प्रेस गोरखपुर को 1923 में जया दयाल गोयनका और हनुमान प्रसाद पोद्दार द्वारा स्थापित किया गया था।
- यह 14 भाषाओं में हिंदू धार्मिक ग्रंथों को प्रकाशित करती है।
- यह संस्था गीता प्रेस कल्याण नाम से एक मासिक पत्रिका भी निकालता है जिसमें आध्यात्मिकता, नैतिकता और इतिहास के विषयों से जुड़े लेख प्रकशित होते हैं।
- यह संस्था गोरखपुर में कल्याण चिकित्सालय के नाम से एक हॉस्पिटल भी चलता है जहाँ गरीबों को मुफ्त इलाज और दवाएं प्रदान की जाती हैं।
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