दुनियाभर की विभिन्न संस्कृतियों में जड़ी-बूटियों और मसालों का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। यह न केवल हमारे भोजन में स्वाद जोड़ते हैं बल्कि यह अनेक पोषक तत्वों से भी भरपूर होते हैं। इनमें प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और खनिज पाए जाते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं। ऐसे में इन जड़ी-बूटी और मसालों के उपयोग के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल जून के महीने में राष्ट्रीय जड़ी-बूटी और मसाला दिवस (National Herbs and Spices Day in Hindi) मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की शुरुआत कैसे और कहाँ से हुई, इसे जानने के लिए यह लेख पूरा पढ़िए।
This Blog Includes:
- राष्ट्रीय जड़ी-बूटी एवं मसाला दिवस क्या है? – National Herbs and Spices Day in Hindi
- राष्ट्रीय जड़ी-बूटी एवं मसाला दिवस का इतिहास
- राष्ट्रीय जड़ी बूटी और मसाला दिवस टाइमलाइन
- राष्ट्रीय जड़ी-बूटी एवं मसाला दिवस का महत्व
- राष्ट्रीय जड़ी-बूटी और मसाला दिवस कैसे मनाएं?
- जड़ी बूटियों और मसालों के हैरान कर देने वाले तथ्य
- जड़ी बूटियों और मसालों में अंतर
- FAQs
राष्ट्रीय जड़ी-बूटी एवं मसाला दिवस क्या है? – National Herbs and Spices Day in Hindi
हर साल 10 जून को विशेष रूप से अमेरिका में राष्ट्रीय जड़ी-बूटी एवं मसाला दिवस (National Herbs and Spices Day in Hindi) मनाया जाता है। यह दिन व्यंजनों में उपयोग किये जाने वाले जड़ी-बूटि और मसालों के महत्व को सम्मानित करने का अवसर प्रदान करता है। यह दिवस हमें सूखे और ताज़े दोनों रूपों में जड़ी-बूटियों और मसालों के उपयोग के बारे जागरूकता फैलाने का मंच प्रदान करता है। जड़ी-बूटी और मसाले न केवल हमारे भोजन को स्वादिष्ट बनाते हैं बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होते हैं। इस दिवस को मनाने की शुरुआत अमेरिका से हुई थी लेकिन आज यह दिवस दुनियाभर के अनेक देशों में मनाया जा रहा है।
राष्ट्रीय जड़ी-बूटी एवं मसाला दिवस का इतिहास
राष्ट्रीय जड़ी-बूटी एवं मसाला दिवस (National Herbs and Spices Day in Hindi) का इतिहास 1999 से शुरू होता है। 1999 में इस दिवस की स्थापना हुई थी। वहीं पहली बार राष्ट्रीय जड़ी-बूटी एवं मसाला दिवस आधिकारिक तौर पर वर्ष 2015 में मनाया गया था। तब से लेकर यह दिवस हर साल मनाया जा रहा है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य था जड़ी बूटियों के महत्व को बढ़ावा देना और उनके उपयोग के बारे में जागरूकता फैलाना।
राष्ट्रीय जड़ी बूटी और मसाला दिवस टाइमलाइन
राष्ट्रीय जड़ी बूटी और मसाला दिवस टाइमलाइन आप नीचे दिए गए टेबल में देख सकते है :
वर्ष | राष्ट्रीय जड़ी-बूटी एवं मसलों का इतिहास |
1500 के दशक में | खोज के युग में यूरोपीय नाविकों ने नए समुद्री मार्गों की खोज की, जिसके परिणामस्वरूप दुनियाभर के देशों के बीच व्यापार में वृद्धि हुई। इससे वैश्विक मसाला व्यापार का विस्तार हुआ और विभिन्न संस्कृतियों को नई जड़ी-बूटियों और मसालों से परिचित कराया गया। |
1600 के दशक में | जड़ी-बूटियों का उपयोग चिकित्सा में किया जाने लगा। चिकित्सा में जड़ी-बूटियों का उपयोग विशेषरूप से इंग्लैंड में लोकप्रिय था। |
1800 के दशक में | बड़े पैमाने में जड़ी-बूटी एवं मसलों का उपयोग क्षेत्रीय व्यंजनों में किया जाने लगा। |
1950 के दशक में | लोगों ने अपने घर पर जड़ी-बूटियाँ और मसाले उगाने शुरू कर दिए। |
2000 में | 21वीं सदी में, अध्ययनों से जड़ी-बूटियों और मसालों के अनेक स्वास्थ्य लाभ सामने आए जिससे इसकी लोकप्रियता और बढ़ गयी। |
2015 में | जड़ी-बूटी एवं मसलों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए पहला राष्ट्रीय जड़ी-बूटी और मसाला दिवस मनाया गया। |
राष्ट्रीय जड़ी-बूटी एवं मसाला दिवस का महत्व
राष्ट्रीय जड़ी-बूटी एवं मसाला दिवस (National Herbs and Spices Day in Hindi) जड़ी बूटियों एवं मसालों के महत्व को दर्शाता है। दुनियाभर में जड़ी-बूटियों और मसालों में कई स्वास्थ्य लाभ हैं। यह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते है जो कई रोगों से बचाने में मदद करते हैं। इस दिवस के महत्व निम्नलिखित है :
- यह दिन जड़ी-बूटियों और मसालों के महत्व को याद दिलाता है।
- यह दिवस हमें जड़ी-बूटियों और मसालों का सम्मान करने और उनके उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित करता है।
- जड़ी बूटी एवं मसाले देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाते है।
राष्ट्रीय जड़ी-बूटी और मसाला दिवस कैसे मनाएं?
राष्ट्रीय जड़ी-बूटी और मसाला दिवस को मनाने के तरीके निम्नलिखित है :
- इस दिन आप अपने परिवार दोस्तों को जड़ी-बूटी एवं मसलों के महत्व के बारे में बता सकते हैं।
- सोशल मीडिया पर जड़ी-बूटी एवं मसलों से संबंधित पोस्ट साझा कर सकते हैं।
- अपने स्थानीय समुदाय में प्रदर्शनी का आयोजन कर सकते हैं।
- स्थानीय किसानों से ताजा जड़ी-बूटी और मसाले खरीद सकते हैं।
जड़ी बूटियों और मसालों के हैरान कर देने वाले तथ्य
जड़ी बूटियों और मसालों के हैरान कर देने वाले तथ्य निम्नलिखित है :
- केसर, दुनिया का सबसे महंगा मसाला है। इसकी कीम 500 रुपये प्रति ग्राम से लेकर 700 रुपये प्रति ग्राम के बीच हो सकती है।
- काली मिर्च को मसालों के राजा के रूप में जाना जाता है।
- जीरा एक प्राचीन मसाला है जिसका इतिहास ग्रीक और रोमन साम्राज्यों से जुड़ा है।
- पहले के समय में लहसुन को इसके औषधीय और जादुई गुणों के लिए जाना जाता था।
- धनिया, एक ऐसा मसाला है जिसकी खोज मिस्र की कब्रों में लगभग 1,000 ईसा पूर्व में हुई थी।
- लाल मिर्च, विटामिन सी के सबसे उच्च स्रोतों में से एक है।
- गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने हाल ही में ‘पेपर एक्स’ को दुनिया की सबसे तीखी मिर्च का खिताब दिया है।
जड़ी बूटियों और मसालों में अंतर
जड़ी-बूटी ताजे या सूखे पौधों की पत्तियाँ हैं जिनमें कई औषधीय गुण होते हैं। इसका इस्तेमाल हज़ारों सालों से विभिन्न संस्कृतियों में दवा के रूप में किया जाता है। जड़ी-बूटियों के कुछ सामान्य प्रकार हैं : तुलसी, पुदीना, रोज़मेरी, एलोवेरा, हल्दी, नीम आदि। जबकि मसाले पौधों के बीज, फल, छाल, फूल, जड़े और अन्य भाग होते हैं जिनका उपयोग व्यंजनों में स्वाद, सुगंध और रंग लाने के लिए किया जाता है। मसालों का इस्तेमाल हमेशा सूखाकर (और अक्सर पीसकर) खाना पकाने में किया जाता है। मसालों के कुछ सामान्य प्रकार है : दालचीनी, जीरा, इलायची, धनिया काली मीर्च, हींग आदि। यह सभी मसालें पाचन में सुधार, रोड प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, दर्द और सूजन को काम करने में मदद करता है।
FAQs
भारत में राष्ट्रीय जड़ी बूटी और मसाला दिवस हर साल 10 जून को मनाया जाता है।
गानोडर्मा को जड़ी बूटियों का राजा कहा जाता है क्योंकि इसमें डिटॉक्सीफिकेशन और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के गुण होते हैं।
नीम और हल्दी दुनिया की सबसे अधिक शक्तिशाली जड़ी बूटी है।
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