खुदीराम बोस का जन्म कहां हुआ था और भारत के स्वाधीनता संग्राम में उनका बलिदान 

1 minute read
खुदीराम बोस का जन्म कहां हुआ था 

खुदीराम बोस भारत के स्वाधीनता संग्राम के प्रमुख नायकों में से एक हैं। वे उन शूरवीरों में से एक हैं, जिन्होंने बहुत छोटी आयु में ही भारत माता को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त कराने के लिए अपने प्राणों का बलिदान दे दिया और इतिहास में हमेशा के लिए अमर हो गए। उनके जैसे वीरों कारण ही आज हम आज़ाद भारत में सांस ले पा रहे हैं। खुदीराम बोस एक युवा क्रांतिकारी थे जिनकी शहादत ने अन्य युवाओं को देश की आज़ादी की लड़ाई में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। यहाँ खुदीराम बोस का जन्म कहाँ हुआ था? इस बारे में विस्तार से बताया जा रहा है।

खुदीराम बोस का जन्म कहां हुआ था? 

खुदीराम बोस का जन्म 3 दिसंबर, 1889 को मोहोबनी, बंगाल में त्रैलोक्यनाथ बोस और लक्ष्मीप्रिया देवी के घर हुआ था। उन्होंने छोटी उम्र में ही अपने माता पिता को खो दिया था और उनका लालन पालन उनकी बड़ी बहन और उनके पति ने किया था। खुदीराम बोस ने किशोरावस्था से ही स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेना शुरू कर दिया था।  

खुदीराम बोस की क्रांतिकारी गतिविधियां और देश की आज़ादी में उनका योगदान 

  • वर्ष 1902 और 1903 में श्री अरबिंदो और सिस्टर निवेदिता ने भारत की आज़ादी के लिए जगह जगह भाषण दिए और कार्यक्रम आयोजित किए। उस समय खुदीराम बोस ने इन कार्यक्रमों में सक्रीय भूमिका निभाई थी।  
  • खुदीराम बोस ने एक अन्य क्रांतिकारी प्रफुल्ल के साथ मिलकर किताब बेम बनाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। 
  • खुदीराम बोस ने प्रफुल्ल के साथ मिलाकर एक क्रूर ब्रिटिश मजिस्ट्रेट को बम से उड़ाने की योजना बनाई थी।  
  • ब्रिटिश मजिस्ट्रेट को बम से उड़ाने के बाद खुदीराम बोस ने उसे भागने में मदद की थी। 

खुदीराम बोस की फांसी 

दो लोगों के गुट में, खुदीराम बोस इकलौते ज़िंदा बचे साज़िशकर्ता थे। लोगों का ऐसा अनुमान था कि खुदीराम बोस को मांफ कर दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और ब्रिटिश जजों ने उनकी फांसी की सज़ा पर मोहर लगा दी। 11 अगस्त 1908 को वे गीता की एक प्रति हाथ में लेकर फांसी के तख्ते पर झूल गए। 

“बंगाल का बहादुर लड़का” की मिली उपाधि 

खुदीराम बोस भारत के इतिहास में आज़ादी की लड़ाई के लिए सबसे कम उम्र में फांसी की सज़ा पाने वाले क्रांतिकारी हैं। जिस समय उन्हें फांसी की सज़ा हुई उस समय उनकी आयु मात्र 18 वर्ष थी। उनके इस अवस्मरणीय बलिदान के कारण ही उन्हें इतिहस में “बंगाल का बहादुर लड़का” के नाम से भी जाना जाता है। 

सम्बंधित आर्टिकल्स 

विश्व दुग्ध दिवसवैश्विक माता पिता दिवस
तेलंगाना स्थापना दिवसविश्व साइकिल दिवस
विश्व पर्यावरण दिवसराष्ट्रीय उच्च शिक्षा दिवस
विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस राष्ट्रीय सर्वश्रेष्ठ मित्र दिवस

आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको खुदीराम बोस का जन्म कहां हुआ था? से जुड़ी पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

प्रातिक्रिया दे

Required fields are marked *

*

*