आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी हिंदी साहित्य के विद्वान आचार्य माने जाते हैं। उनके द्वारा लिखित ‘हिंदी साहित्य की भूमिका’ ने हिंदी साहित्य के इतिहास को देखने का नया दृष्टिकोण दिया। बता दें कि हिंदी साहित्य में अपना विशेष योगदान देने के लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा वर्ष 1957 में ‘पद्मभूषण’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनकी पुस्तकों ‘नाथ संप्रदाय’ और ‘कबीर’ ने हिंदी साहित्य में निर्गुण भक्ति साहित्य को रेखांकित किया, जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए। इसलिए आज के इस ब्लॉग में हम Hazari Prasad Dwivedi Books in Hindi के बारे में जानेंगे।
हजारी प्रसाद द्विवेदी के बारे में
आचार्य हज़ारी प्रसाद द्विवेदी एक हिन्दी निबन्धकार, आलोचक, उपन्यासकार, नाटककार और कवि थे। वे हिंदी, अंग्रेज़ी, संस्कृत और बाङ्ला भाषाओं के विद्वान थे। हजारी प्रसाद द्विवेदी का जन्म 19 अगस्त 1907 को गाँव ‘आरत दुबे का छपरा’, जिला छपरा, उत्तर प्रदेश में हुआ था। बता दें कि द्विवेदी जी का मूल नाम ‘बैजनाथ द्विवेदी’ था किंतु हिंदी जगत में वह आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के नाम से जाने जाते थे। सन 1957 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। हजारी प्रसाद द्विवेदी के पिता का नाम श्री अनमोल द्विवेदी और माता का नाम श्रीमती ज्योतिष्मती था। इनका परिवार ज्योतिष विद्या के लिए प्रसिद्ध था।
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Hazari Prasad Dwivedi Books in Hindi
हजारी प्रसाद द्विवेदी की किताबें यहाँ दी गई हैं :
संख्या | पुस्तकें | लिंक |
1 | पृथ्वीराज रासो | यहाँ से खरीदें |
2 | हिंदी साहित्य के आदिकाल | यहाँ से खरीदें |
3 | नाथ सिद्धों की रचनाएँ | यहाँ से खरीदें |
4 | भावी वसन्त-विभ्राट् | यहाँ से खरीदें |
5 | बाणभट्ट की आत्मकथा | यहाँ से खरीदें |
6 | नाथ सिद्धों की बाणियां | यहाँ से खरीदें |
7 | कुटज | यहाँ से खरीदें |
8 | अनामदास का पोथा | यहाँ से खरीदें |
9 | आलोक पर्व | यहाँ से खरीदें |
10 | विचार प्रवाह | यहाँ से खरीदें |
11 | नाथ संप्रदाय | यहाँ से खरीदें |
12 | कबीर | यहाँ से खरीदें |
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FAQs
द्विवेदी जी का मूल नाम बैजनाथ द्विवेदी था। किंतु साहित्य जगत में उन्हें आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के नाम से जाना जाता था।
आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी का जन्म 19 अगस्त, 1907 को गाँव ‘आरत दुबे का छपरा’, जिला छपरा, उत्तर प्रदेश में हुआ था।
द्विवेदी जी के पिता का नाम पंडित अनमोल द्विवेदी’ था जो ज्योतिष विद्या व संस्कृत के प्रकांड पंडित थे।
बता दें कि वर्ष 1973 में उन्हें ‘आलोक पर्व’ निबंध-संग्रह के लिए ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था।
आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी जी का 72 वर्ष की आयु में ब्रेन ट्यूमर की बीमारी के कारण 19 मई 1979 को निधन हो गया था।
आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको Hazari Prasad Dwivedi Books in Hindi पता चली होंगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।