दादा भाई नरौजी का जन्म नवसारी में एक गुजराती भाषी पारसी परिवार में हुआ थाI उन्होंने पारसी धर्म की मूल शुद्धता और सादगी को दोबारा स्थापित करने के लिए उन्होंने रहनुमाई मज़्दायासन सभा का आयोजन किया थाI दादा भाई एक राजनैतिज्ञ और शिक्षाविद होने के साथ साथ एक समाज सुधारक भी थेI भारतीय समाज के लिए किए गए उनके महान कार्यों के कारण ही उन्हें ‘भारत के ग्रैंड ओल्ड मैन’ कहा जाता हैI वे कांग्रेस के दूसरे अध्यक्ष थेI उन्होंने भारतीयों की आवाज़ को उठाने का कार्य किया थाI यहाँ दादा भाई नरौजी का जन्म कब हुआ था के साथ साथ उनके प्रमुख कार्यों के बारे में बताया जा रहा हैI
दादा भाई नौरोजी का जन्म कब हुआ था?
उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में काफी योगदान दिया थाI उन्हें बॉम्बे के एलफिंस्टन कॉलेज में गणित और प्राकृतिक दर्शनशास्त्र का प्रोफेसर नियुक्त किया गया थाI अंग्रेजों के समय में कोई शैक्षिक पद पाने वाले पहले भारतीय बने थेI वे एक सफल व्यापारी भी थेI कपास ट्रेडिंग कंपनी,दादाभाई नौरोजी एंड कंपनी की स्थापना की थीI
दादाभाई नरौजी के द्वारा किए गए प्रमुख कार्य
दादाभाई नरौजी ने देशहित में अनेक कार्य किए थेI उनके द्वारा किए गए कुछ प्रमुख कार्य इस प्रकार हैं:
- 1854 में रास्त गोफ्तार एंग्लो-गुजराती समाचार पत्र शुरू किया।
- पारसी धर्म के उत्थान के लिए सभा का आयोजन कियाI
- तीन बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में कार्य कियाI
- भारत में रोजगार बढ़ाने के लिए स्वदेशी कपास कंपनी की शुरुआत कीI
- बॉम्बे विश्वविद्यालय में गणित और प्राकृतिक दर्शन के प्रोफ़ेसर के रूप में कार्य कियाI
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