शिक्षा मंत्रालय ने एक बड़े अभियान में सफलता प्राप्त करते हुए 1 लाख से अधिक बच्चियों को फॉर्मल एजुकेशन से दोबारा जोड़ा है। अधिकारियों के मुताबिक यह डाटा जुलाई 2022 के बाद का है और इन बच्चियों की आयु 11 से 14 साल के बीच है।
“कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव” मिशन के तहत चलाया गया ऑपरेशन
इस मिशन का नाम “कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव” रखा गया था। इस मिशन के लिए शिक्षा मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने साथ मिलकर काम किया है। इस मिशन के तहत जुलाई 2022 से अब तक एक लाख बच्चियों को वापस स्कूली शिक्षा से जोड़ने में मदद मिली है।
आंगनवाड़ी वर्कर्स की भी ली गई मदद
ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चियों को स्कूलों में वापस लाने के लिए आंगनवाड़ी वर्कर्स की मदद भी ली गई है। आंगनवाड़ी वर्कर्स ने शिक्षा विभाग के अधिकारीयों के साथ मिलकर स्कूल छोड़ चुकी लड़कियों का डाटा इकठ्ठा करने में बड़ी भूमिका निभाई है। “कन्या शिक्षा प्रवेश” मिशन की शुरुआत महिला एवं बाल कल्याण मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा लॉन्च की गई थी।
14 से 18 साल के एजग्रुप की बच्चियों पर काम करेगा मिशन
“कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव” के जरिये 11 से 14 साल के बीच के उम्र के कन्याओं की स्कूल वापसी कराई गई थी। अब इस मिशन का अगला पड़ाव स्कूल छोड़ चुकी 14 से 18 साल के एजग्रुप की बच्चियों को वापस स्कूल की तरफ लाने का काम करेगा। इस संबंध में कार्य शुरू भी किया जा चुका है।
पोषण अभियान की भी की गई शुरुआत
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा स्कूली बच्चियों को न्यूट्रीशियस डाइट प्रदान करने के लिए पोषण अभियान की भी शुरुआत की गई है। इस मिशन के तहत 14 से 18 साल तक की बच्चियों के लिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उन्हें पूरी तरह से पोषक आहार मिल सके।
इस मिशन के तहत 14 साल से कम उम्र की बच्चियों को शामिल नहीं किया जाएगा क्योंकि उन्हें मिड डे मील के तहत पहले ही न्यूट्रीशियस डाइट मिल जाती है। इस मिशन का पूरा ध्यान बस 14 से 18 साल के बीच की कन्याओं तक पोषक आहार पहुंचाने तक ही रहेगा। इस सम्बन्ध में मंत्रालय द्वारा हेल्पलाइन नंबर 14408 भी जारी कर दिया गया है।
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