राजनीति विज्ञान एक सामाजिक विज्ञान है जिसका संबंध राज्य, सरकार, और राजनीतिक शक्ति के अध्ययन से होता है। राजनीति राजनीति विज्ञान का अध्ययन करने से विद्यार्थियों को राजनीति के सिद्धांतों, संस्थानों, और व्यवहार की विस्तार से संपूर्ण जानकारी मिलती है। आसान भाषा में कहा जाए तो राजनीति विज्ञान का उद्देश्य विद्यार्थियों को राजनीतिक व्यवस्थाओं के काम करने के तरीकों, और लोगों के जीवन को प्रभावित करने वाले कारकों के बारे में बताना होता है। Political Science Books in Hindi के माध्यम से आप राजनीति विज्ञान की संपूर्ण जानकारी के साथ-साथ, इस विषय से जुड़ी राजनीति की पुस्तकों के बारे में जान पाएंगे। राजनीति विज्ञान से जुड़ी जानकारी को प्राप्त करने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें।
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राजनीति विज्ञान क्या है?
राजनीति विज्ञान विधिपूर्वक विविध है, जो कि मनोविज्ञान, सामाजिक अनुसंधान और संज्ञानात्मक तंत्रिका विज्ञान में उत्पन्न कई विधियों को विनियोजित करता है। राजनीति विज्ञान के दृष्टिकोण में प्रत्यक्षवाद, व्याख्यावाद, तर्कसंगत विकल्प सिद्धांत, व्यवहारवाद, संरचनावाद, उत्तर-संरचनावाद, यथार्थवाद, संस्थागतवाद और बहुलवाद शामिल होता हैं। राजनीति विज्ञान, सामाजिक विज्ञान में से एक के रूप में, तरीकों और तकनीकों का उपयोग करता है, जो कि प्राथमिक स्रोत, जैसे ऐतिहासिक दस्तावेज और आधिकारिक रिकॉर्ड, माध्यमिक स्रोत जैसे कि विद्वानों के जर्नल लेख, सर्वेक्षण अनुसंधान, सांख्यिकीय विश्लेषण, केस स्टडीज, प्रयोगात्मक अनुसंधान, और मॉडल निर्माण इत्यादि से संबंधित होता है।
मूल
सामाजिक राजनीतिक विज्ञान के रूप में, समकालीन राजनीतिक विज्ञान ने 19 वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में आकार लेना शुरू किया। उस समय यह राजनीतिक दर्शन से खुद को अलग करने लगा, जो अपनी जड़ों को अरस्तू और प्लेटो के कामों के बारे में बताता है, जो लगभग 2,500 साल पहले लिखे गए थे। “पॉलिटिकल साइंस” शब्द हमेशा राजनीतिक दर्शन से अलग नहीं था, और आधुनिक अनुशासन में एंटीकेडेंट्स का एक स्पष्ट सेट है, जिसमें नैतिक दर्शन, राजनीतिक अर्थव्यवस्था, राजनीतिक धर्मशास्त्र, इतिहास, और अन्य क्षेत्रों से संबंधित है जो कि क्या होना चाहिए के मानदंडों के निर्धारण से संबंधित है। आदर्श राज्य की विशेषताओं और कार्यों को समर्पित करने के साथ।
हालिया विकास
2000 में, राजनीति विज्ञान में पेरेस्त्रोइका आंदोलन को एक प्रतिक्रिया के रूप में पेश किया गया था कि आंदोलन के समर्थकों ने राजनीति विज्ञान के गणित को क्या कहा। जिन लोगों ने आंदोलन की पहचान की, वे राजनीतिक विज्ञान में कार्यप्रणाली और दृष्टिकोण की बहुलता के लिए और इसके बाहर के लोगों को अनुशासन की अधिक प्रासंगिकता के लिए तर्क देते हैं।
बीए पॉलिटिकल साइंस बुक लिस्ट
बीए पॉलिटिकल साइंस बुक लिस्ट नीचे दी गई है :-
- Chaudhary & Datta :
- Tripathi, R.S.: Ancient India.
- Basham, A: The Wonder That was India, London 1954
- Ray Chaudhary, H.C.: Political History of Ancient India,
- Calcutta, 1963.
- Sastri. K.A.N: The age of the Nandas and Mauryans
- (In English and Hindi)
- Dr. I.A. Khan: Environmental Law.
- Upendra Baxi: Environmental Protection Act : An Agenda for
- Implemention.
- S.K. Shukla : Compendrum on Environmental Pollutions Laws,1985.
- Rajaraman, V.: Fundamentals of Computers (3rd ed.), Prentice Hall of India, New Delhi.
- Sanders, D. H.: Computers Today, Me Gra w Hill, 1988.
- Sharma, M.P.: Public Administration Theory and Practice
- White: Introduction to the study of Public Administration
- Willoughby: Principles of Public Administration
M.A Political Science Book List
Making Political Science Matter: Debating Knowledge, Research, and Method | Sanford F. Schram; Brian Caterino |
A Model Discipline: Political Science and the Logic of Representations | Kevin A. Clarke; David M. Primo |
Political Science in America: Oral Histories of a Discipline | Michael A. Baer; Malcolm E. Jewell; Lee Sigelman |
Political Research: An Introduction | Lisa Harrison |
UPSC के लिए राजनीति विज्ञान की पुस्तकें हिंदी में
यूपीएससी के लिए राजनीती विज्ञान की पुस्तकें नीचे दी गई हैं :-
- लक्ष्मीकांत द्वारा भारतीय राजनीति
- डी डी बसु द्वारा भारत के संविधान का परिचय
- पी एम बख्शी द्वारा भारत का संविधान
- भारतीय राजनीति के लिए पुरानी एनसीईआरटी पुस्तकें
- भारत की व्यवस्था – एम लक्ष्मीकांत
- चाणक्य निति एवं कौटिल्य अर्थशास्त्र
- आधुनिक भारत में राजनितिक विचार
- भारत में सामाजिक आंदोलन
- भारतीय राजनितिक चिंतन
- भारतीय राजनीति एनसीईआरटी का सार
- भारत का संविधान- डॉ. प्रमोद कुमार अग्रवाल
UPSC (IAS) मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए पुस्तकें: वैकल्पिक विषय
- स्वतंत्रता के लिए भारत का संघर्ष – बिपन चंद्र
- संविधान का परिचय – डीडी बसु
- एन इंट्रोडक्शन टू पॉलिटिकल थ्योरी – ओ पी गौबा
- भारत में राजनीति का एक ऑक्सफोर्ड साथी – नीरजा गोपाल जयल और प्रताप भानु मेहता
- ए हिस्ट्री ऑफ पॉलिटिकल थॉट: प्लेटो टू मार्क्स – मुखर्जी और सुशीला रामास्वामी
- भारतीय राजनीतिक विचार की नींव- वी आर मेहता
- आधुनिक भारतीय इतिहास पर एक नया रूप – बी एल ग्रोवर और अलका याज्ञनिक
- भारत सरकार और राजनीति – बी एल फादिया
- 21 वीं शताब्दी में अंतर्राष्ट्रीय संबंध
- भारतीय संविधान और राजव्यवस्था
राजनीति विज्ञान की पुस्तकें हिंदी में
1.पी ओ के : भारत में वापस
लेखक अमित बगड़िया
प्रकाशक | प्रभात प्रकाशन |
प्रकाशन तिथि | 15 मार्च 2021 |
भाषा | हिंदी |
पाठ से भाषण | सक्षम |
प्रिंट लंबाई | 204 पेज |
स्क्रीन रीडर | समर्थित |
लेखक | Amit Bagaria |
2.भारत की सर्वांगीण उन्नती का मंत्र अंत्योदय
लेखक डॉ. सरवन सिंह बघेल ‘श्रवण’
प्रकाशक | प्रभात प्रकाशन |
प्रकाशन तिथि | 2021 |
भाषा | हिंदी |
पाठ से भाषण | सक्षम |
प्रिंट लंबाई | 160 पेज |
स्क्रीन रीडर | समर्थित |
3.जम्मू-कश्मीर का विस्मरण
लेखक डॉ. कुलदीप चंद अग्नोटी
जम्मू कश्मीर का विस्मरण अध्याय लेखक डॉ कुलदीप चंद अग्नोटी
प्रकाशक | प्रभात प्रकाशन |
प्रकाशन तिथि | 25 मई 2018 |
भाषा | हिंदी |
पाठ से भाषण | सक्षम |
प्रिंट लंबाई | 374 पृष्ठ |
स्क्रीन रीडर | समर्थित |
लेखक | कुलदीप चंद अग्नोटी |
फ़ाइल का आकार | 662 KB |
- हिंदी में कुशोक बकुला रिम्पोछे पर यह पहली पुस्तक है।
- निश्चय ही इससे जम्मू-कश्मीर को उसकी समग्रता को समझने के इच्छुक समाजशास्त्रियों को सहायता मिलेगी।
- जम्मू-कश्मीर में पिछले सात दशकों से जो राजनीतिक संघर्ष हुआ; इसमें सबसे बड़ा संघर्ष राज्य को फ्रेडरिक बुनियादी ढांचा व्यवस्था का हिस्सा बनाए रखने को लेकर ही था।
4.भारत विभाजन
लेखक सरदार पटेल
प्रकाशन | प्रभात प्रकाशन |
प्रकाशन तिथि | 2014th edition (1 January 2019 |
भाषा | हिंदी |
प्रिंट लंबाई | 272 पृष्ठ |
वजन | 440g |
आयाम | 20 x 14 x 4 cm |
लेखक | सरदार पटेल |
- सरदार पटेल दो समुदायों के बीच आंतरिक मतभेद उत्पन्न करके ‘बाँटो और राज करो’ की ब्रिटिश नीति के कट्टर आलोचक थे।
- सरदार पटेल के विस्तृत पत्राचार के आधार पर प्रस्तुत पुस्तक में भारत विभाजन
- किन परिस्थितियों में
- किन-किन कारणों से हुआ,
- भारतीय नेताओं की मनःस्थिति
- तत्कालीन समाज की मन :स्थिति का साक्ष्यों के प्रकाश में विस्तृत वर्णन किया गया है ।
- भारत विभाजन के काले अध्याय का सप्रमाण इतिहास वर्णित करती एक महत्वपूर्ण पुस्तक।
Personality Development Tips in Hindi
5.भारतीय विदेश नीति
लेखक जे.एन. दीक्षित
शीर्षक | भारतीय विदेश नीति |
लेखक | जे.एन.दीक्षित |
प्रकाशक | प्रभात प्रकाशन |
प्रिंट लंबाई | 406 पृष्ठ |
- लेखक ने 1947 को भारतीय विदेश नीति का आरंभ काल माना है।
- इस पुस्तक में विश्व के विभिन्न देशों-विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका, सोवियत संघ, चीन तथा पाकिस्तान के साथ भारत के संबंधों का आलोचनात्मक मूल्यांकन करते हुए घटनाओं के संदर्भ में अंतरराष्ट्रीय संबंधों का विशद विवेचन किया गया है ।
- भारतीय विदेश नीति को आधार बनाकर लिखी गई यह पुस्तक निस्संदेह एक उत्कृष्ट कृति है।
6.दृष्टिकोण
लेखक लाल कृष्ण आडवाणी
शीर्षक | दृष्टिकोण |
लेखक | लालकृष्ण आडवाणी |
प्रकाशक | प्रभात प्रकाशन |
प्रकाशन तिथि | 1 जनवरी 2012 |
भाषा | हिंदी |
प्रिंट की लंबाई | 420 पृष्ठ |
- आडवाणीजी के ब्लॉग दोहरे उद्देश्यों की पूर्ति करते हैं।
- इनमें अतीत की झलक है ।
- ये भारतीयों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।
- ये ब्लॉग दो युगों का मेल कराते हैं—
- पहला युग वह है; जिससे स्वयं आडवाणी संबंधित हैं;
- दूसरा वह; जिसमें वे मार्गदर्शक की भूमिका में हैं।
7.भारत की विदेश नीति: पुनरावलोकन एवं संभावनाएँ
लेखक सुमित गांगुली
शीर्षक | भारत की विदेश नीति पूर्व लोकं ओ अवलम् समवनयिन |
लेखक | सुमित गांगुली |
प्रकाशक | OUP India (6 जनवरी 2018) |
भाषा | अंग्रेज़ी |
पेपरबैक | 456 पेज |
किताब का वजन | 428 g |
आयात | 2.03 x 21.59 x 14.22 cm |
कंट्री ऑफ़ ओरिजिन | इंडिया |
- यह पुस्तक 1947 से 2010 तक भारत की विदेश नीति के उद्भव का एक व्यापक विवरण प्रस्तुत करता है।
- पुस्तक इस कारण महत्त्वपूर्ण है क्युंकि भारतीय विदेश नीति के उद्भव पर कोई अन्य व्यवहार्य संपादित पुस्तक उपलब्ध नहीं है।
8.भारत-पाक समबन्ध
लेखक जे.एन. दीक्षित
शीर्षक | भारत पाक संबंध |
लेखक | जे.एन. दीक्षित |
प्रकाशक | प्रभात प्रकाशन |
भाषा | हिंदी |
प्रिंट की लंबाई | 536 पृष्ठ |
पुस्तक का वजन | 627g |
- भारत-पाकिस्तान संबंधों के बारे में कुछ अनुमान अकसर लगाए जाते हैं-
- पहले, भारत व पाकिस्तान में आम लोग एक- दूसरे के संपर्क में आना चाहते हैं, लेकिन सरकारें इसे रोकती हैं;
- दूसरा, भारतीयों और पाकिस्तानियों की नई पीढ़ी पुराने पूर्वाग्रहों को तोड़ सकती है;
- तीसरा, सांस्कृतिक और बौद्धिक संपर्क के समर्थन से सामान्य आर्थिक और तकनीकी सहयोग आपसी संबंधों में सुधार ला सकता है।
- यह पुस्तक इन अनुमानों की निष्पक्षता की जाँच करने का मुद्रा प्रयास करती है।
9.राष्ट्र सर्वोपरि
लेखक लाल कृष्ण आडवाणी
शीर्षक | राष्ट्र सर्वोपरि |
लेखक | लालकृष्ण आडवाणी |
प्रकाशक | प्रभात प्रकाशन |
प्रकाशक तिथि | 1 जनवरी 2014 |
भाषा | हिंदी |
प्रिंट की लंबाई | 231 पृष्ठ |
आयाम | 20 x 14 x 4 सेमी |
लपेटनेवाला | काशीव उद्यम |
- आडवानी का सबसे महत्त्वपूर्ण योगदान सार्वजनिक जीवन में उच्च मानदंड स्थापित करने और उनकी अनुपालन करने का प्रबल अनुरोध है।
- उन्होंने सदैव राजनीतिक शुचिता और विस्तार की हिमायत की है।
- आडवाणीजी के ब्लॉग की ताकत उनके व्यक्तित्व की तरह प्रत्यक्ष, निर्भीक और स्पष्टवादी है।
- भारतीय राजनीतिक भविष्य में लोगों को रखने के साथ लोगों के लिए आडवाणी के ब्लॉग बहुत प्रभावशाली समाचारक की भूमिका निभा सकते हैं।
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यह थे 10 Political Science Books in Hindi , चलिए आगे बढते है।
10.यशस्वी भारत
लेखक मोहन भागवत
शीर्षक | यशस्वी भारत |
लेखक | मोहन भागवत |
प्रकाशक | प्रभात प्रकाशन |
प्रकाश की तिथि | 8 जनवरी 2020 |
भाषा | हिंदी |
किताब की लंबाई | 288 पृष्ठ |
आयाम | 9 x 5.5 x 3 cm |
किताब का वजन | 260g |
- यह पुस्तक अलग-अलग अवसरों पर दिए उनके व्याख्यानों का संग्रह है।
- ‘हिंदुत्व का विचार’,
- ‘भारत की प्राचीनता’,
- ‘हमारी राष्ट्रीयता’,
- ‘समाज का आचरण’,
- ‘स्त्री सशक्तीकरण’,
- ‘विकास की अवधारणा’,
- ‘अहिंसा का सिद्धांत’,
- ‘बाबा साहेब आंबेडकर’
- ‘भारत का भवितव्य’
- जैसे विषयों पर दिए गए उनके व्याख्यान संघ को समझना आसान बना देते हैं।
11.भारतीय मनीषियों की प्रेरक भूमिका
लेखक डॉ। सरवन सिंह बघेल ‘श्रवण’
शीर्षक | भारतीय मनीषियों की प्रेरक भूमिका |
लेखक | सरवन सिंह बघेल ‘श्रवण’ |
प्रकाशन | प्रभात प्रकाशन |
भाषा | हिंदी |
प्रिंट की लंबाई | 168 पृष्ठ |
स्क्रीन रीडर | समर्थित |
12.स्वराज का शंखनाद: एकल अभियान
लेखक सिद्धार्थ शंकर गौतम
शीर्षक | Swaraj Ka Shankhnaad |
लेखक | सिद्धार्थ शंकर गौतम |
प्रकाशन | प्रभात प्रकाशन |
भाषा | हिंदी |
प्रिंट की लंबाई | 336 पृष्ठ |
स्क्रीन रीडर | समर्थित |
13.राष्ट्रपिता गांधी
लेखक महेश शर्मा
शीर्षक | राष्ट्रपिता गांधी |
लेखक | महेश शर्मा |
प्रकाशन | प्रभात प्रकाशन |
भाषा | हिंदी |
प्रिंट की लंबाई | 255 पृष्ठ |
स्क्रीन रीडर | समर्थित |
- देश की आजादी और दु: खी मानवता के उद्धार के लिए गांधीजी जीवन भर संघर्षरत रहे।
- अहिंसा गांधीजी का अचूक अस्त्र था।
- गांधीजी के बारे में जितना लिखा-पढ़ा जाए कम है।
- उन्हें कई बार जेल-यात्रा करनी पड़ी।
2021 के इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम
FAQ
पॉलिटिकल साइंस से ग्रेजुएशन करने के बाद राजनीतिक वैज्ञानिक की भूमिका में सरकारी सिस्टम के अलग-अलग पहलुओं का अध्ययन, शहर/देश कैसे संचालित होते हैं, कैसे बातचीत करते हैं और सरकारी नीतियों के प्रभाव का अध्ययन कर सकते हैं।
पोलिटिकल साइंस में जनमत, पार्टियों और अर्थशास्त्र जैसे विषयों के अलावा औपचारिक कानून का भी अध्ययन किया जाता है. एक विज्ञान के रूप में पोलिटिक्स का अध्ययन अपने शिक्षण क्षेत्र में सुव्यवस्थित, उद्देश्यपूर्ण और निष्पक्ष होने का प्रयास करना है।
राजनीती विज्ञान के जनक अरस्तु ( Aristotle) को माना जाता है।
मैकियावेली को आधुनिक युग का जनक कहने का तात्पर्य यही है कि आधुनिक युग मैकियावेली से प्रारंभ होता है और इस युग के प्रारंभ होने के साथ-साथ मध्य युग का अंत हो जाता है। मैकियावेली ने मध्ययुगीन मान्यताओं और परंपराओं की न केवल उपेक्षा की, अपितु उनका खंडन कर राजनीति को नवीन यथार्थवादी रूप प्रदान किया।
बहुत बढिया यहां हो गए आपके 15 Political Science Books in Hindi पूरे।
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