भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का का जन्म 29 फरवरी 1896 में हुआ था और उनका पूरा नाम मोरारजी रणछोड़जी देसाई है, जो एक भारतीय स्वतंत्रता कार्यकर्ता और राजनीतिज्ञ थे। स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान होने के कारण उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा और क्या आप जानते है कि अपने सराहनीय कार्यों के लिए उन्हें वर्ष 1991 में भारत के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से नवाजा गया था। जिससे जुड़े सवाल स्टूडेंट्स से परीक्षाओं में भी पूछ लिए जाते है। इसलिए इस ब्लॉग में हम आपको Morarji Desai Kaun The और मोरारजी देसाई के बाद प्रधानमंत्री कौन थे के बारे में बताएँगे।
Morarji Desai Kaun The?
मोराजी देसाई का जन्म 29 फरवरी, 1896 को गुजरात के बुलसर जिले के भदेली गाँव में हुआ था। उनके पिता एक स्कूल शिक्षक थे और माता गृहणी थीं। मोराजी देसाई ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ‘सेंट बुसर हाई स्कूल’ से प्राप्त की थी। इसके बाद तत्कालीन बंबई प्रांत के ‘विल्सन सिविल सेवा’ से वर्ष 1918 में स्नातक की डिग्री हासिल करने बाद उन्होंने 12 वर्षों तक डिप्टी कलेक्टर के रूप में कार्य किया।
‘महात्मा गांधी’ के नेतृत्व में स्वतंत्रता आंदोलन के लिए शुरू किया गया ‘सविनय अवज्ञा आंदोलन’ अपने मध्य में था। उस दौरान ब्रिटिश हुकूमत की न्याय व्यवस्था के खिलाफ मोरारजी देसाई का विश्वास उठ चुका था। इसलिए उन्होंने अपनी नौकरी से त्यागपत्र देकर पूर्ण रूप से आजादी की लड़ाई में भाग लेने का फैसला किया।
मोराजी देसाई को स्वतंत्रता संग्राम के दौरान तीन बार जेल जाना पड़ा। वे 1931 में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के सदस्य बने और 1937 तक गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव रहे।
वर्ष 1967 में भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल में मोरारजी देसाई उप-प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्रालय के प्रभारी मंत्री के रूप में शामिल हुए लेकिन वैचारिक अनबन होने के कारण उन्होंने वर्ष 1969 में भारत के उप-प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
24 मार्च 1977 को मोराजी देसाई ने भारत के चौथे प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। जिसके बाद 10 अप्रैल 1995 को 99 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया।
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मोरारजी देसाई के बाद प्रधानमंत्री कौन थे?
चौधरी चरण सिंह देश के पांचवे प्रधानमंत्री थे। वह 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक प्रधानमंत्री के पद पर रहे। उनका जन्म 23 दिसम्बर 1902 में उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के नूरपुर में एक मध्यम वर्गीय किसान परिवार में हुआ था और 1923 में विज्ञान से स्नातक एवं 1925 में आगरा विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की।
चौधरी चरण सिंह की शादी जाट परिवार की बेटी गायत्री के साथ हुई थी। गायत्री देवी का परिवार रोहतक ज़िले के ‘गढ़ी ग्राम’ में रहता था। यह वह समय था जब देश में स्वाधीनता संग्राम तीव्र गति पकड़ चुका था जिसके बाद चौधरी चरण सिंह ने वक़ालत को त्यागकर आन्दोलन में भाग लेने का मन बना लिया और उस समय चरण सिंह कांग्रेस पार्टी के सदस्य बन गए थे। कांग्रेस में उनकी छवि एक कुशल कार्यकर्ता के रूप में स्थापित हुई, जिसके बाद 1937 के विधानसभा चुनाव में इन्हें सफलता प्राप्त हुई और यह छत्रवाली विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए।
1977 में मोरारजी देसाई देश प्रधानमंत्री बने और चरण सिंह को देश का गृह मंत्री बनाया गया। इसी के बाद मोरारजी देसाई और चरण सिंह के मतभेद खुलकर सामने आए। इस प्रकार 28 जुलाई, 1979 को चौधरी चरण सिंह समाजवादी पार्टियों तथा कांग्रेस के सहयोग से प्रधानमंत्री बनने में सफल हुए।
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FAQs
उनका जन्म 29 फरवरी, 1896 को गुजरात के बुलसर जिले के भदेली गाँव में हुआ था।
24 मार्च 1977 को मोरारजी देसाई ने भारत के चौथे प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
उनकी पत्नी का नाम श्रीमती गुजराबेन है।
10 अप्रैल 1995 को 99 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया।
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