सेंट्रल टीचर्स एलिजिबिल्टी टेस्ट (CTET) परीक्षा के माध्यम से कैंडिडेट्स को प्राईमरी टीचर्स बनने का अवसर प्रदान होता है। इस एग्जाम में बैठने वाले CTET एग्जाम के लिए सोशल साइंस के सिलेबस के महत्व के बारे में जान लेना चाहिए। CTET एग्जाम क्वालीफाई करने के बाद आप प्राईमरी स्कूल के टीचर बनने के योग्य बन जाते हैं।
इस वर्ष CTET परीक्षा का आयोजन 20 अगस्त 2023 में होने जा रहा है, जिसके लिए आपको इस एग्जाम से संबंधित संपूर्ण जानकारी होनी चाहिए। इस अपडेट में आपको CTET Social Science Syllabus के सिलेबस और CTET में इस के महत्व के बारे में पता चलेगा।
परीक्षा का नाम | सेंट्रल टीचर्स एलिजिबिल्टी टेस्ट (CTET) |
परीक्षा के आयोजनकर्ता | सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंड्री एजुकेशन (CBSE) |
परीक्षा का मोड | ऑफलाइन |
परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्न | MCQ (मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन) |
परीक्षा के लिए मिलने वाला कुल समय | 150 मिनट |
परीक्षा की तिथि | 20 अगस्त 2023 |
कुल पेपर्स | 2 (पेपर 1 और पेपर 2) |
आधिकारिक वेबसाइट | https://ctet.nic.in/ |
CTET Social Science Syllabus सिलेबस निम्नलिखित है-
- विविधता
- सरकार
- स्थानीय सरकार
- जीविकोपार्जन
- लोकतंत्र
- राज्य सरकार का भूगोल
- मीडिया को समझना
- लैंगिक विषय
- संविधान
- संसदीय सरकार
- न्यायपालिका
- सामाजिक न्याय और हाशिये पर रहने वाले
- एक सामाजिक अध्ययन और विज्ञान के रूप में भूगोल
- ग्रह: सौरमंडल में पृथ्वी
- ग्लोब
- समग्र पर्यावरण: प्राकृतिक और मानव पर्यावरण
- वायु
- पानी
- मानव पर्यावरण: बसावट, परिवहन और संचार
- संसाधन: प्रकार- प्राकृतिक और मानव
- कृषि
- सामाजिक विज्ञान/सामाजिक अध्ययन की अवधारणा और प्रकृति
- कक्षा प्रक्रियाएं, गतिविधियां और चर्चा
- गहन चिंतन का विकास
- पूछताछ/अनुभवजन्य साक्ष्य
- सामाजिक विज्ञान/सामाजिक अध्ययन पढ़ाने की समस्या
- स्रोत – प्राथमिक और माध्यमिक
- परियोजना कार्य
- मूल्यांकन
- इतिहास की पृष्ठभूमि : कब, कहाँ और कैसे
- शुरुआती समाज
- शुरुआती किसान और चरवाहे
- पहले शहर
- शुरुआती राज्य
- नए विचार
- पहला साम्राज्य
- दूर देशों के साथ संपर्क
- राजनीतिक विकास
- संस्कृति और विज्ञान
- नए राजा और राज्य
- दिल्ली के सुल्तान
- वास्तुकला
- साम्राज्य का निर्माण
- सामाजिक बदलाव
- क्षेत्रीय संस्कृतियां
- कंपनी शक्ति की स्थापना
- ग्रामीण जीवन और समाज
- उपनिवेशवाद और जनजातीय समाज
- 1857-58 का विद्रोह
- महिला और सुधार
- जाति व्यवस्था को चुनौती
- राष्ट्रवादी आंदोलन
- आजादी के बाद का भारत
CTET Social Science Syllabus के महत्व को जानकर ही आप CTET एग्जाम के लिए इस टॉपिक को अच्छे से कवर कर सकते हैं, जिसके महत्व को निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से आसानी से समझा जा सकता है-
- इसके माध्यम से उम्मीदवार भारत के भौगोलिक दृष्टिकोण को समझ सकते हैं।
- इसके माध्यम से उम्मीदवार भारतीय इतिहास और इतिहास में हुई प्रत्येक हलचल की विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
- यह सिलेबस उम्मीदवारों को स्वतंत्रता आंदोलनों और इससे जुड़ी प्रत्येक घटना से अवगत कराता है।
- इसके माध्यम से उम्मीदवार सामाजिक दृष्टिकोण को भी अपनाकर सकारात्मक परिवर्तन को अपना सकते हैं।
- इस सिलेबस का मुख्य उद्देश्य उम्मीदवारों को सामाजिक समरसता के बारे में भी सिखाता है।
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