IIT कानपुर की नई पहल, स्टार्टअप्स की जानकारी के लिए शुरू किया हिंदी प्रकाशन विभाग

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IIT Kanpur me startups ki jankari ke liye shuru hua Hindi prakashan vibhag

IIT कानपुर के SIIC द्वारा हिंदी के क्षेत्र में नई पहल की शुरुआत करते हुए अलग से एक हिंदी प्रकाशन विभाग गठित किया गया है।  इस हिंदी विभाग में IIT कानपुर के अंतर्गत चलने वाले सभी नए प्रोजेक्ट्स, रिसर्च प्रोजेक्ट्स और स्टार्टअप की सफलताओं की कहनियों के बारे में हिंदी में जानकारी प्रदान की जाएगी।  

हिंदी भाषियों को टेक्नोलॉजी से जोड़ने के लिए शुरू की गई पहल   

IIT कानपुर द्वारा अलग से हिंदी पब्लिकेशन डिवीज़न बनाए जाने की शुरुआत के पीछे का उद्देशय नॉन इंग्लिश स्पीकिंग लोगों को भी तकनीक के साथ जोड़ना है। IIT कानपुर के मुताबिक़ वे नहीं चाहते कि भाषा के कारण कोई व्यक्ति मॉडर्न टेक्नोलॉजी के ज्ञान से अछूता रह जाए। IIT कानपुर के एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे देश में टेक्नोलॉजी का प्रसार प्रचार करने में मदद मिलेगी।  

देश के विकास में भागीदारी है लक्ष्य 

IIT कानपुर के डायरेक्टर अभय करनदीकार ने हिंदी विभाग को शुरू किए जाने के पीछे का लक्ष्य साफ करते हुए बताया कि इसे शुरू करने के पीछे का लक्ष्य देश के विकास में अपना योगदान देना है। हम चाहते हैं हिंदी के द्वारा देश के अधिक से अधिक लोग टेक्नोलॉजी के साथ जुड़ सकें। हम चाहते हैं कि हमारे द्वारा हिंदी में बताई गई स्टार्टअप्स की सफलताओं की कहानी से अधिक से अधिक युवा प्रेरणा लें और देश आगे बढ़ सके। 

डायरेक्टर कहा कि इंग्लिश की समझ रखने वाले ऑडियंस टेक्नोलॉजी से जुड़ी जानकारियां आसानी से हासिल कर लेते हैं लेकिन हिंदी ऑडियंस के लिए टेक्नोलॉजी से जुड़ी जानकारी हासिल कर पाना मुश्किल हो जाता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए IIT कानपुर द्वारा हिंदी विभाग की शुरुआत की गई है ताकि नॉन इंग्लिश स्पीकिंग ऑडियंस भी टेक्नोलॉजी से जुड़ी जानकारी आसानी से हासिल कर सके। 

IIT कानपुर के बारे में

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कानपुर (IIT कानपुर) उत्तर प्रदेश में स्थित पब्लिक टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट है। टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट एक्ट के तहत भारत सरकार द्वारा इस संस्थान को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया गया था। आईआईटी कानपुर को भारत के सबसे प्रतिष्ठित एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स में स्थान दिया गया है। इसकी की स्थापना 1959 में हुई थी। पहले इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में से एक के रूप में, इसे कानपुर इंडो-अमेरिकन प्रोग्राम (KIAP) के हिस्से के रूप में नौ अमेरिकी रिसर्च यूनिवर्सिटीज के एक संघ की सहायता से बनाया गया था।

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