गुजरात हाईकोर्ट ने IIT गुवाहाटी को जेईई एडवांस परीक्षा के लिए एक छात्र के आवेदन को स्वीकार करने का निर्देश दिया है। मामला तब सुर्खियों में आया जब तकनीकी खराबी के कारण छात्र किसी भी प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास नहीं कर पाया। इस मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने छात्र के पक्ष में फैसला सुनाया है।
गौरतलब है कि इस मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस संगीता के विशेन की सिंगल जज बेंच ने कहा कि रिकॉर्ड में रखे जेईई मेन के रिजल्ट पर यकीन करना मुश्किल है।
पीठ ने कहा कि “पृष्ठ 7 पर लिंक से डाउनलोड की गई शीट में छात्र ने सभी प्रश्नों का प्रयास किया है। जबकि, पृष्ठ 52 पर शीट इंगित करती है कि छात्र ने एक भी प्रश्न का प्रयास नहीं किया है। इसलिए, दोनों उत्तर पत्रक दिए गए हैं। एक अत्यधिक संकेत जिस पर विश्वास करना मुश्किल है”
इस मामले ने तब तूल पकड़ा जब छात्र के पिता द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि जब उम्मीदवार ने 20 अप्रैल, 2023 को सुबह 7:03 बजे अपनी आंसर शीट डाउनलोड की तो उसने पाया कि उसने सभी प्रश्नों का प्रयास किया है। हालाँकि जब उसी दिन दोपहर 1:15 बजे उसने वही आंसर की डाउनलोड की तो उसने पाया कि उसने एक भी प्रश्न का प्रयास नहीं किया है।
न्यायकर्ता पीठ के सामने छात्र की ओर से पेश अधिवक्ता द्वारा साझा किया गया कि यह NTA की ओर से एक तकनीकी गड़बड़ी के कारण हुआ, जिससे कई छात्र प्रभावित हुए।
हालांकि, NTA की ओर से पेश वकील ने कहा कि आधिकारिक लिंक के अनुसार छात्र ने किसी भी प्रश्न का प्रयास नहीं किया था।
सुनवाई के बाद गुजरात HC ने उम्मीदवार के परीक्षा केंद्र से सीसीटीवी फुटेज के लिए आदेश दिया है, ताकि यह साबित हो सके कि उसने परीक्षा का प्रयास किया था। साथ ही IIT गुवाहाटी को 4 जून, 2023 को JEE एडवांस्ड 2023 परीक्षा में उम्मीदवार की उम्मीदवारी स्वीकार करने के लिए कहा गया है।
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