इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM), कोझिकोड ने एक थिंक टैंक, सेंटर फॉर एम्प्लॉयमेंट रिलेशंस एंड लेबर स्टडीज (CERLS) की स्थापना की है, जो वर्कर्स और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को अनऑफिशियल से ऑफिशियल इकॉनमी में बदलने में मदद करेगा।
CERLS द्वारा पहली कांफ्रेंस जनवरी 2024 में होगी। संस्थान प्रत्येक वर्ष रेगुलर रूप से श्रमिक सम्मेलन आयोजित करने की भी योजना बना रहा है।
IIM कोझिकोड के डायरेक्टर प्रोफेसर देबाशीष चटर्जी ने कहा कि “इस केंद्र का बड़ा उद्देश्य परमानेंट इंडस्ट्रीज़ को चैंपियन करते हुए फॉर्मल नौकरियों के इन्फॉर्मलाइज़ेशन को रोकने के लिए साथी अकादमिक, थिंकर्स, सरकार और बॉडीज से विचारों को जुटाना होगा। इसके अतिरिक्त, केंद्र निष्पक्ष श्रम मानकों को बनाए रखने के लिए संगठनों के साथ मिलकर काम करेगा, ”।
IIM कोझिकोड में ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट के प्रोफेसर डॉ. मनोरंजन ढाल CERLS थिंक टैंक के प्रमुख होंगे। लेबर इकोनॉमिक्स, लेबर लॉ और पीपल मैनेजमेंट के विशेषज्ञ क्रमश: प्रोफेसर शन्नू नारायण, प्रोफेसर चितवन लालजी और प्रोफेसर सूर्य प्रकाश पति भी कोर टीम का हिस्सा होंगे।
डॉ ढल ने कहा कि “काम में बढ़ते टेक्निकल एन्क्रोचमेंट ने श्रमिक वर्ग के वर्गों के बीच जीवन की गुणवत्ता में भारी अंतर पैदा कर दिया है। इसके अलावा, हाल के वर्षों में गैर-मानक श्रमिकों के लिए बड़े पैमाने पर छंटनी, अनिश्चित (precarious) रोजगार की स्थिति और माइग्रेंट वर्कर्स, निर्माण श्रमिकों के साथ-साथ गिग (gig) वर्कर्स की शिकायतों में वृद्धि हुई है। इन्हीं कारणों से इस केंद्र की स्थापना का विचार आया,”।
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