भारत में सबसे अधिक बोले जाने वाली भाषा हिंदी जिसका नाम फारसी शब्द “हिंद” से आया है, जिसका अर्थ है “सिंधु नदी की भूमि”। यह भाषा ना सिर्फ हमारे जीवन का हिस्सा है बल्कि इस भाषा की मिठास में हमारी संस्कृति की खूबसूरती झलकती है। जब हम हिंदी में बात करते हैं तो एक खास अपनापन महसूस होता है, जो किसी और भाषा में नहीं मिलता। हिंदी सिर्फ एक भाषा नहीं, यह हमारे विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने का माध्यम है। यह हमारी पहचान है और हमारी धरोहर है। हिंदी भाषा को सम्मान देने और इसके विकास को बढ़ावा देने के लिए हर साल 14 सितम्बर को हिंदी दिवस भी मनाया जाता है। हर भारतवासी का उद्देश्य यही होना चाहिए ‘हमारी हिंदी, हमारा गर्व, हमारे दिल की आवाज’। हिंदी भाषा हमारा गौरव कविता के माध्यम से जो इस ब्लॉग में दी गई है, आप इस भाषा की सुंदरता और महत्व से और रूबरू हो पाएंगे।
हिंदी भाषा हमारा गौरव कविता
हिंदी हमारी शान है, हिंदी हमारा मान,
इसकी मिठास में है बसी, भारत की पहचान।
संस्कृति की धारा में बहती, हर दिल में बसी है,
इसकी लहरों में छुपी, हर भाषा से रस भरी है।
हिंदी का हर शब्द सजीव, जीवंतता का प्रतीक,
कवियों के सपनों में रंग, इसका है अद्वितीय संगीत।
बोलियों की रंगत में रंगी, इसकी विविधता निराली,
धरती की धड़कन में बसी, इसकी मिठास है प्याली।
गाँव की गलियों में गूंजती, शहरों में बिखरी धूप,
हिंदी का हर एक अक्षर, सजीवता का अनूप।
विद्यालयों में गूँजती, संतों की वाणी में बसी,
प्रेम की भाषा, शांति की राह, हिंदी में सजी।
आज की पीढ़ी को सुनाएं, इसकी गौरव गाथा,
इसमें बसी है संस्कृति, इसमें बसी है ममता।
हर शब्द इसका मानो, प्रेम की सरिता बहे,
हिंदी हमारी आत्मा, हिंदी हमारा गर्व रहे।
हिंदी की गोदी में खेले, भविष्य का उजियारा,
हर दिल में बसे ये भाषा, हर जन का हो सहारा।
हिंदी हमारी पहचान, हिंदी हमारा गर्व,
इसकी माला में पिरोएं, हम सबका प्यार सच्चा।
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हिंदी भाषा हमारा गौरव कविता का भावार्थ
हिंदी हमारी शान और मान है। इसकी मिठास में भारत की पहचान छिपी है। यह भाषा हमारी संस्कृति की धारा में बहती है और हर दिल में बसी हुई है। हिंदी के हर शब्द में जीवन है, और यह कवियों के सपनों को रंगीन बनाता है। इसके बोलियों में विविधता है, जो इसे और भी अनोखा बनाती है।
गाँव की गलियों और शहरों में हिंदी की गूंज सुनाई देती है। यह भाषा विद्यालयों, संतों की वाणी और प्रेम की भाषा के रूप में भी जानी जाती है। यह हमारी आत्मा और गर्व का प्रतीक है।
इस कविता में आज की पीढ़ी को हिंदी भाषा के गौरव की गाथा सुनाने की बात कही गई है। इसमें यह भी बताया गया है कि हिंदी में हमारी संस्कृति और ममता बसी है। इस भाषा में प्रेम और शांति का संदेश है, और इसे हमें आगे भी संजो कर रखना चाहिए।
भविष्य की पीढ़ी को हिंदी भाषा से परिचित कराना और इसे हर दिल में बसाना हमारे लिए गर्व की बात है। हिंदी हमारी पहचान और गर्व है, और इसे हमें अपने प्यार से संवारना चाहिए।
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