Azadi par Kavita : बच्चों और छात्रों के लिए आजादी पर प्रेरणादायक कविताएं

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Azadi par Kavita

Azadi par Kavita : आज़ादी का दिन हर भारतीय के दिल में विशेष स्थान रखता है। यह हमें अपने देश के लिए किए गए बलिदानों, संघर्षों और वीरताओं की याद दिलाता है। बच्चों और छात्रों के लिए यह अवसर देशभक्ति की भावना को महसूस करने, समझने और उसे अपने जीवन में उतारने का है। इस ब्लॉग में हम लेकर आए हैं कुछ आजादी पर प्रेरणादायक कविताएं जो न केवल आज़ादी के इतिहास को दर्शाती हैं, बल्कि हमारे भीतर राष्ट्र प्रेम और अपने कर्तव्यों का अहसास भी जगाती हैं। ये आजादी पर कविता (Azadi par Kavita) छात्रों को प्रेरित करेंगी, उन्हें अपने देश के प्रति प्यार और सम्मान से भरपूर करेंगी।

आजादी पर छोटी कविता – Chhoti Azadi par Kavita

यहां आजादी पर छोटी कविता (Chhoti Azadi par Kavita) दी गई हैं –

आज़ादी का रंग

आज़ादी आई है, खुशियाँ लायी है,
हर बच्चे के चेहरे पर, मुस्कान छायी है।
तिरंगा लहराता, आकाश में रंगीन,
हम सबकी मेहनत से, यह देश है दीवाना।

हम सबका है सपना, नया हिन्दुस्तान,
जहाँ हर बच्चा हो खुश, हर दिल में हो शान।
माँ की ममता में, है प्यार का राज,
आज़ादी में बसी है, हम सबकी आवाज।

तिरंगा है प्यारा

तिरंगा है प्यारा, सबका है इश्क,
लाल, हरा, सफेद, रंगों का है मिठास।
खुश रहें हम सभी, मिलकर खेलें यहाँ,
आज़ादी की सौगात है, सबके दिल में समां।

हम बच्चों की टोली, गाती है गीत,
आज़ादी के इस दिन, हर कोई करे रीत।
देश को प्यार करें, यही है सबका काम,
आज़ादी का उत्सव, हर दिल में हो धाम।

आज़ादी की खुशियाँ

आज़ादी आई है, ख़ुशियाँ लेकर,
हर बच्चा गाए, दिल से ये गीत।
तिरंगे का रंग, चमके आसमान में,
हम सबकी मेहनत, बनी सच्ची जीत।

हम सब मिलकर, नई दुनिया बनाएँ,
आज़ादी की धारा, सबको दिलाएँ।
रखें हम दिल में, प्यार का ये पैगाम,
माँ की ममता में बसी है ये सलाम।

भारत माँ का प्यार

भारत माँ के गहने, हम हैं उसके बच्चे,
उसकी गोदी में हैं हम सबके सपने।
हर दिल में बसी है, उसकी ममता की लोरी,
आज़ादी का दिन है, बच्चों की शोरी।

तिरंगा लहराए, आसमान में ऊँचा,
हम सब का दिल हो, भारत के लिए पूरा।
गाएँ हम गीत, भारत माँ के लिए,
आज़ादी की राह में, सबसे प्यारे हैं हम सब साथ खड़े।

आज़ादी का पर्व

आज़ादी का पर्व है, हम सब का दिन,
हर बच्चे के चेहरे पर, खिलती है हंसी।
देश की मिट्टी में बसी है रोशनी,
आज़ादी का यह दिन है बहुत प्यारी बाती।

नये सपनों को उड़ने का मिला है मौका,
बच्चों के दिल में है प्रेम और जोश का जोड़ा।
भारत माता की जय, हम सब साथ गाएँ,
आज़ादी के इस दिन को हम याद रखें!

तिरंगा का ताज

तिरंगे की छांव में, हम सब हैं साथ,
आज़ादी का दिन है, हर बच्चे के हाथ।
लाल, सफेद और हरा, रंगों का प्यार,
भारत माता का तिरंगा, ऊँचा करें हर बार।

हम बच्चे खुशी से गाते हैं गीत,
आज़ादी का यह पर्व है सबसे प्यारा गीत।
हमारी मेहनत से है ये प्यारी देश की राह,
आज़ादी का उत्सव, बच्चों के साथ।

मिलकर गाओ हम सब

आज़ादी के इस दिन, सब मिलकर गाओ,
हर बच्चे के दिल में, देशभक्ति का गीत लाओ।
तिरंगा है हमारा, शान की बात है,
आज़ादी की रोशनी से, सजे हर रात है।

हम बच्चे बनाते हैं, नये सपनों की राह,
आज़ादी के दिन सबका, होता है खास एहसास।
माँ की गोदी में बसी है, हर ख़ुशी की बात,
आज़ादी का रंग है, बच्चों के साथ।

आज़ादी का रंग

आज़ादी की हवा में, खुशबू है फिजा में,
हर दिल में उमंग है, हर आँखों में नज़ारा है।
कितनी जंगें लड़ीं, कितने वीरों ने बलिदान दिया,
तभी तो आज़ादी का रंग, हर दिल में समाया है।

तिरंगा लहराए, हर दिल में शोर है,
हम सबकी मेहनत से, यह देश सोने का जोर है।
सपनों से भरी है यह धरती अब नई,
आज़ादी का सूरज, हर राह में है छाई।

स्वराज की कहानी

खून और पसीने से, बनी ये कहानी,
भारत की माटी में, बसी है ये ज़िंदगानी।
वो वीर जो लड़े, अपनी जान को दाँव पर लगाया,
आज़ादी के संग, हर देशवासी ने ख़ुद को पाया।

अब न कोई डर है, न कोई घबराहट है,
स्वराज की कहानी में, केवल आशा की राहत है।
हम बच्चों की टोली, आज़ादी का गीत गाए,
भारत माता की जय में, सब साथ हो जाएं।

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प्रेरक और आज़ादी की कहानी सुनातीं कविताएं

छात्रों के लिए आजादी पर प्रेरक कविता (Azadi par Kavita) नीचे दी गई हैं –

आज़ादी की मिठास

सपनों की वो बात है, संघर्षों की रात है,
खून-पसीने से लिखी, आज़ादी की सौगात है।
वीरों के बलिदान का, अनमोल ये गान है,
देशभक्ति की मूरत, हमारा हिंदुस्तान है।

गुलामी की जंजीरों को, तोड़ दिया हर हाल में,
शहीदों की कुर्बानी, बसी है दिल-ओ-जान में।
हमने पाया स्वराज, अपनी मेहनत की कमाई से,
जन-जन में बसी है, आज़ादी की परछाई से।

हम सरफरोशों की संतान, मेहनतकश की पहचान,
आजादी के पर्व पर, झूम उठे ये जहान।
इंसाफ की राह पर, बढ़ते हैं कदम अपने,
वीरों के गीतों में, गूँजती हैं गाथाएं सपने।

आज़ादी का आकाश

आज़ादी का आकाश, सितारों से भरा है,
वीरों की कहानियों से, हर दिल सजा है।
बुलंदियों की ओर बढ़ते, हम सब का इरादा है,
हमारे दिलों में बसी, आज़ादी की याद है।

सत्य की राह पर चलकर, पाया हमने ये मुकाम,
शहीदों की कुर्बानी का, कभी ना होगा कोई दाम।
तिरंगे की शान में, दिल से निकलता हर सलाम,
भारत माँ की जय में, सबके लबों पर एक ही नाम।

स्वतंत्रता का ये पर्व, हम सबको जोड़ता है,
प्यार और एकता का, संदेश हमें देता है।
देश की मिट्टी में बसी, खुशियों की सौगात,
आओ मिलकर मनाएं, आज़ादी का ये जश्न साथ।

आज़ादी का गीत

आज़ादी का गीत, हर दिल में बसा है,
वीरों के बलिदान से, ये देश खड़ा है।
संघर्षों की गाथा, हर दिल ने सुनी है,
तिरंगे की शान में, ये धरती चुनी है।

जंग-ए-आज़ादी में, लड़ी हर एक जान,
शहीदों की कुर्बानी से, सजी ये पहचान।
हमने पाया स्वराज, अपने हौंसले से,
देशभक्ति की ज्योत जलती, हर दिल के बसेरे से।

हम एकजुट हैं, आगे बढ़ते जाएंगे,
आजादी के इस पर्व को, धूमधाम से मनाएंगे।
भारत माता की जय में, सब साथ गाएंगे,
स्वतंत्रता की ये कहानी, हर दिल में बसाएंगे।

हर कदम पर आज़ादी

आज़ादी का जो जश्न है, वो हर कदम पर छाया है,
वीरों के खून से, ये आकाश सजाया है।
हम सबका सपना है, फिर से हर दिल में गूँजे,
आज़ादी की आवाज़, हर गली में हो पुकारे।

अब हमें लड़ने की ज़रूरत नहीं,
हमने शहीदों का सपना पूरा किया है यहीं।
आज़ादी के इस दौर में, हम सबका है काम,
देश को ऊँचा करना, और रखना इसे सलाम।

तिरंगे का गौरव

लहराओ तिरंगा, ऊँचा हर देश में,
हम सबका है सपना, यही हर बच्चे के क़दम में।
रंग-बिरंगे हैं वो सपने, जो हर दिल में बसे हैं,
आज़ादी के इस सफर में, सब एक साथ चले हैं।

हम सब मिलकर गाएं, भारत माँ का गीत,
हर कदम पर बढ़ाएं, हम देश की रीत।
तिरंगे का ताज, है हर दिल में बसा,
आज़ादी के पर्व में, हर बच्चा है ख़ुश सा।

नई दिशा में आज़ादी

हमने लड़ा था संघर्ष, हर गली, हर मोहल्ले में,
आज़ादी की राह में, अपनी जान दी थी पल्ले में।
अब हम सब मिलकर, बढ़ते चलें साथ में,
नई दिशा में आज़ादी, हर कदम पर हो बात में।

शहीदों की पूजा, उनके बलिदान को सलाम,
भारत माँ के चरणों में, हर दिल हो शान्ति का पैगाम।
आज़ादी की ये तहरीर, हम सबका है ध्येय,
हमारी एकता में है, भविष्य का ये खेल।

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आजादी के जश्न पर कविताएं

आजादी के जश्न पर कुछ कविताएं नीचे दी गई हैं –

आज़ादी का जश्न

आज़ादी की सुबह आई, ख़ुशियों की छांव में,
वीरों के खून से रची, यह स्वर्णिम दाव में।
गुलामी के अंधेरे को, हर दिल ने तज दिया,
आज़ादी का सूरज चढ़ा, हर ग़म को सिख दिया।

जो लड़े थे मैदानों में, जिनकी शहादतें चुप हैं,
उनकी कुर्बानियों से ही, यह देश आज़ाद हुआ।
उनकी यादों में बसी है, हर भारतवासी की चुप,
आज़ादी की यह मुहिम, सबके दिल में बसी है, जब भी हम उठे हैं कदम।

तिरंगा लहराए आसमान में, लहराए ये ध्वज,
हर रंग उसका कहता है, हम सभी का है अब वह रेज।
लाल, सफेद और हरा, जज़्बा उसका भरा,
आज़ादी की वो जो कहानी है, वो हम सबका है हक़।

आज़ादी का जश्न हम मनाते हैं, दिल से प्यार में,
हर दिल में बसी है, उसकी महक, जो देश की है मिसाल।
हम सब मिलकर उठते हैं, हर चुनौती को छूते,
आज़ादी की ये राह, कभी नहीं टूटे।

आज़ादी के इस अवसर पर, हम सब गाते हैं गीत,
हाथों में तिरंगा लेकर, हर बच्चा बोले “हम हैं जीत।”
सपनों की दुनिया में हम सब खो जाएं,
हमारा भारत अब फिर से, ऊँचाई पर जाएं।

आज़ादी की गाथा

कितने वीरों ने जान दी, कितना संघर्ष किया,
गुलामी के चक्रव्यूह को तोड़ने का ख्वाब दिया।
हर एक चिंगारी में जलते थे सपने सच्चे,
आज़ादी के दीवाने थे, जिनके हौसले बड़े थे।

कभी झुके नहीं थे हम, कभी रोके नहीं थे,
जन्मों से भी पुरानी थीं हमारी इच्छाएँ।
हम सबकी एक आवाज़ थी, एक सपना था सच्चा,
माँ की ममता में बसी थी, आज़ादी की वह कड़ी सच्चा।

शहीदों ने दी थी बग़ावत की बयार,
देश के लिए वो खड़े थे, पूरे भारत की पहचान।
आज़ादी का सूरज जब चमका था आसमान में,
हर दिल में बसी थी, उनकी अद्भुत पहचान में।

हम बच्चों का हौसला, वही विरासत बन जाएगा,
आज़ादी की क़ीमत हम नहीं भूल पाएंगे।
हम देखेंगे नया भारत, ऊँचा उठेगा ये देश,
देशभक्ति के गीत में, सब गाएंगे एक जश्न के मेश।

भारत माँ की आवाज़

भारत माँ की आवाज़ में, गूंजे हैं दर्द और सपने,
जिन्होंने जीवन दिया, वह अब भी हमें देखते हैं।
आज़ादी की राह पर, हमने बहुत कुछ खोया,
मगर जीत की जश्न में, सबका दिल अब रोया।

दूर इतिहास में जो छुपे थे शहीदों के चरण,
वे अब भी हमें रास देते हैं, हर सदी के स्वर्ण।
आज़ादी के बाद, जो मिलकर बना नया रास्ता,
वह भारत माता का सपना है, जिसका है हर एक नायक के हाथ।

हर एक बच्चे के दिल में बसी है यह आस,
आज़ादी का रंग होगा, आगे के हर साथ।
हम सब का संकल्प यही है, हर वक़्त खड़ा रहे देश,
भारत को ऊँचा करें, इस राह को पार करें, सबसे श्रेष्ठ।

आज़ादी की गाथा, जो अब तक गाई जाती है,
हर दिल में वह लौ जलती, कभी नहीं बुझती जाती है।
हम सब मिलकर कहते हैं, वादा यही है हमारी राह,
भारत देश का हर कदम रहेगा स्वराज की ओर, न कोई ना रहे लाज।

आजादी पर वीर रस की कविता

जब बवंडर उठा था, धरती थर्राई,
वीरों के क़दमों से, आकाश भी झुकी थी।
बाँधते थे देश के सपने जो आँखों में,
उनकी शहादतों से ही तो आज़ादी की रीत बनी थी।

रक्त से रंगा था जो भूमि, वो वीरों का था काम,
आग थी उनके दिलों में, और शौर्य था उनके नाम।
सपनों को सच किया, लहराई तिरंगा धूम,
हर चित्त में समाई थी, स्वतंत्रता की धूम।

शहीदों के बलिदान से हम चैन से जीते,
उनकी कुर्बानियों से ही तो हम संजीवित हुए।
यही वीरता, यही महानता, यही हमारी धरोहर,
हर एक शहीद का अद्वितीय बलिदान, आज़ादी का संगराहक बन गया।

लहराए तिरंगे का गर्व, उठे वीरों की पुकार,
स्वतंत्रता की खातिर दिया था हर शहीद ने सर,
आज भी गूंजे उनके शौर्य के गीत,
हम उनकी कुर्बानी को, कभी न भूल पाएंगे।

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