NCERT कक्षा 11 की हिंदी टेक्स्टबुक अंतरा का पाठ ‘हस्तक्षेप’ सबसे महत्वपूर्ण पाठों में से एक है। हस्तक्षेप पाठ के लेखक श्रीकांत वर्मा जी हैं जिन्होंने इस कविता के माध्यम से लोगों को मगध के कटु सत्य से अवगत कराया है। मगध से उनका आशय शासन व्यवस्था से है। कवि ने इस कविता में शासन व्यवस्था की क्रूरता और जनता पर उनके द्वारा किए गए अत्याचार का चित्रण किया है। कक्षा 11 के विद्यार्थियों को इस पाठ की अच्छी समझ होनी चाहिए। ऐसे में इस लेख में आपको पाठ का सारांश, लेखक परिचय और हस्तक्षेप कविता के प्रश्न उत्तर के बारे में बताएंगे, जिसे जानने के लिए ये लेख आपको अंत तक पढ़ना होगा। उससे पहले Hastakshep Class 11 Question Answer से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारी आप नीचे दिए गए तालिका में देख सकते हैं।
बोर्ड | सीबीएसई बोर्ड |
टेक्स्टबुक | एनसीईआरटी |
कक्षा | 11 |
विषय | हिंदी (अंतरा) |
पाठ संख्या | 18 |
पाठ का नाम | हस्तक्षेप |
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लेखक परिचय
श्रीकांत वर्मा, हिंदी साहित्य के एक प्रसिद्ध कवि, गीतकार और कहानीकार है जिनका जन्म सन् 1931 में मध्यप्रदेश के बिलासपुर शहर में हुआ था। उनकी अपनी प्रारंभिक शिक्षा बिलासपुर में ही की। उसके बाद वे उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए नागपुर चले गए और 1956 में नागपुर विश्वविद्यालय से उन्होंने एम.ए. हिंदी की डिग्री हासिल की। शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने एक पत्रकार के रूप में काम करना शुरू किया। वह ‘श्रमिक’, ‘कृति’, ‘दिनमान’ और ‘वर्णिका’ जैसी पत्र-पत्रिकाओं से जीवनभर जुड़े रहे। इस दौरान मध्य प्रदेश सरकार द्वारा उन्हें कई पुरस्कार जैसे आचार्य नंददुलारे वाजपेयी पुरस्कार, शिखर सम्मान और तुलसी पुरस्कार से सम्मानित किया है। इसके अलावा सन् 1984 में केरल सरकार ने भी उन्हें ‘कुमारन आशान’ राष्ट्रीय पुरस्कार दिया है। वहीं दुर्भाग्यवश, सन् 1986 में श्रीकांत वर्मा का निधन हो गया।
कविता का सारांश
प्रस्तुत कविता में कवि मगध में सत्ता व्यवस्था की क्रूरता का वर्णन करते हैं। कवि कविता के माध्यम से यह बताना चाहते हैं कि मगध में सत्ताधारियों द्वारा लिए गए निर्णयों के कारण चारों ओर अव्यवस्था फ़ैल गई है। वहां की शासन व्यवस्था में आम जनता का हस्तक्षेप स्वीकार नहीं किया जाता। वहां कोई भी नियम नहीं है, सत्ताधारियों का जो मन करता है , वह वे करते हैं। और यह सब जनता को सहन करना पड़ता है। सत्ताधारियों को किसी का भी विरोध स्वीकार नहीं। इस तरह वहां की जनता इतनी कमज़ोर हो गई है कि वह छींकने से भी डरती है। जनता का मानना है कि अगर वे छींकते हैं तो मगध की शांति भंग हो जायेगी। इस तरह वहां की जनता चुपचाप अत्याचार सहती रहती है। यह व्यवस्था बिगड़ती जा रही है और आम जनता का जीवन नरक बनता जा रहा है। अंत मे कवि ने कहा है कि समाज को इस कुव्यवस्था के विरोध मे आवाज़ उठाना पड़ेगा। जब तक वह इसका सामना नहीं करेंगे तब तक उन्हें यह सब झेलना पड़ेगा। ऐसे में उठो और विरोध करो।
कठिन शब्द एवं उनके अर्थ
हस्तक्षेप कविता के कठिन शब्द एवं उनके अर्थ निम्नलिखित है :
टोकना – विरोध करना
रिवाज – परंपरा
दखल – हस्तक्षेप
मुर्दा – मृत शरीर
Hastakshep Class 11 Question Answer
हस्तक्षेप कविता के प्रश्न उत्तर निम्नलिखित है :
प्रश्न : ‘हस्तक्षेप’ कविता सत्ता की क्रूरता और उसके कारण पैदा होने वाले प्रतिरोध की कविता है – स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : कवि ने मगध की शासन व्यवस्था को क्रूर दिखाया है। यह कुव्यवस्था विरोध को दबाने और लोगों पर कई प्रकार के अत्याचार करती है। मगध का वातावरण हमेशा आतंक वाला रहता है। कवि ने कविता में ऐसी शासन व्यवस्था का जिक्र किया है, जो क्रूरतापूर्वक शासन करता और जनता के अधिकारों का हनन करता है। कवि कहते हैं कि इस क्रूरतापूर्ण शासन व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाना आवश्यक है। वह आगे कहते हैं कि जब तक इसका प्रतिरोध नहीं करेंगे, तब तक यह व्यवस्था चलती रहेगी।
प्रश्न : ‘मगध को बनाए रखना है, तो मगध में शांति रहनी ही चाहिए’ – भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : मगध में शासन व्यवस्था लोगों के साथ बहुत गलत व्यवहार करती है। शासक अपनी मनमानी को सही ठहराने के लिए लोगों को डरा रही हैं। वहां के लोगों के अनुसार यदि वह विरोध करते हैं, तो मगध में अशांति फैल जाएगी। ऐसे में लोगों में असंतोष देखकर वह कहते है कि मगध की शांति के लिए उन्हें आवाज़ उठानी पड़ेगी। कवि आगे कहते हैं लोगों को शांति बनाए रखने के लिए दबाव डाला जाता है। उनका मत है कि मगध को बनाए रखना है, तो मगध में शांति रहनी ही चाहिए।
प्रश्न : ‘मगध अब कहने को मगध है, रहने को नहीं’ – के आधार पर मगध की स्थिति का अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।
उत्तर : मगध, एक शक्तिशाली राज्य था जिसकी समृद्धि पूरे भारतवर्ष में मशहूर थी। लेकिन यह सिर्फ कहने के लिए था। वास्ताव में मगध की शासन व्यवस्था बहुत ही निरंकुश और क्रूर है जिससे जनता हमेशा परेशान रहती थी। वहां लोगों के अधिकारों के हनन किया जाता है। ऐसे में जनता को वहां के शासन व्यवस्था के आगे घुटने टेकने पड़ते है। अतः कवि कहते हैं कि वह जगह आम नागरिकों के लिए नहीं है। जब वहाँ की जनता ही खुश नहीं है, तो उसके नाम का क्या महत्व है।
MCQs
हस्तक्षेप कविता के MCQ निम्नलिखित है :
1. श्रीकांत वर्मा का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
- सन् 1941 में गुजरात में
- सन् 1931 में मध्यप्रदेश में
- सन् 1931 में उत्तर प्रदेश में
- सन् 1921 में केरल में
उत्तर: सन् 1931 में मध्यप्रदेश में
2. कविता में मगध को किसका प्रतीक माना गया है?
- शांति का
- सत्तावादी व्यवस्था का
- क्रांति का
- ख़ुशी का
उत्तर: सत्तावादी व्यवस्था का
3. कविता के अनुसार मगध में लोग छींकने से भी डरते हैं, क्यों?
- क्योंकि वहां पर छींकना अशुभ है।
- क्योंकि वहां की सत्ता इतनी सख्त है कि किसी भी तरह का विरोध खतरे में डाल सकता है।
- क्योंकि मगध में छींकने से बीमारी फैलती है।
- क्योंकि मगध में छींकना पाप है।
उत्तर: क्योंकि वहां की सत्ता इतनी सख्त है कि किसी भी तरह का विरोध खतरे में डाल सकता है।
4. हस्तक्षेप कविता किस बात की ओर संकेत करती है?
- प्रकृतिक सौंदर्य की
- क्रूर शासन व्यवस्था की
- आधुनिक बदलाव की
- मगध राज्य के दुर्दशा की
उत्तर: क्रूर शासन व्यवस्था की
5. मगध में कैसा वातावरण विद्यमान रहता है?
- आतंक का
- ख़ुशी का
- दुःख का
- साफ़ सुथरा
उत्तर: आतंक का
6. श्रीकांत वर्मा का निधन कब हुआ?
- सन् 1988 में
- सन् 1986 में
- सन् 1976 में
- सन् 1996 में
उत्तर: सन् 1986 में
7. हस्तक्षेप का अर्थ क्या है?
- शासन व्यस्था
- दखलंदाजी
- हस्ताक्षर
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर: दखलंदाजी
8. भय का पर्यायवाची क्या है?
- डर
- सुख
- दुःख
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर: डर
9. शांति का विलोम शब्द क्या है?
- अशांति
- सुकून
- सन्नाटा
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर: अशांति
10. मगध है तो …. है, इस पंक्ति को पूरा करे।
- शांति
- सुकून
- देश
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर: शांति
FAQs
इस कविता के माध्यम से कवि आज के समय के शासन व्यवस्था की ओर इशारा करते है। आज की शासन व्यवस्था में लोग अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर आम जनता के अधिकारों का हनन कर रहे हैं।
हस्तक्षेप कविता के अनुसार मगध निवासी सीखते हुए भी इसलिए डरते हैं क्योंकि सत्तावादी व्यवस्था ने उनके मन में डर का माहौल बना दिया है। वहां के लोगों को डर है कि अगर वह शासन व्यवस्था में हस्तक्षेप करेंगे, तो राजा उनके खिलाफ हो जाएगा। और इस पर उन्हें दंडित किया जा सकता है। अतः वह शासन व्यवस्था के मनमाने व्यवहार को चुपचाप सह रहे हैं।
हस्तक्षेप का अर्थ है दखलंदाजी। कवि ने इस कविता के माध्यम से लोगों को बताया है कि मगध की शासन व्यवस्था बहुत ही क्रूर है। वह के शासक क्रूरतापूर्वक शासन कर रहे हैं और जनता के अधिकारों का हनन कर रहे हैं। कवि ऐसी शासन व्यवस्था के खिलाफ है। कवि का कहना है कि हमें ऐसी शासन व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। वह कहते हैं कि यदि जनता इस व्यवस्था को खत्म करना चाहती है, तो उसे इसका विरोध करना पड़ेगा।
आशा है कि आपको Hastakshep Class 11 Question Answer से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहे।