भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने सूर्य का अध्ययन करने के लिए अपना सोलर मिशन आदित्य-एल1 (Aditya L1) सफलता से लॉन्च कर दिया है। पहला सौर्य मिशन 2 सितंबर यानी आज सुबह 11.50 बजे श्रीहरिकोटा स्पेसपोर्ट से लॉन्च किया गया। आदित्य एल-1 मिशन (Has Aditya L1 Launched) सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है।
इसरो के अनुसार, सूर्य के अध्ययन के लिए ‘आदित्य एल-1’ को पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर ‘लैग्रेंजियन-1’ बिंदु तक पहुंचने में 125 से 130 दिन लग सकते हैं। अंतरिक्ष साइंस की फील्ड में भारत चंद्रमा और मंगल ग्रह पर यान भेजकर सफलता पा चुका है और अब सूर्य के पास यान भेजकर अपनी स्पेश शक्ति का प्रदर्शन करेगा।
Has Aditya L1 Launched
श्रीहरिकोटा से लॉन्च होने वाला आदित्य-एल1, भारत का उद्घाटन सौर अंतरिक्ष वेधशाला होगा, जो लैग्रेंजियन प्वाइंट 1 के आसपास एक रणनीतिक कक्षा से सूर्य की गतिविधियों और अंतरिक्ष मौसम पर उनके प्रभाव का अध्ययन करेगा। आदित्य एल-1 की लॉन्चिंग के बाद कई चरणों में इसे पृथ्वी की कक्षा से बाहर किया जाएगा और सूरज की ओर भेजा जाएगा।
इसरो आदित्य एल1 (Aditya L1 Budget) मिशन बजट
Has Aditya L1 Launched जानने के साथ यह जरूरी है कि इसरो की ओर से लाॅन्च किए गए आदित्य एल-1 मिशन का उद्देश्य गैस पैटर्न, कोरोनल हीटिंग और सौर पवन त्वरण से संबंधित अध्ययन करना है। आपको पता होना चाहिए कि इसरो आदित्य एल1 मिशन का बजट 378 करोड़ है और इसरो ने दिसंबर 2019 से आदित्य एल1 पर काम करना शुरू किया था।
सूर्य मिशन की सफलता के बाद जुड़ेगी उपलब्धि
आदित्य एल-1 मिशन की लाॅन्चिग (Has Aditya L1 Launched) के बाद जर्मनी, अमेरिका और यूरोपीय स्पेश एजेंसी के बाद भारत सूर्य के पास अंतरिक्ष यान भेजने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। अंतरिक्ष साइंस की फील्ड में भारत चंद्रमा और मंगल ग्रह पर यान भेजकर सफलता पा चुका है और अब सूर्य के पास यान भेजकर अपनी स्पेश शक्ति का प्रदर्शन करेगा।
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