घर का न घाट का मुहावरे का अर्थ और इसका वाक्य में प्रयोग

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घर का न घाट का मुहावरे का अर्थ

घर का न घाट का मुहावरे का अर्थ (Ghar ka na ghat ka Muhavare Ka Arth) होता है। जब कोई व्यक्ति बेठिकाना, अनुपयोगी हो जाता है, तो उसके लिए हम घर का न घाट का मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। इस ब्लॉग के माध्यम से आप घर का न घाट का मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग और इसकी व्याख्या के बारे में जानेगें।

मुहावरे किसे कहते हैं?

मुहावरे और उनके अर्थ – किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे मुहावरा कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।

घर का न घाट का मुहावरे का अर्थ क्या है?

Ghar ka na ghat ka Muhavare Ka Arth) होता है- बेठिकाना, अनुपयोगी, किसी लायक नहीं, वो जिसका कहीं ठिकाना न हो आदि।

घर का न घाट का व्याख्या

इस मुहावरे में “घर का न घाट का मुहावरे का अर्थ” – नौकरी जाने के बाद राजीव न घर का रहा न घाट का।

घर का न घाट का मुहावरे का वाक्य प्रयोग

घर का न घाट का मुहावरे का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है;

  • रंजन को टीचर ने डांटते हुए कहा कि पढ़ लो नहीं तो न घर के रहोगे न घाट के।
  • रुचि से बॉस ने कहा कि समय से काम खत्म करो नहीं तो न घर की रहोगी न घाट की।
  • कुछ लोग सिर्फ अपने गलत फैसलों की वजह से न घर के रहते हैं न घाट के।

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आशा है कि Ghar ka na ghat ka Muhavare Ka Arth आपको समझ आया होगा। हिंदी मुहावरे के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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