गणेश चतुर्थी 2024 में 6 और 7 सितंबर को मनाई जाएगी। यह दिन भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है और विशेष रूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, और गोवा जैसे राज्यों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। हिन्दू धर्म में गणेश चतुर्थी का त्यौहार बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है। भगवान गणेश को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। उन्हें विघ्नहर्ता और प्रथम पूज्य कहा जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने घरों और सार्वजनिक स्थानों पर भगवान गणेश की मूर्तियों की स्थापना करते हैं और विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। इसलिए इस ब्लॉग में गणेश चतुर्थी कब है 2024 के बारे में बताया गया है।
गणेश चतुर्थी कब है 2024?
गणेश चतुर्थी कब है 2024 | 6 और 7 सितंबर |
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गणेश चतुर्थी का महत्व
गणेश चतुर्थी के महत्व के बारे में यहाँ बताया गया है :
- भगवान गणेश को ज्ञान, बुद्धि और समृद्धि का देवता माना जाता है। उनकी पूजा से सभी बाधाएं दूर होती हैं और कार्यों में सफलता मिलती है।
- गणेश चतुर्थी एक धार्मिक त्योहार है, जो लोगों को एक साथ आने और भगवान गणेश की पूजा करने का अवसर प्रदान करता है।
- गणेश चतुर्थी एक सांस्कृतिक त्योहार है, जो भारतीय संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देता है।
- गणेश चतुर्थी के दिन लोग भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करते हैं और उनकी पूजा करते हैं। पूजा में गणेश जी को मोदक, लड्डू, गुड़, दूध, दही आदि का भोग लगाया जाता है। भगवान गणेश की आरती की जाती है और उनके मंत्रों का जाप किया जाता है।
- गणेश चतुर्थी के दिन लोग एक-दूसरे को मिठाई खिलाते हैं और शुभकामनाएं देते हैं। इस दिन लोग नए कार्यों की शुरुआत करते हैं और भगवान गणेश से सफलता की कामना करते हैं।
- गणेश चतुर्थी का त्योहार भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। कुछ जगहों पर लोग गणेश चतुर्थी के दिन ढोल-नगाड़ों के साथ जुलूस निकालते हैं। कुछ जगहों पर लोग गणेश चतुर्थी के दिन भजन-कीर्तन और नृत्य करते हैं।
FAQs
गणेश चतुर्थी भगवान गणेश की पूजा के लिए मनाया जाने वाला हिन्दू त्योहार है, जो भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार भाग्य, सौभाग्य, विद्या, और समृद्धि की देवी सरस्वती के आगमन की यात्रा के रूप में भी माना जाता है।
गणेश चतुर्थी भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है, जो साल के विभिन्न महीनों में हो सकती है, लेकिन आमतौर पर सितंबर और अक्टूबर के बीच मनाई जाती है।
गणेश चतुर्थी के दिन, भगवान गणेश की मूर्ति को घरों में या पंडालों में स्थापित किया जाता है। उनकी पूजा धूप, दीप, फल, मिठाई, मोदक, और अन्य प्रसाद के साथ की जाती है। भजन-कीर्तन और आरती भी आयोजित की जाती हैं।
गणेश चतुर्थी के उत्सव के बाद, भगवान गणेश की मूर्ति को विसर्जित किया जाता है। यह विसर्जन प्रक्रिया अनेक दिनों तक चलती है और अक्सर नदी, समुंदर या झील में गणपति बाप्पा की मूर्ति को डूबाया जाता है।
गणेश चतुर्थी का महत्व हिन्दू धर्म में बहुत अधिक है। भगवान गणेश को विधि, बुद्धि, और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, और उनकी पूजा से भक्तों को सफलता और खुशियाँ प्राप्त होती हैं।
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