Gaganyaan Mission in Hindi : 24 अप्रैल को हो सकता है गगनयान मिशन का एयरड्रॉप परीक्षण, जानें इस मिशन का उद्देश्य

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Gaganyaan Mission in Hindi

चंद्रयान-3 की लाॅन्चिंग के बाद इसरो अन्य मिशन पर काम कर रहा है। इंडियन स्पेश रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) 2024 तक इस मिशन लाॅन्च करने की योजना बना रहा है। बता दें कि गगनयान देश का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है जिसके तहत चार अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष की सैर कराई जाएगी। चंद्रयान-3 की तरह गगनयान मिशन भी स्टूडेंट्स के लिए महत्वपूर्ण है और इससे जुड़े करंट अफेयर्स के प्रश्न आगामी परीक्षाओं में पूछे जा सकते हैं। इसलिए इस ब्लाॅग में आप Gaganyaan Mission in Hindi के बारे में विस्तृत जानकारी यानि गगनयान मिशन क्या है और इसका उद्देश्य आदि जानेंगे।

मिशन का नामगगनयान
बाॅडीISRO
लाॅन्चिंग डेट (पहली उड़ान)21 अक्टूबर 2023
गगनयान लाॅन्चिग जगहश्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र
मिशन की घोषणा कब की गई15 अगस्त 2018
मिशन की घोषणा किसने कीप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
गगनयान की लागतINR 9,023 करोड़ 
ऑफिशियल वेबसाइटisro.gov.in

Gaganyaan Mission in Hindi : गगनयान मिशन क्या है?

इसरो का गगनयान मिशन पर काफी समय से काम चल रहा है। गगनयान का लक्ष्य पृथ्वी से 400 किलोमीटर ऊपर अंतरिक्ष में पहुंचना है। यह भारतीय अंतरिक्ष संगठन (ISRO) द्वारा 2024 तक 5 से लेकर 7 दिनों के लिए तीन सदस्यीय दल को अंतरिक्ष में भेजने का एक मिशन है। गगनयान मिशन के लिए भारतीय वायुसेना को अंतरिक्ष यात्री चुनने का काम दिया गया गया था। चंद्रयान-3 और आदित्य एल-1 मिशन के बाद इसरो का यह गगनयान मिशन भारत के लिए खास होगा।

24 अप्रैल 2024 को दूसरी परीक्षण उड़ान की योजना

अंतरिक्ष एजेंसी ने घोषणा की है कि 2024 भारत के प्रतिष्ठित पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान का वर्ष होगा। यह अगले सप्ताह दूसरे मानवरहित मिशन, एक परीक्षण वाहन उड़ान मिशन और एक एयरड्रॉप परीक्षण को अंजाम देगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (एएसआई) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के मौके पर इसरो अध्यक्ष ने कहा कि एयरड्रॉप परीक्षण 24 अप्रैल को होगा।

गगनयान मिशन कब लाॅन्च हुआ?

इंडियन स्पेश रिसर्च ऑर्गनाइजेशन, इसरो ने 21 अक्टूबर को श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से एक परीक्षण यान को लॉन्च किया था। गगनयान मिशन के लिए मानव रहित उड़ान का परीक्षण शुरू हो जाएगा। परीक्षण यान की उड़ान (टीवी-डी1) का मकसद क्रू मॉड्यूल को परखना है। अनुमान लगाया जा रहा है कि अंतरिक्ष में पहली बार अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने का मिशन 2025 में पूरा हो सकता है। इसरो ने गगनयान के तहत मानव दल को पृथ्वी की 400 किलोमीटर की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित करने की सोच रहा है।

गगनयान मिशन का उद्देश्य क्या है?

किसी भी मिशन की लाॅन्चिग को लेकर अंतरिक्ष में अपनी शक्ति का प्रदर्शन करना होता है। गगनयान मिशन के कुछ उद्देश्य इस प्रकार हैंः

  • यह पहला स्वदेशी मिशन है जो भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजेगा।
  • यह लंबे समय में एक सतत इंडियन ह्यूमन स्पेश कोचिंग इंस्टिट्यूट की नींव रखेगा।
  • गगनयान मिशन का उद्देश्य LEO को मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन शुरू करने के लिए स्वदेशी क्षमता को दिखाना है।
  • सौर प्रणाली और उससे आगे का पता लगाने के लिए रोबोट मिशन की दिशा में प्रगति।
  • ह्यूमन स्पेश एक्सप्लोरेशन, अन्य मिशन और साइंटिस्ट एक्सप्लोरेशन करने के लिए टेक्नोलाॅजी का प्रदर्शन।
  • वैश्विक अंतरिक्ष स्टेशन के विकास में सक्रिय रूप से सहयोग करने और राष्ट्र के हित के वैज्ञानिक प्रयोग करने की भविष्य की क्षमता।

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गगनयान मिशन की लागत कितनी है?

भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो के किसी भी मिशन के पूरा होने में काफी खर्च आता है। गगनयान मिशन की लागत INR 9,023 करोड़ है। गगनयान के साथ ही इसरो अन्य मिशन पर काम कर रहा है।

​गगनयान के यात्री​

कोई भी अंतरिक्ष मिशन हो, महत्वपूर्ण होता है। गगनयान के यात्रियों की बात की जाए तो इंडियन एयर फोर्भास के 1 ग्रुप कैप्टन और 3 विंग कमांडर को तैयार किया जा रहा है और इन्हें बैंगलोर में गगनयान मॉड्यूल की ट्रेनिंग दी जा रही है। इसरो अभी गगनयान के क्रू मॉड्यूल के हाई-अल्टीट्यूड ड्रॉप टेस्ट करवा रहा है।

गगनयान मिशन कितने चरणों में पूरा होगा?

रिसर्च और डेवलपमेंट में आने वाली चुनौती और टेक्नोलाॅजी का प्रदर्शन करने के लिए तैयार इसरो का गगनयान मिशन को पूरा होने में 3 चरण शामिल हैं। इसके तहते 3 उड़ानें कक्षा (Orbit) में भेजी जाएंगी।

  1. इस मिशन का पहला चरण मानवरहित होगा
  2. दूसरे चरण में रोबोट को मिशन पर भेजा जाएगा।
  3. पहला और दूसरा कंप्लीट होने और पाॅजिटिव रिस्पांस आने के बाद तीसरे चरण में 3 अंतरिक्ष यात्रियों को भी भेजा जाएगा।

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गगनयान मिशन की टीम में कितने लोग शामिल हैं?

मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र (HSFC) भारत के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन (गगनयान) के कार्यान्वयन का नेतृत्व कर रहा है और इसके नए डायरेक्टर एम मोहन हैं। इस मिशन में टीम के अलावा भारतीय सशस्त्र बल (Indian Armed Forces), रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO), भारतीय समुद्री एजेंसियां​​- भारतीय नौसेना (Indian Navy), भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard), भारतीय नौवहन निगम (Shipping Corporation of india), राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (National Institute of Ocean Technology), भारतीय मौसम विभाग (India Meteorological Department) शामिल हैं।

गगनयान मिशन पर निबंध

प्रस्तावना : भारत की स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) दुनिया की सबसे बेहतरीन स्पेस एजेंसी में से एक मानी जाती है। इसरो ने भारत को अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में गर्व महसूस कराने के लिए बहुत से अवसर प्रदान किए हैं। चंद्रयान 3 की सफलता के बाद अब इसरो गगनयान 3 की लॉन्चिंग की तैयारी करने में लगा है। गगनयान वास्तव में भारत की अंतरिक्ष विज्ञान की यात्रा में एक मील का पत्थर साबित होगा।

गगनयान मिशन की लॉन्चिंग का समय

इंडियन स्पेश रिसर्च ऑर्गनाइजेशन, इसरो ने 21 अक्टूबर को श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से एक परीक्षण यान को लॉन्च किया था। गगनयान मिशन के लिए मानव रहित उड़ान का परीक्षण शुरू हो जाएगा। परीक्षण यान की उड़ान (टीवी-डी1) का मकसद क्रू मॉड्यूल को परखना है। अनुमान लगाया जा रहा है कि अंतरिक्ष में पहली बार अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने का मिशन 2025 में पूरा हो सकता है। इसरो ने गगनयान के तहत मानव दल को पृथ्वी की 400 किलोमीटर की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित करने की सोच रहा है।

गगनयान मिशन का उद्देश्य

भारत के गगनयान मिशन का मुख्य उद्देश्य भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में उच्च स्तर की तकनीक विकसित करना और वैज्ञानिक कौशल का विकास करना है। इसके अलावा इसका एक अन्य उद्देश्य भारत को अंतरिक्ष के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त कराना और अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की स्थिति को मजबूत करना भी है।

गगनयान मिशन का उद्देश्य 3 दिवसीय गगनयान मिशन के लिए 400 किलोमीटर की पृथ्वी की निचली कक्षा पर मानव को अंतरिक्ष में भेजना और उन्हें पृथ्वी पर सुरक्षित वापस लाना है।

उपसंहार : भारत के गगनयान मिशन ने विज्ञान और अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत को एक नया आयाम प्रदान किया है। इसने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की ख्याति को बढ़ाया है। यह मिशन एक बड़ा कदम है जो भारत को अंतरिक्ष के नई ऊंचाइयों को छूने का अवसर प्रदान करेगा।

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गगनयान मिशन के बारे में रोचक तथ्य

इतिहास में यह पहली बार होगा जब भारत अपने मानवयुक्त अंतरिक्ष यान को अंतरिक्ष में भेजेगा और इसके साथ ही इंडिया उन 4 देशों में स्थान हासिल करेगा जिन्होंने अपने यहां से इंसान को अंतरिक्ष में भेजा हो। गगनयान मिशन के बारे में रोचक तथ्य यहां बताए गए हैंः

  • गगनयान मिशन में महिला रोबोट को भेजा जाएगा।
  • अभी तक अन्य एजेंसियों ने टेस्टिंग के लिए जानवरों का इस्तेमाल किया है, मगर इसरो ने रोबोट बनाया है।
  • रोबोट हिंदी और इंग्लिश दोनों लैंग्वेज बोल सकता है।
  • गगनयान मिशन के अंतर्गत 3 सदस्यों के एक दल को 400 किलोमीटर की कक्षा में 3 दिनों के मिशन के लिए लॉन्च किया जाना है।
  • बूस्टर इंजन जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल MkIII (GSLV Mk III) रॉकेट का हिस्सा है।
  • इस मिशन की लाॅन्चिग के बाद भारत एलीट क्लब ऑफ नेशंस (अमेरिका, चीन और रूस) में शामिल हो जाएगा।
  • इस मिशन के प्रक्षेपण में स्वदेशी हेल्थ रिसर्च मॉड्यूल सहित कई अनुसंधान मॉड्यूल के साथ 500 से अधिक उद्योग शामिल हैं।
  • यह मिशन सोशल और टेक्नोलाॅजी डेवलपमेंट में मदद करेगा।
  • इस मिशन में एयर ड्रॉप टेस्ट (IADT), पैड अबॉर्ट टेस्ट (PAT) और टेस्ट व्हीकल (TV) शामिल हैं और इन टेस्ट के रिजल्ट से पता लगेगा कि यह मिशन अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाने के लिए सक्षम है या नहीं।
  • 2006 में गगनयान की शुरुआती स्टडी और टेक्नोलाॅजी डेवलपमेंट का काम ऑर्बिटल व्हीकल के तहत शुरू हुआ था।
  • गगनयान का ऑर्बिटल मॉड्यूल (OM) पृथ्वी की परिक्रमा करेगा और इसमें क्रू मॉड्यूल (CM) और सर्विस मॉड्यूल (SM) भी शामिल किए गए हैं।

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FAQs

आदित्य L1 को कब लॉन्च किया जाएगा?

आदित्य L1 को लॉन्च करने की डेट की अभी तक ऑफिशियल अनाउंसमेंट नहीं की गई है, इसे जुलाई में लाॅन्च किया जा सकता है।

गगनयान मिशन को कब लॉन्च किया जाएगा?

आदित्य मिशन को लॉन्च करने की डेट की अभी तक ऑफिशियल अनाउंसमेंट नहीं की गई है, इसे 2024 में लाॅन्च किया जा सकता है।

भारत के गगनयान मिशन को क्या बोला जाता है?

भारत के गगनयान मिशन को गगनयान मानव मिशन बोला जाता है।

स्पेस साइंटिस्ट कौन होते हैं?

स्पेस साइंटिस्ट वे हैं जो स्पेस और उससे संबंधित चीजों की स्टडी और रिसर्च करते हैं।

ISRO की फुल फाॅर्म क्या है?

ISRO की फुल फाॅर्म Indian Space Research Organization है।

उम्मीद है कि इस ब्लाॅग में आपको Gaganyaan Mission in Hindi की पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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