Essay on Dussehra in Hindi: दशहरा पर इस तरह लिखें निबंध…तो मिलेंगे पूरे अंक!

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Essay on Dussehra in Hindi (1)

Essay on Dussehra in Hindi: दशहरा हिंदू धर्म का एक प्रमुख और पवित्र त्योहार है, जिसे पूरे देश में बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार ‘बुराई पर अच्छाई की जीत’ का प्रतीक है और इसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है। भारत के विभिन्न क्षेत्रों में इसे अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है, लेकिन इसका उद्देश्य एक ही है – सत्य और धर्म की विजय का उत्सव। स्कूलों में अक्सर बच्चों को दशहरा पर निबंध (Dussehra Essay in Hindi) लिखने को कहा जाता है। इस ब्लॉग में हम आपको इस पर्व की विशेषताएं सरल और रोचक तरीके से बताएंगे, ताकि बच्चे आसानी से इसे समझ सकें और प्रभावी निबंध लिख सकें।

दशहरा पर निबंध 100 शब्दों में

दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) 100 शब्दों में इस प्रकार है:

दशहरा भारत देश में मनाए जाने वाले प्रसिद्ध त्योहार में से एक है। यह पर्व उस उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जब भगवान राम ने लंका के राजा रावण को हराया था। उस दिन सभी को एक संदेश मिला था कि हमेशा अच्छाई और पवित्रता, बुराई पर विजय प्राप्त करती है। कई शहरों और गांवों में इस पर्व के दिन मेले का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें परिवार के सभी सदस्य तैयार होकर दशहरे में रावण दहन, आतिशबाजी और स्थानीय रंगमंच समूह रामलीला का नाटक देखने जाते हैं। जो रामायण की प्रसिद्ध पौराणिक कथाओं पर आधारित होती है। 

दशहरा पर निबंध

दशहरा पर निबंध 150 शब्दों में

दशहरा पर निबंध (Dussehra Essay in Hindi) 150 शब्दों में इस प्रकार है:

दशहरा भारत के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे ‘विजयादशमी’ के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। दशहरे के दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था और माता सीता को रावण के बंदीगृह से मुक्त कराया था। इस घटना को याद करते हुए देशभर में रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले जलाए जाते हैं। यह त्योहार अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। उत्तर भारत में रामलीला का आयोजन किया जाता है, जिसमें रामायण की कथा का मंचन होता है। वहीं, पश्चिम बंगाल में इस दिन दुर्गा पूजा का समापन होता है। दशहरा हमें सिखाता है कि जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ क्यों न आएँ, सत्य और धर्म की विजय निश्चित है। यह पर्व सभी में उत्साह, धर्म और एकता का संचार करता है और हमें हर परिस्थिति में नैतिकता और सत्य का पालन करने की प्रेरणा देता है।

दशहरा पर निबंध 200 शब्दों में

दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) 200 शब्दों में इस प्रकार है:

दशहरा भगवान राम की रावण पर विजय के रूप में मनाया जाता है। कई स्थानों पर इस दिन बुराई के विनाश का संकेत देने के लिए आतिशबाजी के साथ रावण के पुतले जलाए जाते हैं। दशहरा या विजयदशमी भगवान राम की विजय और दुर्गा पूजा के रूप या फिर यह शक्ति-पूजा का पर्व है। दशहरा के दिन अपराजिता की पूजा करना भी शुभ माना गया है और यह भी मान्यता है कि दिन अपराजिता की पूजा करने से सालभर हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। इस दिन, विजय दिवस के रूप में शस्त्रों की पूजा की जाती है। हर साल नवरात्रि के समापन पर विजयादशमी का त्योहार या दशहरा मनाया जाता है।

दशहरा पूरे भारत में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। गांव में दशहरा बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है। गांव के लोग बड़े ही श्रद्धा के साथ पूजा के लिए आगे आते हैं और बाद में एक-दूसरे शुभकामनाएं देते हैं। गांव और शहरों में दशहरा से कुछ दिन पहले रामलीला और मेलों का आयोजन होता है और दशहरा वाले दिन असत्य पर सत्य की जीत के रूप में रावण के पुतले दहन किए जाते हैं। दशहरा पर लोगों के घऱों में पूजा-पाठ का भी आयोजन होता है।

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दशहरा पर निबंध 250 शब्दों में

दशहरा पर निबंध (Dussehra Essay in Hindi) 250 शब्दों में इस प्रकार है:

दशहरा भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो हर साल अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इसे विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इस दिन अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक माना जाता है। यह त्योहार भगवान राम द्वारा रावण के वध और माता सीता को रावण की कैद से मुक्त कराने की याद में मनाया जाता है। इस दिन को सत्य, धर्म और न्याय की जीत का प्रतीक माना जाता है।

दशहरा का त्योहार केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व भी रखता है। इस दिन भारत के विभिन्न हिस्सों में रामलीला का आयोजन किया जाता है, जिसमें भगवान राम की जीवन कथा को नाटक के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। शाम के समय बड़े मैदानों में रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले जलाए जाते हैं, जो बुराई के अंत का प्रतीक है। इस अवसर पर लोग नए वस्त्र धारण करते हैं, अपने घरों की सफाई और सजावट करते हैं, और मिठाइयों का आदान-प्रदान करते हैं।

दशहरा हमें यह सिखाता है कि जीवन में कितनी भी कठिनाई क्यों न हो, सत्य और धर्म का मार्ग अपनाने वाला व्यक्ति अंततः विजयी होता है। यह त्योहार हमें अपने अंदर की बुराइयों को समाप्त करने और जीवन में सकारात्मकता लाने की प्रेरणा देता है। समाज में शांति, प्रेम और एकता बनाए रखने का संदेश भी यह पर्व देता है। यह पर्व हमें यह भी याद दिलाता है कि अहंकार और अन्याय का अंत निश्चित है। इस प्रकार, दशहरा भारतीय संस्कृति और आदर्शों का जीवंत प्रतीक है।

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दशहरा पर निबंध 500 शब्दों में

दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) 500 शब्दों में इस प्रकार है:

प्रस्तावना

दशहरा भारत के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जो अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक है। यह पर्व न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी विशेष महत्व रखता है। रामायण के अनुसार, इस दिन भगवान राम ने रावण का वध कर माता सीता को रावण की कैद से मुक्त कराया। इसे विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है। दशहरा का पर्व हमें यह प्रेरणा देता है कि सत्य और धर्म का मार्ग अपनाने वाला व्यक्ति अंततः विजयी होता है।

दशहरा कब और कैसे मनाया जाता है?

दशहरा हर साल हिंदू लूनिसोलर कैलेंडर के अनुसार अश्विन या कार्तिक माह के दसवें दिन मनाया जाता है। यह तारीख ग्रेगोरियन कैलेंडर के सितंबर-अक्टूबर के महीनों में आती है। इस दिन नवरात्रि के समापन पर देवी दुर्गा की पूजा के बाद विजयदशमी का उत्सव शुरू होता है। विभिन्न क्षेत्रों में इसे अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। उत्तर भारत में रामलीला का आयोजन होता है, जिसमें भगवान राम की कथा का नाटकीय रूप से मंचन किया जाता है। इस दिन रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों को जलाने की परंपरा है, जो बुराई के अंत का प्रतीक है।

दशहरा का महत्व

दशहरा का मुख्य उद्देश्य अच्छाई और बुराई के बीच संघर्ष में अच्छाई की जीत को दर्शाना है। यह पर्व दो मुख्य पौराणिक घटनाओं से जुड़ा है। पहली घटना भगवान राम और रावण के युद्ध की है, जिसमें भगवान राम ने धर्म और सत्य का पालन करते हुए रावण का वध किया। दूसरी घटना देवी दुर्गा द्वारा महिषासुर का वध है, जिसे बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में देखा जाता है।

यह त्योहार केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि इसमें सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्य भी निहित हैं। यह हमें अपने भीतर की बुराइयों को समाप्त करने और सकारात्मकता का मार्ग अपनाने की प्रेरणा देता है। समाज में भाईचारे, एकता और प्रेम की भावना को बढ़ावा देने का यह एक बड़ा अवसर है।

दुर्गा पूजा और दशहरा का संबंध

दुर्गा पूजा और दशहरा दोनों ही बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक हैं। नवरात्रि के नौ दिनों तक देवी दुर्गा की पूजा की जाती है, जो शक्ति, साहस और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक हैं। दसवें दिन, यानी विजयदशमी पर, देवी दुर्गा की महिषासुर पर विजय का उत्सव मनाया जाता है। यह दिन भगवान राम के उस कृत्य की याद दिलाता है, जब उन्होंने युद्ध में जाने से पहले देवी दुर्गा की पूजा की थी।

उपसंहार

दशहरा का दिन न केवल पौराणिक कहानियों को जीवंत करता है, बल्कि हमारे जीवन में सत्य, धर्म और सद्गुणों के महत्व को भी रेखांकित करता है। यह पर्व हमें अपने अंदर की नकारात्मकताओं और अहंकार को त्यागने की सीख देता है। दशहरा का संदेश स्पष्ट है कि सत्य, धर्म और अच्छाई का मार्ग ही अंततः विजयी होता है। इस प्रकार, दशहरा केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और मूल्यों का प्रतीक है, जो हर साल हमें प्रेरणा और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है। यह दिन हमें जीवन के सही मार्ग को अपनाने की प्रेरणा देता है, जिससे हम अपने समाज और व्यक्तिगत जीवन में अच्छाई और सकारात्मकता ला सकते हैं।

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दशहरा पर 10 लाइन

दशहरा पर 10 लाइन इस प्रकार हैं:

  1. दशहरा भारतीय महाकाव्य रामायण में राक्षस रावण पर भगवान राम की जीत का प्रतीक है।
  2. दशहरा सबसे लोकप्रिय हिंदू त्योहार है, जो हर साल 10 दिनों तक मनाया जाता है।
  3. दशहरा को नवरात्रि उत्सव के समापन के रूप में मनाया जाता है, जो भारतीय घरों में खुशी और विजय का प्रतीक है।
  4. हिंदू धर्म में दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है।
  5. संस्कृत में दशहरा शब्द का अर्थ है 10 बुराइयों से छुटकारा पाना, जो प्रतीकात्मक रूप से रावण के 10 सिरों से जुड़ा है।
  6. राम-लीला रामायण का एक अभिनय है, जो आमतौर पर विजयादशमी के दिन आयोजित किया जाता है।
  7. दशहरा पर रावण, कुंभकरण और मेघनाथ जैसे राक्षसों के विशाल पुतले जलाए जाते हैं।
  8. 10 सिर वाले रावण को जलाने के साथ आतिशबाजी होती है, और विजयादशमी के दिन यह दृश्य अत्यंत आकर्षक होता है।
  9. दशहरा को विजयादशमी (Vijaydashmi) के नाम से भी जाना जाता है, जो ‘असत्य पर सत्य की जीत’ का प्रतीक है।
  10. दशहरा एक पारंपरिक त्योहार है जो हमें सच्चाई, अच्छे कर्म और नैतिक मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा देता है।

दशहरा के बारे में रोचक तथ्य

दशहरा के बारे में रोचक तथ्यों को जरूर जानना चाहिए, जो इस प्रकार हैं:

  1. दशहरा को विजय दशमी (Vijaydashmi) के नाम से भी जाना जाता है, जो दसवें दिन विजय का प्रतीक है।
  2. ऐसा माना जाता है कि दशहरे पर देवी दुर्गा अपने पति भगवान शिव के पास लौट आईं।
  3. भारत के उत्तरी क्षेत्र में नवरात्रि के पहले दिन जौं के बीज बोये जाते हैं और इन अंकुरों का उपयोग दशहरे के दिन अच्छे भाग्य और धन के लिए एक शुभ शगुन माना जाता है।
  4. दशहरा को कृषि उत्सव के रूप में भी देखा जाता है, क्योंकि इस दिन खरीफ फ़सलों की कटाई की जाती है और रवि फ़सलों का बीजारोपण भी किया जाता है।
  5. ऐसा माना जाता है कि दशहरे का पहला भव्य उत्सव 17वीं शताब्दी में तत्कालीन राजा वोडेयार के आदेश पर मैसूर पैलेस में हुआ था।
  6. भारत में सबसे प्रसिद्ध दशहरा उत्सव मैसूर शहर में मनाया जाता है, जहां पूरे शहर में राजा वोडेयार की मूर्ति की भव्य शोभा यात्रा निकाली जाती है।
  7. दशहरा सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि बांग्लादेश, नेपाल और मलेशिया में भी मनाया जाता है। मलेशिया में यह दिन राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाता है।
  8. दशहरा मौसम के परिवर्तन का प्रतीक है, क्योंकि इस दिन हम गर्मियों को अलविदा कहते हैं और सर्दियों के मौसम का स्वागत करते हैं।
  9. इस दिन रावण के पुतले के साथ-साथ कुम्भकर्ण और मेघनाद के पुतले भी जलाए जाते हैं, जो बुराई के अंत का प्रतीक होते हैं।
  10. ऐसा माना जाता है कि दशहरा वह दिन है जब सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म को अपनाया था।
  11. दशहरे के दिन ही डॉ. बी.आर. आंबेडकर ने भी बौद्ध धर्म अपनाया था, जो उनके जीवन के महत्वपूर्ण मोड़ में से एक था।

विजयदशमी पर निबंध कैसे लिखें?

विजयदशमी पर निबंध लिखते समय निम्नलिखित बिंदुओं का ध्यान रखें :

  1. सबसे पहले विजयदशमी का महत्व और इतिहास पर ध्यान केंद्रित करें।
  2. निबंध की शुरुआत विजयदशमी के महत्व से करें।
  3. राम-रावण युद्ध या देवी दुर्गा के महिषासुर पर विजय की कहानी का उल्लेख करें।
  4. भारत में विजयदशमी के विभिन्न उत्सवों और परंपराओं पर चर्चा करें।
  5. दशहरे के जश्न, रावण दहन, और रामलीला के दृश्यों का वर्णन करें।
  6. निबंध के अंत में बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दें।
  7. सरल, प्रभावी और प्रवाहमयी भाषा का प्रयोग करें।
  8. निबंध का समापन सकारात्मक और प्रेरणादायक विचार से करें।

FAQs

दशहरा के दौरान क्या मंचन किया जाता है?

रामलीला।

रावण दहन की शुरुआत कब हुई?

1955 से रावण दहन कार्यक्रम की शुरुआत हुई। यह प्रचलन 1954 में दशहरा कमेटी के गठन के बाद से शुरू हुआ। 

रावण का पहला पुत्र कौन है?

मेघनाद।

दशहरा कैसे मनाते हैं?

दशहरा, जिसे विजयादशमी भी कहा जाता है, बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार नवरात्रि के दसवें दिन मनाया जाता है। इस दिन रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले जलाए जाते हैं, जो बुराई का प्रतीक हैं। लोग रामलीला का आयोजन करते हैं, जिसमें भगवान राम की रावण पर विजय की कहानी का मंचन होता है।

हम दशहरा क्यों मनाते हैं?

हम दशहरा मनाते हैं ताकि हम इस पर्व की महत्वपूर्ण शिक्षा और सांस्कृतिक महत्व को संक्षेप में समझ सकें। यह त्योहार हमें सत्य, धर्म और अच्छाई की शक्ति को याद दिलाता है।

दशहरा 10 दिनों तक क्यों मनाया जाता है?

दशहरा 10 दिनों तक मनाया जाता है क्योंकि यह नवरात्रि के अंतिम दिन मनाया जाता है, जिसमें देवी दुर्गा की पूजा और बुराई पर अच्छाई की विजय की कहानी का उत्सव होता है।

दशहरा किसकी याद में मनाया जाता है?

दशहरा भगवान राम की रावण पर विजय और देवी दुर्गा द्वारा महिषासुर का वध करने की याद में मनाया जाता है।

बच्चे दशहरा का आनंद कैसे लेते हैं?

बच्चे दशहरा का आनंद रावण के पुतले जलाने, रामलीला देखने, मिठाइयाँ खाने और झूलों पर झूलने में लेते हैं।

विजयदशमी का दूसरा नाम क्या है?

विजयदशमी का दूसरा नाम दशहरा है।

दशहरा से हमें क्या शिक्षा मिलती है?

दशहरा से हमें यह शिक्षा मिलती है कि अच्छाई हमेशा बुराई पर विजय प्राप्त करती है।

दशहरा किसका प्रतीक है?

दशहरा अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक है।

दशहरा कहाँ मनाया जाता है?

दशहरा पूरे भारत में मनाया जाता है, लेकिन खासतौर पर उत्तर भारत, मध्य भारत और मैसूर में यह बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

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