भारत में इनफार्मेशन और कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (ICT) और डिजिटल इनिशिएटिव को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने वर्ष 2022-23 के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UT) के लिए INR 1,775 करोड़ के अनुमानित ऑउटले की घोषणा की है।
अनुमान के अनुसार, उत्तर प्रदेश को सबसे अधिक INR 461 करोड़ मिलेंगे, जैसा कि राज्य मंत्री (MoS) अन्नपूर्णा देवी द्वारा लोकसभा में प्रस्तुत आंकड़ों से पता चलता है।
अन्नपूर्णा देवी ने दावा किया कि सरकार शिक्षा के यूनिवर्सलाइजेशन और सीखने के परिणामों को बढ़ाने के उद्देश्य से अपनी प्रमुख योजना होलिस्टिक एजुकेशन के तहत शिक्षकों के प्रशिक्षण पर लगभग INR 133 करोड़ खर्च करेगी।
समग्र शिक्षा ने आगे कहा कि “ऑनलाइन शिक्षा की सुविधा के लिए, आत्म-निर्भर भारत अभियान के हिस्से के रूप में पीएम ई-विद्या नामक एक कम्प्रेहैन्सिव इनिशिएटिव शुरू किया गया है, जो डिजिटल/ऑनलाइन/ऑन-एयर शिक्षा से संबंधित सभी प्रयासों को इंटेग्रट करती है ताकि शिक्षा तक बहु-पद्धति पहुंच को सक्षम किया जा सके,”।
इस बीच, बजटीय प्रोविज़न के अनुसार, भारत में सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों को आईसीटी स्थापित करने के लिए पांच साल की अवधि के लिए प्रति स्कूल INR 6.40 लाख तक का गैर-आवर्ती अनुदान और प्रति स्कूल प्रति वर्ष INR 2.40 लाख तक का रिकरिंग ग्रांट मिलता है। और अन्य डिजिटल बुनियादी ढाँचे।
दूसरी ओर, स्मार्ट क्लासरूम स्थापित करने के लिए इन स्कूलों को INR 2.40 लाख का नॉन रिकरिंग ग्रांट और 0.38 लाख का रिकरिंग ग्रांट प्रदान करने का दावा किया जाता है।
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