सेंट्रल एजुकेशन मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान ने 19 फरवरी को कहा कि छात्रों को शैक्षणिक सत्र 2025-26 से साल में दो बार 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने का विकल्प मिलेगा। प्रधान छत्तीसगढ़ में पीएम श्री (प्राइम मिनिस्टर स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया) योजना शुरू करने के बाद बोल रहे थे।
प्रधान ने कहा कि 2020 में पेश की गई नेशनल एजुकेशन पाॅलिसी (NEP) का एक उद्देश्य छात्रों पर शैक्षणिक तनाव को कम करना है। उन्होंने कहा कि 2025-26 शैक्षणिक सत्र से छात्रों को 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में दो बार बैठने का मौका मिलेगा।
पिछले वर्ष अगस्त में शिक्षा मंत्रालय द्वारा घोषित नए पाठ्यक्रम ढांचे (NCF) के अनुसार, बोर्ड परीक्षाएं साल में कम से कम दो बार आयोजित की जाएंगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि छात्रों के पास अच्छा प्रदर्शन करने के लिए पर्याप्त समय और अवसर हो। उन्हें सर्वश्रेष्ठ स्कोर बरकरार रखने का विकल्प भी मिलेगा।
NEP के माध्यम से मिलेगा फायदा
NEP के माध्यम से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का दृष्टिकोण छात्रों को तनाव मुक्त रखना, उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से समृद्ध करना, छात्रों को संस्कृति से जोड़े रखना और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करना है। यह 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने का सूत्र है।
NEP के बारे में
नई शिक्षा नीति के तहत स्कूल से लेकर कॉलेज तक की शिक्षा नीति में बदलाव किया गया है। इसके तहत नाॅलेज के साथ ही उनकी हेल्थ और स्किल डेवलपमेंट शामिल है। इसके अंतर्गत 12 साल की स्कूल शिक्षा होगी और 3 साल की फ्री स्कूल शिक्षा होगी। नई शिक्षा नीति के तहत स्कूल में 5वीं तक शिक्षा मातृभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा में दी जाएगी। छठी कक्षा से बिजनेस इंटर्नशिप स्टार्ट कर दी जाएगी। न्यू एजुकेशन पाॅलिसी आने के बाद कोई भी सब्जेक्ट चुन सकते हैं और स्टूडेंट्स फिजिक्स के साथ अकाउंट या फिर आर्ट्स का भी सब्जेक्ट पढ़ सकते हैं। ग्रेजुएशन में 3 या 4 साल लगता है, जिसमें एग्जिट ऑप्शन होंगे।
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