6 फ़रवरी 2024 को मुंबई यूनिवर्सिटी (MU) में मीडिया से बातचीत के दौरान यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने कहा कि पब्लिक, प्राइवेट, सेंट्रल और डीम्ड यूनिवर्सिटीज सहित देश की करीब 200 यूनिवर्सिटीज ने पहले ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुसार चार वर्षीय अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम लागू कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों ने अपनी सभी यूनिवर्सिटीज को चार-वर्षीय UG प्रोग्राम शुरू करने के लिए कहा है, लेकिन यह देश भर की यूनिवर्सिटीज में भी सामान्य होता जा रहा है।
कुमार ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र कई पहलुओं में एनईपी के प्रभावी एग्जीक्यूशन में लीडर है और क्लस्टर यूनिवर्सिटीज बनाने में भी सबसे आगे है। महाराष्ट्र राज्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्रभावी ढंग से लागू करने के प्रयास कर रहा है, और राज्य की यूनिवर्सिटीज छोटे पैमाने पर ‘ग्रुप यूनिवर्सिटीज’ बनाने में भी सबसे आगे हैं।
इस वर्ष 1.5 लाख से ज्यादा छात्रों ने MU से UG की
इस वर्ष MU में 1.51 लाख से अधिक छात्रों ने UG किया और उन्हें डिग्री प्रदान की गई। इनमें से लगभग 53% छात्राएं थीं। COVID महामारी के दो वर्षों को छोड़कर, विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट होने वाली महिला छात्रों की संख्या हमेशा लड़कों की तुलना में अधिक रही है। विभिन्न परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन करने वाले 21 छात्रों को चौबीस मेडल्स प्रदान किए गए, जिनमें से 12 महिलाएं थीं।
प्रोगाम्स की अध्यक्षता करने वाले महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि (MU) को अगले 10 वर्षों में देश की टॉप 10 यूनिवर्सिटीज में शुमार होना चाहिए। बैस ने यह भी उल्लेख किया कि (MU) से अधिक लड़कियों का ग्रेजुएट होना एक सकारात्मक संकेत है।
UGC के बारे में
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) 28 दिसंबर, 1953 को अस्तित्व में आया और विश्वविद्यालय में शिक्षा, परीक्षा और अनुसंधान के रेगुलेशंस के समन्वय और रखरखाव के लिए 1956 में संसद के एक अधिनियम द्वारा भारत सरकार की काॅंस्टिट्यूशनल बाॅडी बन गया। यह यूनिवर्सिटी और काॅलेजों को ग्रांट देता है।
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