डेढ़ चावल की खिचड़ी पकाना मुहावरे का हिंदी अर्थ (Dedh chawal ki khichdi pakana muhavare ka arth) ‘सबसे अलग राय होना’ या ‘बहुमत से अलग रहना’ होता है। जब कोई व्यक्ति हमेशा ही आम राय से अपनी विपरीत राय रखता है तब डेढ़ चावल की खिचड़ी पकाना मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। इस ब्लॉग के माध्यम से आप ‘डेढ़ चावल की खिचड़ी पकाना मुहावरे का अर्थ’ (Dedh chawal ki khichdi pakana muhavare ka arth) का वाक्यों में प्रयोग और अन्य महत्वपूर्ण मुहावरों के बारे में जानेगें।
मुहावरे किसे कहते हैं?
किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे ‘मुहावरा’ कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
डेढ़ चावल की खिचड़ी पकाना मुहावरे का अर्थ क्या है?
डेढ़ चावल की खिचड़ी पकाना मुहावरे का हिंदी अर्थ (Dedh chawal ki khichdi pakana muhavare ka arth) ‘सबसे अलग राय होना’ या ‘बहुमत से अलग रहना’ होता है।
डेढ़ चावल की खिचड़ी पकाना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग
डेढ़ चावल की खिचड़ी पकाना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित हैं:-
- सोहन अपनी पार्टी की विचारधारा से विपरीत डेढ़ चावल की खिचड़ी पकाता है।
- राजेश परिवार की राय से अलग डेढ़ चावल की खिचड़ी पकाता है।
- मोहन ने कहा, सुनील किसी भी विषय पर डेढ़ चावल की खिचड़ी अवश्य पकाता है।
- कार्यालय में अंशुल अपने वरिष्ठ अधिकारियों से अलग डेढ़ चावल की खिचड़ी पकाता है।
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आशा है कि आपको, डेढ़ चावल की खिचड़ी पकाना मुहावरे का अर्थ (Dedh chawal ki khichdi pakana muhavare ka arth) से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी मिल गई होगी। हिंदी मुहावरे के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।