Chandrayaan-3 Mission Latest Update : चंद्रयान-3 ने पृथ्वी की कक्षा को छोड़ा, अब नेक्स्ट स्टेप होगा चंद्रमा

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Chandrayaan-3 Mission Latest Update : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा लॉन्च चंद्रयान-3 मिशन सफलतापूर्वक एक स्टेप आगे बढ़ चुका है और अब चंद्रमा की ओर बढ़ रहा है। चंद्रयान-3 ने पृथ्वी की आर्बिट के सभी चक्कर को तय समय में पूरा कर लिया हैं। 

इसरो की ओर से बताया गया है कि यह एक उपलब्धि है, अगर सब ठीक प्रकार से चलता रहा तो चंद्रमा की आर्बिट में 5 अगस्त तक यह प्रवेश कर जाएगा। 

जैसे ही यह चंद्रमा पर पहुंचेगा, चंद्र-कक्षा सम्मिलन (एलओआई) की योजना 5 अगस्त, 2023 को बनाई गई है। यह जानकारी इसरो की तरफ से किये गए ट्वीट में बताई गई है।

चंद्रयान-3 मिशन में आगे क्या है?

14 जुलाई, 2023 को लॉन्च किए गए चंद्रयान-3 मिशन, चंद्रयान कार्यक्रम के तहत तीसरा चंद्र अन्वेषण है। इसमें विक्रम नामक एक लैंडर और प्रज्ञान नामक एक रोवर शामिल है, इसरो के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 को पृथ्वी की ऑर्बिट से उसे स्पीड से चांद की तरफ भेजा।

इसे ट्रांसलूनर इंजेक्शन (TLI) कहा जाता है। जिससे पूर्व चंद्रयान अंडाकार कक्षा में घूम रहा था और अभी तक पृथ्वी से सबसे कम दूरी 236 किलोमीटर और सबसे ज्यादा दूरी 1,27,603 किलोमीटर थी।

चंद्रयान-3 को पहुँचने में क्यों लगेंगे इतने दिन?

चंद्रयान-3 मिशन अलग और खास माना जा रहा है, क्योंकि यह चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला यान होगा। चंद्रयान-3 को चंद्रमा तक पहुंचने में 40 दिन तक का समय लग सकता है। चंद्रयान में ईंधन की मात्रा सीमित है और इसे सीधे चंद्रमा पर भेजेंगे तो सारा ईंधन खर्च हो जाएगा। ISRO एक घुमावदार मार्ग का उपयोग करता है, जो पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण का लाभ उठाता है। ISRO के पास इतना शक्तिशाली रॉकेट नहीं जो चंद्रयान-3 को सीधे चांद पर भेज दे।

चंद्रयान-3 की शुरुआती रफ्तार 1,627 किमी प्रति घंटा होगी

चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम के 23 अगस्त की शाम करीब 5.47 बजे चांद पर लैंड करने की उम्मीद है। हालांकि, कई फैक्‍टर्स के चलते इसमें बदलाव हो सकता है। चंद्रयान-3 एक लैंडर, एक रोवर और एक प्रोपल्शन मॉड्यूल से लैस है। इसकी रफ्तार 1,627 किमी प्रति घंटा और लॉन्चिंग के 108 सेकंड बाद 45 किलोमीटर की ऊंचाई पर इसका लिक्विड इंजन स्टार्ट होगा।

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