शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लिए CBSE ने cbseacademic.nic.in पर जारी किया सीनियर सेकेंडरी करिकुलम, यहाँ देखें पूरी डिटेल

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CBSE New Curriculum 2024-25

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने हाल ही में सीनियर सेकेंडरी के लिए करिकुलम जारी किया है, यह करिकुलम कक्षा 11वीं और 12वीं के लिए मान्य है। जो छात्र कक्षा 11वीं और 12वीं में हैं, वे आधिकारिक वेबसाइट cbseacademic.nic.in. के माध्यम से शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लिए विस्तृत करिकुलम की जांच कर सकते हैं।

जारी हुआ CBSE New Curriculum 2024-25

लेटेस्ट करिकुलम के अनुसार, वर्ष 2024-2025 के लिए सीनियर सेकेंडरी स्कूल करिकुलम में सात मुख्य लर्निंग एरिया हैं। इन लर्निंग एरियाज में सामान्य अध्ययन, गणित, विज्ञान, भाषाएं, मानविकी और स्वास्थ्य (ह्यूमिनिटीज एंड हेल्थ) और शारीरिक शिक्षा (फिजिकल एजुकेशन) शामिल हैं।

गौरतलब है कि नए करिकुलम के परिणामस्वरूप शिक्षक 21वीं सदी के स्किल को शैक्षणिक संस्थानों में शामिल करने की आवश्यकता के प्रति अधिक जागरूक हैं। यह नया करिकुलम मुख्य रूप से स्किल की तीन कैटेगरी “लाइफ, लिट्रेसी एंड लर्निंग” से प्रेरित होगा।

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CBSE New Curriculum 2024-25 की विस्तृत जानकारी

CBSE New Curriculum 2024-25 कुछ इस प्रकार संरचित है:

  1. कक्षा 11वीं और 12वीं में पढ़ाई जाने वाली दो भाषाओं में से एक हिंदी या अंग्रेजी होनी चाहिए।
  2. छात्र अंग्रेजी कोर (कोड-301) और अंग्रेजी इलेक्टिव (कोड-001) या हिंदी कोर (कोड-302) या हिंदी इलेक्टिव (कोड 002) के बीच चयन कर सकते हैं।
  3. बिजनेस स्टडीज (कोड 054) और बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (कोड 833) के संयोजन की अनुमति नहीं है।
  4. उम्मीदवार को इंफॉर्मेटिक्स प्रक्टिसिस (065), कंप्यूटर साइंस (कोड 083), और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (कोड 802) में से केवल एक विषय चुनने की अनुमति है।
  5. एप्लाइड मैथमेटिक्स (कोड 241) और मैथमेटिक्स (कोड 041) का प्रयोग किया जा रहा है।
  6. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सिस्टम/मार्क शीट की क्रोनोलॉजी सब्जेक्ट लिस्ट में शामिल पहले पांच विषयों को मुख्य विषय माना जाता है।
  7. स्टडी प्लान के आधार पर, किसी भी विषय को स्किल इलेक्टिव के साथ जोड़ा जा सकता है।
  8. 6/7 विषय लेने वाले और सभी 6/7 विषयों में उत्तीर्ण होने वाले उम्मीदवारों का प्रतिशत कॉलेज/संस्थान की नीतियों के आधार पर निर्धारित किया जाएगा।
  9. सात में से छह विषय लेने वाले और उनमें से प्रत्येक विषय में उत्तीर्ण होने वाले उम्मीदवारों का प्रतिशत उस कॉलेज या संस्थान की आवश्यकताओं के आधार पर निर्धारित किया जाएगा जहां उम्मीदवार प्रवेश के लिए आवेदन कर रहा है।
  10. यदि किसी छात्र ने छह विषय लिए हैं, और वह पहले पांच में से किसी एक में फेल हो जाता है, तो छठा विषय उसकी जगह ले लेगा, बशर्ते कि उम्मीदवार स्टडी प्लान को पूरा करता हो।

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