BUMS Admission Without NEET in Hindi : यदि आप मेडिकल क्षेत्र में अपना करियर बनाने की सोच रहें हैं लेकिन नीट परीक्षा आपके लिए एक चुनौती बन गयी है तो आपको चिंतित होने की जरुरत नहीं है। ऐसी स्थिति में बीयूएमएस (Bachelor of Unani Medicine and Surgery) आपके लिए एक शानदार विकल्प हो सकता है। जी हाँ यह कोर्स आपको बिना NEET के भी चिकित्सा क्षेत्र में करियर बनाने का अवसर देता है। यूनानी चिकित्सा पद्धति पर आधारित इस कोर्स को करने के बाद आप एक यूनानी डॉक्टर बन सकते हैं, जो प्राकृतिक तरीके से रोगों का इलाज करता है। ऐसे में आईये इस ब्लॉग के माध्यम से जानतें हैं कि नीट के बिना बीयूएमएस कोर्स में एडमिशन (BUMS Admission Without NEET in Hindi) कैसे लें सकते हैं। साथ ही इसकी पात्रता, फीस, और टॉप कॉलेजों के बारे में भी जानते हैं।
This Blog Includes:
- बीयूएमएस के बारे में
- क्या NEET के बिना BUMS में प्रवेश संभव है?
- नीट के बिना बीयूएमएस में प्रवेश के लिए पात्रता मानदंड
- बिना NEET के BUMS कोर्स में प्रवेश प्रक्रिया
- BUMS में प्रवेश के लिए भारत के टॉप कॉलेजों की सूची
- BUMS कोर्स की फीस
- NEET के बिना BUMS में प्रवेश के फायदे और चुनौतियाँ
- BUMS स्नातकों के लिए करियर के विकल्प
- FAQs
बीयूएमएस के बारे में
BUMS की फुल फॉर्म बैचलर ऑफ यूनानी मेडिसिन एंड सर्जरी है, जिसे हिंदी में यूनानी काय चिकित्सा और शल्य चिकित्सा कहा जाता है। यह एक ग्रेजुएशन कोर्स है, जो 12वीं कक्षा के बाद किया जाता है। इस कोर्स में यूनानी पद्धति से इलाज के तरीके जैसे मसाज, पसीना निकालने की प्रक्रिया, लीचिंग (जोंक चिकित्सा) और एक्सरसाइज आदि सिखाए जाते हैं। BUMS कोर्स 6 साल का होता है, जिसमें 1 साल की अनिवार्य इंटर्नशिप भी शामिल है।
क्या NEET के बिना BUMS में प्रवेश संभव है?
जी हां, NEET के बिना BUMS (बैचलर ऑफ यूनानी मेडिसिन एंड सर्जरी) कोर्स में प्रवेश कुछ कॉलेजों में संभव है। हालांकि, यह कॉलेज और राज्य सरकार के नियमों पर निर्भर करता है। कुछ कॉलेजों में प्रवेश के लिए NEET की आवश्यकता नहीं होती और वहां उम्मीदवारों को राज्य या कॉलेज द्वारा आयोजित अन्य प्रवेश परीक्षा, या केवल शैक्षिक योग्यता और मेरिट के आधार पर प्रवेश मिल सकता है।
नीट के बिना बीयूएमएस में प्रवेश के लिए पात्रता मानदंड
नीट के बिना बीयूएमएस कोर्स में प्रवेश के लिए पात्रता मानदंड कॉलेज और राज्य सरकार के नियमों पर निर्भर करते हैं। हालांकि, सामान्य तौर पर निम्नलिखित योग्यताएँ होती हैं:
- शैक्षिक योग्यता: उम्मीदवार को 12वीं कक्षा साइंस (भौतिकी, रसायन और जीवविज्ञान) से न्यूनतम 50% अंक के साथ उत्तीर्ण होना चाहिए। बता दें कि सामान्य श्रेणी के छात्रों के लिए 50% अंक जरूरी हैं, जबकि आरक्षित श्रेणियों के छात्रों के लिए 40% अंक भी स्वीकार किए जाते हैं।
- आयु सीमा: उम्मीदवार की आयु 17 से 25 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- प्रवेश प्रक्रिया: कुछ कॉलेजों में उम्मीदवार सीधे प्रवेश प्रक्रिया के तहत एडमिशन पा सकते हैं, लेकिन उससे पहले राज्य या कॉलेज द्वारा निर्धारित प्रवेश परीक्षा और इंटरव्यू में पास होना जरुरी हैं।
बिना NEET के BUMS कोर्स में प्रवेश प्रक्रिया
कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंकों के साथ उत्तीर्ण होने के बाद, छात्र NEET के बिना BUMS में सीधे प्रवेश ले सकते हैं। लेकिन इसके लिए उन्हें निम्नलिखित प्रवेश प्रक्रिया पूरी करनी होगी जो कि इस प्रकार है:
- छात्र कॉलेज की वेबसाइट पर जाकर बीयूएमएस कोर्स के लिए आवेदन फॉर्म भर सकते हैं।
- यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि केवल कुछ कॉलेज ही NEET स्कोर के बिना प्रवेश स्वीकार करते हैं, इसलिए छात्रों को सही कॉलेज का चयन करना होगा।
- उन्हें अपने विवरण के साथ लॉगिन करके आवेदन फॉर्म भरना होगा।
- जानकारी भरने के बाद, छात्र को आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करने होंगे।
- फॉर्म सबमिट करने के बाद, छात्रों को प्रवेश प्रक्रिया को पूरा करने के लिए एक निर्धारित शुल्क का भुगतान करना पड़ सकता है।
- प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी होने पर, छात्र फॉर्म जमा कर सकते हैं और उसका प्रिंटआउट ले सकते हैं।
BUMS में प्रवेश के लिए भारत के टॉप कॉलेजों की सूची
नीट के बिना बीयूएमएस प्रवेश के लिए भारत के कुछ शीर्ष निजी कॉलेज निम्नलिखित हैं :
- ग्लोबल यूनिवर्सिटी, सहारनपुर
- जामिया हमदर्द, नई दिल्ली
- गुरु रविदास आयुर्वेद विश्वविद्यालय, होशियारपुर
- हयात यूनानी मेडिकल कॉलेज एवं रिसर्च सेंटर, लखनऊ
- अल्लामा इकबाल यूनानी मेडिकल कॉलेज, मुजफ्फरनगर
- इनामदार यूनानी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, कलबुर्गी
- एचएमएस यूनानी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, तुमकुर
- अलीगढ़ यूनानी आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज और एसीएन अस्पताल [एसीएन कॉलेज]
- इब्न-ए-सीना तिब्बिया कॉलेज, आज़मगढ़
BUMS कोर्स की फीस
NEET के बिना BUMS कोर्स में प्रवेश की फीस कॉलेज के प्रकार (सरकारी या निजी) और स्थान के आधार पर अलग-अलग हो सकती है। सरकारी कॉलेजों में BUMS कोर्स की फीस लगभग 50,000 रुपये से लेकर 1.5 लाख रुपये तक प्रति वर्ष हो सकती है जबकि प्राइवेट कॉलेज 1 लाख रुपये से लेकर 6 लाख रुपये तक प्रति वर्ष हो सकती है।
नोट : फीस की सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए उम्मीदवारों को संबंधित कॉलेज या विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जरूर जाना चाहिए।
NEET के बिना BUMS में प्रवेश के फायदे और चुनौतियाँ
NEET के बिना BUMS में प्रवेश के फायदे इस प्रकार हैं :
- NEET की परीक्षा में सफल होना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन बिना NEET के BUMS में प्रवेश लेने पर छात्रों को कम प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है। इससे प्रवेश प्रक्रिया सरल हो जाती है।
- बिना NEET के BUMS में प्रवेश लेने के लिए छात्रों को सीधी और आसान प्रक्रिया का पालन करना होता है।
- जो छात्र यूनानी चिकित्सा पद्धति में रुचि रखते हैं, उनके लिए यह एक अच्छा अवसर हो सकता है।
NEET के बिना BUMS में प्रवेश के चुनौतियाँ इस प्रकार है :
- NEET के बिना BUMS में प्रवेश के लिए कम कॉलेज उपलब्ध होते हैं।
- कुछ कॉलेजों में NEET के बिना भी प्रवेश के लिए परीक्षा या मेरिट के आधार पर चयन किया जा सकता है, इससे छात्रों को अधिक चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।
- नीट के बिना BUMS करने के बाद नौकरी के अवसर कम हो सकते हैं, क्योंकि अधिकतर अस्पताल NEET को अनिवार्य मानते हैं।
BUMS स्नातकों के लिए करियर के विकल्प
बिना नीट के BUMS स्नातकों के लिए करियर के विकल्प निम्नलिखित हैं :
- यूनानी चिकित्सक
- निजी चिकित्सा व्यवसायी
- स्वास्थ्य सलाहकार
- शिक्षण संस्थानों में शिक्षक
- चिकित्सा सहायक
FAQs
BUMS की फुल फॉर्म बैचलर ऑफ यूनानी मेडिसिन एंड सर्जरी होती है।
भारत में बैचलर ऑफ यूनानी मेडिसिन एंड सर्जरी (बीयूएमएस) कोर्स की अवधि लगभग 5.5 साल होती है। इसमें 4.5 साल पढ़ाई होती है और 1 साल इंटर्नशिप करनी होती है।
नहीं, एमबीबीएस में एडमिशन के लिए नीट (NEET) परीक्षा पास करना जरूरी है। यह परीक्षा सभी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस कोर्स में दाखिले के लिए अनिवार्य है।
BUMS कोर्स के लिए 12वीं कक्षा साइंस स्ट्रीम से पास होना जरूरी है। इसके साथ ही उम्मीदवार की आयु 17 से 25 साल के बीच होनी चाहिए। वहीं कई कॉलेजों में NEET परीक्षा पास करना जरूरी होता है, जबकि कुछ कॉलेजों में NEET के बिना भी एडमिशन मिल सकते हैं।
छात्र को 10वीं और 12वीं में जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान और भौतिकी विषयों के साथ कम से कम 50% अंक प्राप्त होने चाहिए।
BUMS कोर्स में यूनानी इलाज, दवाइयां, शरीर के अंग, बीमारी पहचानने और इलाज के तरीकों के बारे में पढ़ाया जाता है।
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