बीएससी (एग्रीकल्चरल बायोटेक्नोलॉजी) या बैचलर ऑफ साइंस इन एग्रीकल्चरल बायोटेक्नोलॉजी चार साल का अंडरग्रेजुएट कोर्स है। जिसमें फसल और प्लांट बायोटेक्नोलॉजी, फसल की उपज, पर्यावरणीय तनावों के लिए फसलों की कम संवेदनशीलता, पोषण गुणों में वृद्धि और बेहतर स्वाद, बनावट और भोजन की उपस्थिति, उर्वरकों, कीटनाशकों पर निर्भरता में कमी जैसे विषयों का अध्ययन शामिल है। यदि आप एग्रीकल्चरल बायोटेक्नोलॉजी में बीएससी के बारे में और जानना चाहते हैं तो ब्लॉग को अंत तक पढ़ें।
फ़ुल फॉर्म | बैचलर ऑफ साइंस इन एग्रीकल्चरल बायोटेक्नोलॉजी |
प्रोग्राम लेवल | डिग्री |
अवधि | 4 साल |
परीक्षा का प्रकार | सेमेस्टर |
एलिजिबिलिटी | 12वीं PCM/PCB से |
एडमिशन प्रोसेस | एंट्रेंस एग्जाम या मेरिट के आधार पर |
औसत फीस | INR 1 लाख से 2 लाख |
This Blog Includes:
- एग्रीकल्चरल बायोटेक्नोलॉजी में बीएससी क्यों चुनें?
- एग्रीकल्चरल बायोटेक्नोलॉजी में बीएससी के लिए स्किल्स
- एग्रीकल्चरल बायोटेक्नोलॉजी में बीएससी सिलेबस
- विश्व के टॉप विश्वविद्यालय
- भारत के टॉप विश्वविद्यालय
- योग्यताएं
- आवेदन प्रक्रिया
- आवश्यक दस्तावेज़
- एग्रीकल्चरल बायोटेक्नोलॉजी बेस्ट बुक्स
- एग्रीकल्चरल बायोटेक्नोलॉजी में बीएससी के बाद करियर और वेतन
- FAQs
एग्रीकल्चरल बायोटेक्नोलॉजी में बीएससी क्यों चुनें?
एग्रीकल्चरल बायोटेक्नोलॉजी में बीएससी क्यों करनी चाहिए जानने के लिए नीचे दिए गए पॉइंट्स को पढ़ें:
- यदि आपकी रूचि कृषि उत्पादन और प्रोसेसिंग के सभी क्षेत्रों में समस्याओं का समाधान करने की है तो यह कोर्स आपके लिए बेस्ट है।
- इस कोर्स में फसलों, पशुधन, मत्स्य पालन और फॉरेस्ट्री में बायोटेक्नोलॉजी के उपयोग में सुधार के बारे में सिखाया जाता है।
- आजकल ज्यादातर रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है जोकि हानिकारक है, एग्रीकल्चरल बायोटेक्नोलॉजी में बीएससी में रासायनिक कीटनाशकों के कम से कम उपयोग के बारे में भी सिखाया जाता है।
- आप इस कोर्स को करने के बाद हमारे पर्यावरण के लिए बेहतर कीट नियंत्रण प्रदान करने में नई विधियों और प्रगति के विकास में सहायता कर सकते हैं।
- इस क्षेत्र में रोजगार के भी कई अवसर उपलब्ध हैं। जैसे- एप्लीकेशन सपोर्ट स्पेशलिस्ट, असिस्टेंट अकाउंट मैनेजर, एग्रीकल्चर स्पेशलिस्ट, फाइनेंसियल एकाउंटिंग मैनेजर, ह्यूमन रिसोर्स असिस्टेंट आदि।
एग्रीकल्चरल बायोटेक्नोलॉजी में बीएससी के लिए स्किल्स
एग्रीकल्चरल बायोटेक्नोलॉजी में बीएससी के लिए डिग्री के साथ स्किल्स की भी जरूरत होती हैं जिनमें से कुछ यहाँ दी गई हैं:
- बेसिक लाइफ स्किल्स
- कम्युनिकेशन स्किल
- माइक्रोबायोलॉजी की बेसिक समझ
- सेल बायोलॉजी टेक्निक के बारे में जानकारी
- न्यूक्लिक एसिड तकनीकों में दक्षता
एग्रीकल्चरल बायोटेक्नोलॉजी में बीएससी सिलेबस
एग्रीकल्चरल बायोटेक्नोलॉजी में बीएससी सिलेबस एक यूनिवर्सिटी से दूसरी यूनिवर्सिटी में अलग हो सकता है यहाँ एक सामान्य सिलेबस दिया गया है:
सेमेस्टर 1 | सेमेस्टर 2 |
बेसिक बायोकेमिस्ट्री | एग्रीकल्चरल माइक्रोबायोलॉजी |
फील्ड क्रॉप प्रोडक्शन | सेल बायोलॉजी |
फंडामेंटल्स ऑफ जेनेटिक | एंजाइमोलॉजी |
इंट्रोडक्टरी एंटोंमोलॉजी | फंडामेंटल ऑफ़ प्लांट पैथोलॉजी |
प्रिंसिपल ऑफ प्लांट फिजियोलॉजी | ह्यूमन न्यूट्रिशन |
नॉन क्रेडिट कोर्सेज: A) कंप्रीहेंशन एंड कम्युनिकेशन स्किल्स इन इंग्लिश B) फ़िज़िकल एजुकेशन | हॉर्टिकल्चरल क्रॉप्स प्रोडक्शन |
डेफिशियेंसी कोर्स : मैथमेटिक | इंट्रोडक्शन टू प्लांट बायोटेक्नोलॉजी |
– | माइक्रोबॉयल जेनेटिक्स |
– | नॉन क्रेडिट कोर्सेज: A) NCC/ NSS 121 नेशनल B) कैडेट क्रॉप/नेशनल (NCC/NSS) सर्विस स्कीम |
सेमेस्टर 3 | सेमेस्टर 4 |
बेसिक इन एनिमल बायोटेक्नोलॉजी | एनिमल सेल कल्चर |
एलिमेंट्स ऑफ़ इम्यूनोलॉजी | बॉयोस्टैटिसटिक्स |
ग्रीनहाउस टेक्नोलॉजी एंड प्रोटेक्टेड कल्टीवेशन | बायोटेक्नोलॉजी ऑफ़ रूमीनेंट फ़ीड यूटिलाइजेशन |
इंडस्ट्रियल माइक्रोबायोलॉजी एंड फर्मेंटेशन टेक्नोलॉजी | एंजाइम बायोटेक्नोलॉजी इन फूड प्रोसेसिंग |
मोलेक्युलर बायोलॉजी | इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट |
मोलेक्युलर मार्कर इन प्लांट बरीडिंग | प्लांट सेल एंड टिशु कल्चर |
प्लांट बरीडिंग टेक्निक | पोस्ट हार्वेस्ट बायोटेक्नोलॉजी ऑफ़ फूड ग्रेन |
प्लांट मेटाबॉलिक पाथवेज | टेक्निक्स इन बायोकेमेस्ट्री एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी |
सेमेस्टर 5 | सेमेस्टर 6 |
बायोडायवर्सिटी कंजर्वेशन | एनिमल जेनेटिक इंजीनियरिंग |
बायोटेक्नोलॉजी ऑफ बायोटिक एंड एबायोटिक स्ट्रेस टोलरेंस | बायोसेफ्टी इश्यूज |
कंप्यूटर एप्लीकेशंस इन बायोटेक्नोलॉजी | फूड एंड न्यूट्रिशन सिक्योरिटी ऑफ़ जीएम फूड क्रॉप्स |
डेरी प्रोसेस बायोटेक्नोलॉजी | इंट्रोडक्शन टू बायोइनफॉर्मेटिक्स |
लाइव स्टॉक जेनोम | मॉलिक्यूलर प्लांट विरोलॉजी |
रिकांबिनेंट डीएनए टेक्नोलॉजी | मार्केटिंग एंड एक्सपोर्ट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी प्रोडक्ट |
टेक्नोलॉजिकल एप्लीकेशन इन फूड प्रोसेसिंग | मैनेजमेंट ऑफ मेजर इंसेक्ट पेस्ट एंड डिजीज ऑफ फील्ड एंड हॉर्टिकल्चर क्रॉप्स |
– | पोस्ट हार्वेस्ट बायोटेक्नोलॉजी ऑफ हॉर्टिकल्चर क्रॉप्स |
सेमेस्टर 8 | सेमेस्टर 9 |
सेमिनार | हैंड्स ऑन ट्रेनिंग |
कैफेटेरिया कोर्स ऑफ़ मेजर डिपार्टमेंट | – |
कैफेटेरिया कोर्स ऑफ़ द माइनर डिपार्टमेंट-I | – |
कैफेटेरिया कोर्स ऑफ़ द माइनर डिपार्टमेंट-II | – |
विश्व के टॉप विश्वविद्यालय
एग्रीकल्चरल बायोटेक्नोलॉजी में बीएससी के लिए विश्व के टॉप विश्वविद्यालय इस प्रकार हैं:
- ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी
- हार्वर्ड यूनिवर्सिटी
- कैलिफोर्निया इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी
- स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी
- यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज
- कोलंबिया यूनिवर्सिटी
- इंपीरियल कॉलेज लंदन
- जॉन्स हापकिंस यूनिवर्सिटी
- यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया
- यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो
भारत के टॉप विश्वविद्यालय
एग्रीकल्चरल बायोटेक्नोलॉजी में बीएससी के लिए भारत के टॉप विश्वविद्यालय इस प्रकार हैं:
- उड़ीसा यूनिवर्सिटी ऑफ़ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी – [OUAT]
- श्रीमाथी देवकुंवर नानालाल भट्ट वैष्णव कॉलेज फॉर वुमन (इवनिंग)
- कॉलेज ऑफ़ एग्रीकल्चरल बायोटेक्नोलॉजी
- असम एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी – [AAU]
- स्वामी विवेकानंद यूनिवर्सिटी
- कॉलेज ऑफ़ एग्रीकल्चर, कर्नाटक
- लोकमंगल इंस्टिट्यूट ऑफ़ वर्सेटिलीन एजुकेशन
- श्री शिवाजी कॉलेज ऑफ़ एग्रीकल्चरल बायोटेक्नोलॉजी
- के के वाघ कॉलेज ऑफ़ एग्रीकल्चरल बायोटेक्नोलॉजी
- के के वाघ एजुकेशन सोसाइटी
योग्यताएं
एग्रीकल्चरल बायोटेक्नोलॉजी में बीएससी के लिए कुछ सामान्य योग्यताएं यहां दिए गए हैं:
- इच्छुक छात्रों को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कम से कम 50% से अधिक से 10+2 फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी विषयों के साथ या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए।
- इसके अलावा, कुछ बहुत ही प्रतिष्ठित कॉलेज और संस्थान डिग्री कोर्स में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं और कई मेरिट लिस्ट के आधार पर भी एडमिशन लेते हैं।
- विदेश में इस कोर्स को करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों के साथ इंग्लिश प्रोफिशिएंसी टेस्ट जैसे IELTS, TOEFL के अंक भी आवश्यक है।
आवेदन प्रक्रिया
विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है–
- आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप AI Course Finder की सहायता लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं।
- एक्सपर्ट्स से कॉन्टैक्ट के पश्चात वे कॉमन डैशबोर्ड प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई विश्वविद्यालयों की आपकी आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे।
- अगला कदम अपने सभी दस्तावेजों जैसे SOP, निबंध, सर्टिफिकेट्स और LOR और आवश्यक टेस्ट स्कोर जैसे IELTS, TOEFL, SAT, ACT आदि को इकट्ठा करना और सुव्यवस्थित करना है।
- यदि आपने अभी तक अपनी IELTS, TOEFL, PTE, GMAT, GRE आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तो आप Leverage Live कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में उच्च स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
- आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद, एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीजा और छात्रवृत्ति/छात्र लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे ।
- अब आपके प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग 4-6 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। ऑफर लेटर आने के बाद उसे स्वीकार करके आवश्यक सेमेस्टर शुल्क का भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण है।
भारत के विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया, इस प्रकार है–
- सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
- यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
- फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
- अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
- इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें।
- यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।
आवश्यक दस्तावेज़
कुछ जरूरी दस्तावेज़ों की लिस्ट नीचे दी गई हैं–
- आधिकारिक शैक्षणिक ट्रांसक्रिप्ट
- स्कैन किए हुए पासपोर्ट की कॉपी
- IELTS या TOEFL, आवश्यक टेस्ट स्कोर
- प्रोफेशनल/एकेडमिक LORs
- SOP
- निबंध (यदि आवश्यक हो)
- पोर्टफोलियो (यदि आवश्यक हो)
- अपडेट किया गया सीवी/रिज्यूमे
- एक पासपोर्ट और छात्र वीज़ा
- बैंक विवरण
एग्रीकल्चरल बायोटेक्नोलॉजी बेस्ट बुक्स
एग्रीकल्चरल बायोटेक्नोलॉजी की कुछ बुक्स यहाँ हैं:
- Agricultural Biotechnology At a Glance
- Agricultural Biotechnology At A Blink
- Essentials of Agriculture
- Plant Biotechnology
- A Textbook Of Plant Physiology, Biochemistry And Biotechnology
एग्रीकल्चरल बायोटेक्नोलॉजी में बीएससी के बाद करियर और वेतन
एग्रीकल्चरल बायोटेक्नोलॉजी में बीएससी के बाद आप उच्च शिक्षा भी प्राप्त कर सकते हैं जैसे मास्टर्स, डॉक्टरल कोर्स आदि या फिर आप अच्छी सैलरी वाली नौकरी भी कर सकते हैं। यहाँ कुछ जॉब प्रोफ़ाइल और Payscale के अनुसार उनकी सैलरी दी गई है:
जॉब प्रोफ़ाइल | सालाना सैलरी |
एप्लीकेशन सपोर्ट स्पेशलिस्ट | INR 3.03 लाख-10 लाख |
असिस्टेंट अकाउंट मैनेजर | INR 2.94 लाख-6.94 लाख |
एग्रीकल्चर स्पेशलिस्ट | INR 91 हजार-10 लाख |
फाइनेंसियल एकाउंटिंग मैनेजर | INR 2.99 लाख-20 लाख |
ह्यूमन रिसोर्स असिस्टेंट | INR 1.45 लाख-6.96 लाख |
FAQs
इस कोर्स की अवधि 4 साल है।
यह एक एग्रीकल्चरल बायोटेक्नोलॉजी में डिग्री कोर्स है। जिसमें फसल और प्लांट बायोटेक्नोलॉजी, फसल की उपज, पर्यावरणीय तनावों के लिए फसलों की कम संवेदनशीलता, पोषण गुणों में वृद्धि और बेहतर स्वाद, बनावट और भोजन की उपस्थिति, उर्वरकों, कीटनाशकों पर निर्भरता में कमी जैसे विषयों का अध्ययन शामिल है।
हाँ, एग्रीकल्चरल बायोटेक्नोलॉजी में बीएससी के बाद मास्टर्स कर सकते हैं।
उम्मीद है, एग्रीकल्चरल बायोटेक्नोलॉजी में बीएससी के बारे में सभी जानकारियां आपको मिल गई होंगी। यदि आप इस कोर्स को विदेश में करना चाहते हैं तो 1800 572 000 पर कॉल करके Leverage Edu एक्सपर्ट्स के साथ 30 मिनट का फ्री सेशन बुक करें।