अंतरिक्ष कई रहस्यों से भरा पड़ा है और उन्ही में से एक है ब्लैक होल। ब्लैक होल में इतनी ग्रेविटी होती है जो सबकुछ, यहां तक कि रोशनी को भी अपने अंदर समा लेती है। इसका खिंचाव इतना शक्तिशाली होता है कि इससे कुछ भी बच नहीं सकता। क्या आप जानते हैं कि यह चीज आखिर है क्या और इसे क्यों रहस्यमय माना जाता है? तो फिर हमारा सुझाव है कि आप इस लेख से जुड़े रहें। क्योंकि यहां हम आपके लिए ब्लैक होल के कुछ आश्चर्यजनक तथ्य (Black Hole Facts in Hindi) लेकर आए हैं जिससे आपको ब्लैक होल से जुड़ी जानकारी मिलेगी।
Black Hole Facts in Hindi
रिसर्च, स्टडी और रिपोर्ट्स के अनुसार स्टूडेंट्स के लिए Black Hole Facts in Hindi यहाँ दिए गए हैं :
- निकटतम ज्ञात ब्लैक होल का नाम गैया बीएच1 (Gaia BH1) है, जो लगभग 1,500 प्रकाश वर्ष दूर है।
- QSO J0313-1806 नामक आकाशगंगा के केंद्र में पाया गया सबसे दूर का ब्लैक होल लगभग 13 अरब प्रकाश वर्ष दूर है।
- TON 618 सबसे बड़ा ब्लैक होल है जो सूर्य के द्रव्यमान का 66 बिलियन गुना बड़ा है।
- ब्लैक होल गैस और धूल के छल्लों से घिरे हो सकते हैं, जिन्हें अभिवृद्धि डिस्क कहा जाता है (accretion disks), जो एक्स-रे सहित कई तरंग दैर्ध्य में प्रकाश उत्सर्जित करते हैं।
- यदि आप ब्लैक होल में गिर गए तो आप कभी नहीं बच पाएंगे।
- 2019 में समर्थित इवेंट होरिजन टेलीस्कोप ने M87* नामक ब्लैक होल की पहली छवि खींची और इसका द्रव्यमान ज्ञात सबसे बड़ा है। यह सूर्य के द्रव्यमान का 6.5 बिलियन गुना।
- NASA के अनुसार ब्रह्मांड के करोड़ों तारों को मिलाकर जितनी रौशनी होगी, यह ब्लैक होल उससे भी ज्यादा चमकदार है।
- ब्लैक होल के आगे अंतरिक्ष का एक ऐसा क्षेत्र है, जिसे इवेंट होरिजोंटल कहा जाता है। मतलब, इसके आगे जाने वाली कोई भी वस्तु कभी लौटकर नहीं आती, इसी कारण इसे ब्लैक होल कहा जाता है।
- ब्लैक होल अंतरिक्ष का ऐसा हिस्सा है, जिससे होकर कुछ भी नहीं गुजर सकता। यहां तक कि रौशनी भी नहीं क्योंकि वो भी इस होल में दाखिल होने के बाद गायब हो जाती है।
- ब्लैक होल अपने सामने आने वाले हर तरह के पदार्थ को निगल लेता है चाहे वो कोई गृह हो या तारा।
- ब्लैक होल ब्रह्माण्ड में सबसे ज्याद ध्वनि उत्पन्न करता है लेकिन ये ध्वनि हमारी सुनने की छमता से परे होता है इसलिए हम इसे सुन नहीं पाते।
- कुछ वैज्ञानिकों का कहना है जिस तरह ब्लैक होल होता है उसी तरह वाइट होल भी होता है। ब्लैक होल अपने आस पास कि चीजों को निगलता रहता है और वाइट होल ब्रह्माण्ड में द्रव्यमान को निकालता रहता है।
- ब्लैक होल को ‘कृष्ण विवर’ भी कहा जाता है।
- ब्लैक होल की तीन श्रेणियां हैं – मौलिक ब्लैक होल (Primordial Black holes), तारकीय ब्लैक होल (Stellar Black Holes), महाविशाल ब्लैक होल (Supermassive Black Holes)।
- एक महाविशाल ब्लैक होल का तीव्र गुरुत्वाकर्षण तारों को एक विशेष तरीके से इसके चारों ओर परिक्रमा करने का कारण बन सकता है। खगोलविदों ने यह साबित करने के लिए आकाशगंगा के केंद्र के पास कई सितारों की कक्षाओं को ट्रैक किया कि इसमें एक सुपरमैसिव ब्लैक होल है, एक ऐसी खोज जिसने 2020 का नोबेल पुरस्कार जीता।
- ब्लैक होल जैसी विशाल वस्तुएं अधिक दूर की वस्तुओं से प्रकाश को मोड़ और विकृत कर सकती हैं। इस प्रभाव, जिसे गुरुत्वाकर्षण लेंसिंग कहा जाता है। इसका उपयोग पृथक ब्लैक होल को खोजने के लिए किया जा सकता है जो की अदृश्य हैं।
- वब्लैकहोल, वर्महोल (या आइंस्टीन-रोसेन) नहीं हैं।
- जब दो न्यूट्रॉन तारे विलीन होते हैं तो तारकीय-द्रव्यमान वाले ब्लैक होल बनाए जा सकते हैं और दो ब्लैक होल मिलकर एक बड़ा ब्लैक होल बना सकते हैं।
- अल्बर्ट आइंस्टीन ने इस विचार को खारिज कर दिया था कि ब्लैक होल मौजूद हो सकते हैं।
- यदि आप सूर्य के स्थान पर उसी द्रव्यमान का ब्लैक होल ले लें, तो कुछ नहीं होगा। बस यह बहुत अधिक ठंडा होगा, लेकिन ग्रह एक ही कक्षा में रहेंगे।
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