अब भारत में UGC, AICTE, NCTE के स्थान पर एक ही एजुकेशन रेगुलेटिंग संस्था होगी। इसे हायर एजुकेशन कमीशन (उच्च शिक्षा आयोग) के नाम से जाना जाएगा। इस बात की आधिकारिक घोषणा केंद्रीय शिक्षा मंत्री के द्वारा कल की गई। हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ़ इंडिया लॉ और मेडिकल कॉलेजों को छोड़कर भारत के सभी उच्च शिक्षा संस्थानों का संचालन करेगा।
कमीशन की मुख्य भूमिकाएं
हायर एजुकेशन कमीशन उच्च शिक्षा से संबंधित मुख्य रूप से तीन कार्य देखेगा : रेगुलेशन, एक्रेडिटेशन और प्रोफेशनल स्टैण्डर्ड को बनाए रखना। फंडिंग के काम से हायर एजुकेशन कमीशन को दूर रखा गया है। फंडिंग से संबंधित सारा कार्य शिक्षा मंत्रालय के जिम्मे रहेगा।
वर्ष 2018 में ही तैयार कर लिया गया था ड्राफ्ट
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि हायर एजुकेशन कमीशन का ड्राफ्ट वर्ष 2018 में ही तैयार कर लिया गया था। इसे आम जनता के लिए भी जारी किया गया था ताकि स्टेकहोल्डर्स इस पर अपनी राय दे सकें। इसके बाद इस बिल को वर्ष 2021 में भी पेश करने की पहल की गई थी। अब इस बिल को संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने की उम्मीद है।
स्टूडेंट्स को हायर एजुकेशन कमीशन से होंगे ये फायदे
हायर एजुकेशन कमीशन स्टूडेंट्स के लिए निम्नलिखित रूप से लाभकारी है :
- इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
- शिक्षा के पुराने ढर्रे को ख़त्म करके उसमें नई शिक्षा पद्धति विकसित की जाएगी जिससे युवाओं की शैक्षिक क्षमता का विकास होगा।
- शिक्षा रोजगार परक बनेगी। रोजगार परक शिक्षा ही आज के युवाओं की ज़रुरत है।
लॉ कॉलेज और मेडिकल कॉलेज नहीं आएंगे आयोग के अंतर्गत
हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ़ इंडिया के अंतर्गत भारत के सभी लॉ कॉलेज और मेडिकल कॉलेज नहीं आएंगे। इसका कारण यह है कि भारत में मेडिकल कॉलेज की देखरेख के लिए पहले से ही दो संस्थाएं मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया (MCI) और नेशनल मेडिकल काउंसिल (NMC) मौजूद हैं। इसके अलावा बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया देश में लॉ कॉलेजों को रेगुलेट करने का काम बहुत समय से करती आ रही है। इस वजह से देश के लॉ कॉलेज और मेडिकल कॉलेज को हायर एजुकेशन कमीशन के दायरे से बाहर रखा गया है।
वर्तमान उच्च शिक्षा तंत्र का ढांचा
वर्तमान उच्च शिक्षा तंत्र में निम्नलिखित संस्थाएं शामिल हैं-
- UGC : इसका पूरा नाम यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन है। इसका काम देश में विश्वविद्यालयों को मान्यता प्रदान करना और उनके लिए जरूरी फंड जमा करना है। यह विश्वविद्यालयों के लिए मानक भी निर्धारित करता है।
- AICTE : इसका पूरा नाम ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ़ टेक्निकल एजुकेशन है। यह देश में टेक्निकल कॉलेज का राष्ट्रीय आयोग है। यह तकनीक और इंजीनियरिंग से जुड़े डिप्लोमा, ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्सेज कराने वाले कॉलेजों को मान्यता प्रदान करता है।
- NCTE : नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन इसका पूरा नाम है। NCTE देश में शिक्षकों को प्रशिक्षण देने का काम करता है। इसका कार्य हायर एजुकेशन से जुड़े मानकों को तैयार करना भी होता है।
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