भगवतीचरण वर्मा की रचनाएँ, जो बनीं इतिहास और कल्पना का अद्भुत संगम

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भगवतीचरण वर्मा की रचनाएँ

भगवती चरण वर्मा हिंदी साहित्य के उन प्रमुख लेखक और कवियों में से एक थे, जिनकी लेखनी और रचनाओं को समाज का दर्पण कहना अनुचित नहीं होगा। भगवतीचरण वर्मा की रचनाएँ समाज के सामने जीवन की सजीवता, मानवीय संवेदनाओं और समाज के प्रति उनकी गहरी समझ का बखूबी चित्रण करती हैं। सही मायनों में भगवती चरण वर्मा ने अपनी कविताओं और रचनाओं के माध्यम से हिंदी साहित्य को समृद्ध करने का महत्वपूर्ण कार्य किया, जिससे प्रेरणा पाकर भविष्य में अनेकों लेखकों ने साहित्य की महिमा को समाज के हर कोने तक पहुँचाया। इस ब्लॉग के माध्यम से आप भगवतीचरण वर्मा की रचनाएँ पढ़कर अपने जीवन को सही दिशा प्रदान कर पाएंगे।

भगवतीचरण वर्मा के बारे में

हिन्दी साहित्य की अनमोल मणियों में से एक बहुमूल्य मणि भगवतीचरण वर्मा थे, जिन्होंने अपना सारा जीवन हिंदी साहित्य को समर्पित किया था। भगवतीचरण वर्मा एक साहित्यकार, उपन्यासकार, कथाकार और कवि भी थे। भगवतीचरण वर्मा का जन्म 30 अगस्त, 1903 को उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में शफीपुर नामक गाँव में हुआ था।

भगवतीचरण वर्मा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव से ही प्राप्त की थी, इसके बाद उन्होंने उच्च अध्ययन के लिए इलाहाबाद (वर्तमान प्रयागराज) का रुख किया और ‘इलाहाबाद विश्वविद्यालय’ से बी.ए और एलएलबी की डिग्री हासिल की। आधुनिक काल (प्रेमचंदोत्तर युग) के महान साहित्यकारों में से एक भगवतीचरण वर्मा ने उपन्यास, कहानी, निबंध, नाटक, संस्मरण, आलोचना आदि विधाओं में अपनी लेखनी का लोहा मनवाया।

जीवन भर हिंदी साहित्य के प्रति स्वयं को समर्पित करने वाले भगवतीचरण वर्मा को उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए “साहित्य अकादमी पुरस्कार” और “पद्म भूषण” से सम्मानित किया गया। उनका निधन 05 अक्टूबर 1981 को हुआ था।

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भगवतीचरण वर्मा की प्रमुख रचनाएँ

भगवतीचरण वर्मा की प्रमुख रचनाएं निम्नलिखित हैं, जिनमें कुछ लोकप्रिय कविताएं भी शामिल हैं –

  • मानव
  • भैंसागाड़ी
  • देखो-सोचो-समझो
  • पतझड़ के पीले पत्तों ने
  • तुम अपनी हो, जग अपना है
  • कल सहसा यह सन्देश मिला
  • संकोच-भार को सह न सका
  • बस इतना–अब चलना होगा
  • आज मानव का सुनहला प्रात है
  • मातृ-भू शत-शत बार प्रणाम
  • हम दीवानों की क्या हस्ती
  • मैं कब से ढूँढ़ रहा हूँ
  • अज्ञात देश से आना
  • बसन्तोत्सव
  • गंगा पुस्तक माला
  • अतीत की गर्त से (संस्मरण)
  • साहित्य के सिद्धांत तथा रूप (साहित्य आलोचना)
  • मेरे नाटक (कविता)
  • वसीयत (कविता)
  • इंस्टालमेण्ट
  • दो बाँके इत्यादि।

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भगवतीचरण वर्मा के लोकप्रिय उपन्यास

भगवतीचरण वर्मा की रचनाएँ, उनके द्वारा लिखित लोकप्रिय उपन्यासों का भी प्रतिनिधित्व करती हैं। भगवतीचरण वर्मा के लोकप्रिय उपन्यास कुछ इस प्रकार हैं –

  • रेखा
  • पतन
  • तीन वर्ष
  • चित्रलेखा 
  • टेढ़े-मेढ़े रास्ते 
  • अपने खिलौने 
  • भूले-बिसरे चित्र 
  • वह फिर नहीं आई 
  • सामर्थ्य और सीमा 
  • सीधी सच्ची बातें 
  • युवराज चूण्डा
  • सबहिं नचावत राम गोसाई
  • क्या निराश हुआ जाए
  • प्रश्न और मरीचिका 
  • थके पाँव
  • चाणक्य
  • धुपल्ल इत्यादि।

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कहानी संग्रह

  • अक्षत
  • मोर्चाबंदी
  • राख और चिनगारी
  • मेरी प्रिय कहानियाँ इत्यादि।

भगवतीचरण वर्मा के लोकप्रिय नाटक

  • वसीहत 
  • रुपया तुम्हें खा गया 
  • सबसे बड़ा आदमी इत्यादि।

कविता-संग्रह

  • मधुकण
  • प्रेम-संगीत
  • मानव इत्यादि।

FAQs

तीन वर्ष किसकी रचना है?

तीन वर्ष की रचना भगवतीचरण वर्मा ने की थी।

भगवती चरण वर्मा की प्रमुख रचनाएं कौन-कौन सी हैं?

भगवती चरण वर्मा की प्रमुख रचनाएं तीन वर्ष, टेढ़े-मेढ़े रास्ते, अपने खिलौने, भूले-बिसरे चित्र, वह फिर नहीं आई, सामर्थ्य और सीमा इत्यादि हैं।

भगवतीचरण वर्मा किस साहित्य काल के लेखक थे?

भगवतीचरण वर्मा आधुनिक काल (प्रेमचंदोत्तर युग) के एक महान लेखक थे।

भगवतीचरण वर्मा का निधन कब हुआ?

भगवतीचरण वर्मा का निधन 05 अक्टूबर 1981 को हुआ था।

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आशा है कि भगवतीचरण वर्मा की रचनाएँ और उनके जीवन की आपको सम्पूर्ण जानकारी मिल गई होगी, साथ ही यह पोस्ट आपको इंफॉर्मेटिव और इंट्रस्टिंग लगी होगी। इसी प्रकार साहित्य से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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