Bhagat Singh Quotes : भगत सिंह के विचार…जो जगाते हैं ‘देशभक्ति की अलख’

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Bhagat Singh Quotes in Hindi (भगत सिंह के विचार) (3)

Bhagat Singh Quotes in Hindi : क्रांतिकारी नेता भगत सिंह एक ऐसे परिवार से थे जो स्वतंत्रता संग्राम में शामिल थे, यही कारण है कि वह कम उम्र में ही भारत के स्वतंत्रता आंदोलन की ओर निकल पड़े थे। भगत सिंह साहस, बुद्धि, बलिदान और पौरुष के प्रतीक हैं। राष्ट्रवादी भावना उन्हें अपने पूर्वजों से विरासत में मिली थी। उनकी बुद्धि और दूरदर्शिता को क्रांति, समाजवाद, धर्म और जीवन शैली पर उनके विचारों में देखा जा सकता है। भगत सिंह के विचार कई श्रेणियों में विभाजित किए जा सकते हैं जिन्हें पढ़कर देशप्रेम और देशभक्ति की आभा चहुंओर दिखती है। यहां आप Bhagat Singh Jayanti Quotes in Hindi पढ़ेंगे।

भगत सिंह के बारे में

भगत सिंह का जन्म 27 सितंबर 1907 को लायलपुर ज़िले के बंगा (वर्तमान पाकिस्तान) में हुआ था। उनका पैतृक गांव खट्कड़ कलां है जो पंजाब, भारत में है। इनके जन्म के समय उनके पिता ‘किशन सिंह संधू’ और घर के कुछ सदस्य जेल में थे। उन्हें वर्ष 1906 में ब्रिटिश सरकार द्वारा जबरन लागू किये हुए औपनिवेशीकरण विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन करने के इल्जाम में जेल में डाल दिया गया था। उनकी माता का नाम ‘विद्यावती कौर’ था। 

भगत सिंह ने अपनी 5वीं कक्षा तक की पढाई गांव में की और उसके बाद उनके पिता किशन सिंह ने ‘दयानंद एंग्लो वैदिक हाई स्कूल’, लाहौर में उनका दाखिला करवाया। बहुत ही छोटी उम्र में भगत सिंह, महात्मा गांधी जी के ‘असहयोग आंदोलन’ से जुड़ गए थे। लेकिन वह करतार सिंह सराभा और लाला लाजपत राय से अत्याधिक प्रभावित थे। 

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भगत सिंह के विचार

Bhagat Singh Quotes in Hindi : भगत सिंह के कुछ सबसे प्रसिद्द विचार कुछ इस प्रकार हैंः

“सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजु-ए-कातिल में है।”

“बम और पिस्तौल से क्रांति नहीं आती, बल्कि क्रांति की तलवार विचारों की सान पर तेज होती है।”

“मैं एक इंसान हूं और जो भी चीजे इंसानियत पर प्रभाव डालती है मुझे उनसे फर्क पड़ता है।”

Bhagat Singh Quotes in Hindi (भगत सिंह के विचार) (2) (1)

“मैं महत्वाकांक्षा, आशा और आकर्षण से भरा हुआ हूं, लेकिन मैं जरूरत के समय सब कुछ त्याग सकता हूं।”

“अगर बहरों को सुनाना है तो आवाज बहुत तेज़ होनी चाहिए।”

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भगत सिंह के सांस्कृतिक विचार

भगत सिंह एक आधुनिकतावादी थे। वे मानते थे कि भारत को एक आधुनिक देश बनने की जरूरत है। वे भारतीय संस्कृति के प्रबल समर्थक थे। वे मानते थे कि भारतीय संस्कृति को आधुनिकीकरण के साथ जोड़ा जाना चाहिए।

भगत सिंह के राजनीतिक विचार

भगत सिंह के प्रेरक विचार

भगत सिंह के प्रेरक विचार इस प्रकार हैंः

“वे मुझे मार सकते हैं, लेकिन वे मेरे विचारों को नहीं मार सकते। वे मेरे शरीर को कुचल सकते हैं, लेकिन वे मेरी आत्मा को नहीं कुचल पाएंगे।”

“क्रांति मानव जाति का एक अविभाज्य अधिकार है। स्वतंत्रता सभी का एक अमर जन्मसिद्ध अधिकार है”

“मैं इतना पागल हूँ कि मैं जेल में भी आज़ाद हूँ”

“अगर बहरों को सुनना है, तो आवाज़ बहुत तेज़ होनी चाहिए”

“बम और पिस्तौल क्रांति नहीं लाते। क्रांति की तलवार विचारों की तीली पर तेज़ होती है।”

“सूर्य अपनी यात्रा में हमारे इस देश से ज़्यादा स्वतंत्र, खुशहाल और सुंदर किसी और देश में न आए।”

“क्रांति मानव जाति का एक अविभाज्य अधिकार है। स्वतंत्रता सभी का एक अविनाशी जन्मसिद्ध अधिकार है। श्रम ही समाज का असली पालनहार है।”

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भगत सिंह के सामाजिक विचार

भगत सिंह एक समानतावादी थे। वे मानते थे कि सभी लोगों को समान अधिकार और अवसर प्राप्त होने चाहिए। वे एक कट्टरपंथी गरीबों के अधिकारों के समर्थक थे। वे मानते थे कि गरीबों को उनके अधिकारों के लिए लड़ना चाहिए। वे महिलाओं के अधिकारों के समर्थक थे। वे मानते थे कि महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार और अवसर प्राप्त होने चाहिए।

क्रांतिकारी भगत सिंह समाजवाद के प्रति गहरी प्रतिबद्धता रखते थे। इसलिए यह स्वाभाविक था कि वे अपने समय के दो युवा प्रतीकों जवाहरलाल नेहरू और सुभाष चंद्र बोस की बहुत प्रशंसा करते थे। 1928 में उन्होंने लिखा था: वर्तमान परिदृश्य में सबसे महत्वपूर्ण युवा नेता बंगाल के सुभाष चंद्र बोस और पंडित जवाहरलाल नेहरू हैं। ये दोनों नेता अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं और युवाओं के आंदोलनों में बड़े पैमाने पर भाग ले रहे हैं। दोनों ही बुद्धिमान और सच्चे देशभक्त हैं।

FAQs

भगत सिंह कौन थे?

भगत सिंह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारी थे। वह अहिंसा के प्रति अपने सख्त निष्ठा और अपनी जान की क़ुर्बानी के लिए प्रसिद्ध हैं।

भगत सिंह की जन्म तिथि और स्थान क्या थे?

भगत सिंह का जन्म 27 सितंबर 1907 को पुंजाब में हुआ था।

भगत सिंह की शिक्षा कहाँ से हुई और उन्होंने कौन सी पढ़ाई की?

भगत सिंह ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नाकोदर, पंजाब के स्कूलों से प्राप्त की और फिर वे दयाल सिंह कॉलेज, लाहौर में गए, जहाँ से उन्होंने आर्ट्स की पढ़ाई की।

भगत सिंह की शहादत कब और कैसे हुई?

फांसी के लिए तय वक्त से 12 घंटे पहले ही 23 मार्च 1931 को शाम 7 बजकर 33 मिनट पर भगत, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दे दी गई।

आशा है कि इस ब्लाॅग (भगत सिंह के विचार) में आपको भगत सिंह के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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