जानिए भगत सिंह के विचार

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भगत सिंह के विचार

भगत सिंह साहस, बुद्धि, बलिदान और पौरुष के प्रतीक हैं। राष्ट्रवादी भावना उन्हें अपने पूर्वजों से विरासत में मिली थी। वह साहित्य, भारतीय संस्कृति और परंपरा के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय क्रांतिकारी आंदोलनों और प्रसिद्ध विद्रोहियों की जीवनियों और आत्मकथाओं के भी अच्छे जानकार थे। भगत सिंह ने रोमांटिक क्रांतिकारी आंदोलन का चेहरा यथार्थवादी में बदल दिया। उनकी बुद्धि और दूरदर्शिता को क्रांति, समाजवाद, हिंसा, धर्म और जीवन शैली पर उनके विचारों में देखा जा सकता है। उनकी छवि साम्राज्यवादियों और उनके अनुयायियों के प्रचार से कभी प्रभावित नहीं हुई, जिन्होंने उन्हें आतंकवादी और अराजकतावादी के रूप में पेश किया। भगत सिंह के विचार कई श्रेणियों में विभाजित किए जा सकते हैं। इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें और जानें भगत सिंह के राजनीतिक विचार और अन्य भगत सिंह के विचार से सम्बंधित जानकारी। 

भगत सिंह के राजनीतिक विचार

भगत सिंह एक कट्टरपंथी समाजवादी थे। वे मानते थे कि भारत को एक लोकतांत्रिक और समाजवादी देश होना चाहिए। वे अंग्रेजों के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष के पक्षधर थे। वे मानते थे कि अंग्रेजों को केवल सशस्त्र संघर्ष के माध्यम से ही भारत से बाहर निकाला जा सकता है। वे एक धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति थे। वे मानते थे कि सभी धर्मों को समान रूप से सम्मान दिया जाना चाहिए।

भगत सिंह के राजनीतिक विचार

भगत सिंह के सामाजिक विचार

भगत सिंह एक समानतावादी थे। वे मानते थे कि सभी लोगों को समान अधिकार और अवसर प्राप्त होने चाहिए। वे एक कट्टरपंथी गरीबों के अधिकारों के समर्थक थे। वे मानते थे कि गरीबों को उनके अधिकारों के लिए लड़ना चाहिए। वे महिलाओं के अधिकारों के समर्थक थे। वे मानते थे कि महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार और अवसर प्राप्त होने चाहिए।

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भगत सिंह के सांस्कृतिक विचार

भगत सिंह एक आधुनिकतावादी थे। वे मानते थे कि भारत को एक आधुनिक देश बनने की जरूरत है। वे भारतीय संस्कृति के प्रबल समर्थक थे। वे मानते थे कि भारतीय संस्कृति को आधुनिकीकरण के साथ जोड़ा जाना चाहिए।

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कुछ सबसे प्रसिद्ध भगत सिंह के विचार

भगत सिंह के कुछ सबसे प्रसिद्द विचार कुछ इस प्रकार हैं –

“सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजु-ए-कातिल में है।”

“बम और पिस्तौल से क्रांति नहीं आती, बल्कि क्रांति की तलवार विचारों की सान पर तेज होती है।”

“मैं एक इंसान हूं और जो भी चीजे इंसानियत पर प्रभाव डालती है मुझे उनसे फर्क पड़ता है।”

“मैं महत्वाकांक्षा, आशा और आकर्षण से भरा हुआ हूं, लेकिन मैं जरूरत के समय सब कुछ त्याग सकता हूं।”

“अगर बहरों को सुनाना है तो आवाज बहुत तेज़ होनी चाहिए।”

भगत सिंह के यह विचार आज भी प्रासंगिक हैं। वे हमें बताते हैं कि एक स्वतंत्र और न्यायपूर्ण समाज के लिए हमें संघर्ष करना चाहिए। वे हमें बताते हैं कि सभी लोगों को समान अधिकार और अवसर प्राप्त होने चाहिए। वे हमें बताते हैं कि हमें भारतीय संस्कृति को आधुनिकीकरण के साथ जोड़ना चाहिए।

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FAQs

भगत सिंह कौन थे?

भगत सिंह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारी थे। वह अहिंसा के प्रति अपने सख्त निष्ठा और अपनी जान की क़ुर्बानी के लिए प्रसिद्ध हैं।

भगत सिंह की जन्म तिथि और स्थान क्या थे?

भगत सिंह का जन्म 27 सितंबर 1907 को पुंजाब के बंदे नगर गाँव में हुआ था।

भगत सिंह की शिक्षा कहाँ से हुई और उन्होंने कौन सी पढ़ाई की?

भगत सिंह ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नाकोदर, पंजाब के स्कूलों से प्राप्त की और फिर वे दयाल सिंह कॉलेज, लाहौर में गए, जहाँ से उन्होंने आर्ट्स की पढ़ाई की।

भगत सिंह की शहादत कब और कैसे हुई?

फांसी के लिए तय वक्त से 12 घंटे पहले ही 23 मार्च 1931 को शाम 7 बजकर 33 मिनट पर भगत, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दे दी गई।

आशा है कि इस ब्लाॅग (भगत सिंह के विचार) में आपको भगत सिंह के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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