उपसर्ग हिन्दी व्याकरण का वह अभिन्न अंग है, जिसकी सहायता से आप हिन्दी भाषा को गहराई से जान सकते हैं। इस पोस्ट के माध्यम से आप एक बड़े प्रश्न “अधिकार में उपसर्ग तथा मूल शब्द अलग कीजिए” का उत्तर आसानी से दे सकते हैं। इस पोस्ट के माध्यम से आप अपने ज्ञान में विस्तार कर सकते हैं।
उपसर्ग किसे कहते है?
शब्दांश या अव्यय जो किसी शब्द के पहले आकर उसका विशेष अर्थ बनाते हैं, उन्हें उपसर्ग कहा जाता है। आसान भाषा में समझा जाए तो यह कुछ इस प्रकार होगा कि वह अव्यय जो शब्द के पहले लगकर उसका अर्थ बदल देते हैं, उपसर्ग कहलाते हैं। या इसको इस प्रकार भी समझा सकता है, उपसर्ग = उप (समीप) + सर्ग (सृष्टि करना) का अर्थ है- किसी शब्द के साथ जुड़कर नया शब्द बनाना।
अधिकार में उपसर्ग तथा मूल शब्द
अधिकार शब्द “अधि” उपसर्ग से मिलकर बना होता है। अधिकार शब्द में मूल शब्द “कार” होता है।
मूल रूप से अधिकार शब्द “अधि + कार = अधिकार” के रूप में बना होता है।
अधि उपसर्ग से बनने वाले शब्द
अधि उपसर्ग से बनने वाले शब्द निम्नवत हैं:
- अधिकतर
- अधिकार
- अधिकांश
- अधिनायक
- अधिनियम
- अधिक्षेत्र
- अधिकारी
- अधिगम
- अधिक्रय
- अधिकरण
- अधिक्रांत
- अधिकृत
- अधिगृहीत
- अधिग्रहण
- अधिदेय
- अधिनिर्णय
- अधिभार
- अधिभूत
- अधिमत
- अधिमान
- अधिमुद्रण
- अधियुक्त
- अधिरथ
- अधिराज
- अधिरूढ़
- अधिरोप
- अधिरोपित
- अधिरोपण
- अधिरोह
- अधिरोहण
- अधिलाभ
- अधिवक्ता
- अधिशासी
- अधिशुल्क
- अधिवास
- अधिशोषण
- अधिवासन
- अधिसंख्य
- अधिस्वर
- अधिसूचना इत्यादि।
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FAQs
किसी भी उपसर्ग के बाद प्रयोग होने वाले शब्द जिनका उपसर्ग से पहले भी कोई अर्थ होता है, या जिनके साथ उपसर्ग लगने पर उनका अर्थ बदल जाता है, वह शब्द ही उपसर्ग में मूल शब्द कहलाते हैं।
अधिसूचना शब्द में ‘अधि’ उपसर्ग प्रयुक्त हुआ है।
अधिनायक शब्द में ‘अधि’ उपसर्ग है।
आशा है कि बेश उपसर्ग से शब्द आपके लिए फायदेमंद होंगे। ऐसे ही अन्य उपसर्ग के बारे में पढ़ने के Leverage Edu के साथ बने रहिए।