भारत एक ऐसा महान देश है जिसने अपने ज्ञान और विज्ञान से संपूर्ण विश्व का मार्गदर्शन किया। भारत जैसे महान देश में कई ऐसे महान वैज्ञानिक हुए, जिनके समर्पण ने विश्व कल्याण और लोकहित में एक मुख्य भूमिका निभाई। इन्ही में से एक भारत के पूर्व राष्ट्रपति मिसाइलमैन ए पी जे अब्दुल कलाम भी थे। यह कहना अनुचित नहीं होगा कि डॉ कलाम ने अपने संपूर्ण जीवन को भारत राष्ट्र के लिए समर्पित किया, क्या आप जानते हैं कि अब्दुल कलाम की मृत्यु कब हुई? यदि नहीं तो इस पोस्ट के माध्यम से आपको अब्दुल कलाम की मृत्यु कब हुई, की जानकारी भी मिलेगी। जिसके लिए आपको इस पोस्ट को अंत तक पढ़ना होगा।
कहाँ और कैसे हुई उनकी मृत्यु?
27 जुलाई, 2015 को अपने कर्मों और कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए डॉ कलाम ने IIM शिलांग में एक व्याख्यान के दौरान हार्ट अटैक से उत्पन्न पीड़ा के चलते अपने प्राणों को त्यागा। डॉ कलाम ने अपना सारा जीवन भारत माता की सेवा में समर्पित किया, अंततः डॉ कलाम की मृत्यु मेघालय के शिलांग में हार्ट अटैक से हुई। अपने जीवन को सादगी से जीने वाले डॉ कलाम की जीवन यात्रा से भारत का हर नागरिक प्रेरणा ले सकता है।
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कैसी रही डॉ कलाम की अंतिम यात्रा
एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में जानने के बाद आपको डॉ कलाम की अंतिम यात्रा के बारे में भी जानना चाहिए, जिन्हें आप निम्नलिखित बिंदुओं से समझ सकते हैं;
- डॉ कलाम ने अपने कर्तव्यों से कभी रिटायरमेंट नहीं लिया, राष्ट्रपति के पद की जिम्मेदारियां पूरी करने के बाद भी डॉ कलाम विद्यार्थियों को शिक्षा का महत्व बताने में जुट गए।
- डॉ कलाम अपना अधिकाधिक समय स्टूडेंट्स को मोटिवेट करने में लगाते थे, जिसके लिए वह देशभर के कॉलेजेस और यूनिवर्सिटीज का दौरा करते थे।
- इसी क्रम में 27 जुलाई, 2015 को डॉ कलाम मेघालय के IIM शिलांग में अपना भाषण देने पहुंचने वाले थे, जो कार्यक्रम विद्यार्थियों को शिक्षा का महत्व समझाने के लिए था।
- अपने अंतिम कार्यक्रम में उपस्थित होने के लिए डॉ कलाम 27 जुलाई 2015 को ‘दोपहर तीन बजे’ दिल्ली से गुवाहाटी पहुंचे। गुवाहटी से डॉ कलाम का काफ़िला कार से शिलांग के लिए निकला, जो कि लगभग ढाई घंटे के अंदर शिलांग पहुंच गया।
- उनके अंतिम समय में साथ रहने और सहारा देने वाले सृजनपाल सिंह के अनुसार मुख्यतः डॉ कलाम को कार में सो जाने की आदत थी, लेकिन वह उस दिन नहीं सोए।
- IIM शिलांग में लेक्चर देने के लिए गए डॉ कलाम जैसे ही स्टेज पर जाकर दो शब्द बोले, उन्हें हार्ट अटैक आ गया। जिनको आनन-फानन में अस्पताल पहुंचाया गया, अस्पताल पहुंचते ही डॉ कलाम की मृत्यु हो गई।
- 27 जुलाई, 2015 को भारत माँ का वीर सपूत, भारत माँ की गोद में हमेशा के लिए एक गहरी नींद सो गया। इस घटना ने देश को शोक में डुबो दिया, लेकिन डॉ कलाम की दी सीख से भारत के युवाओं ने प्रेरणा लेकर उनके जैसा जीवन जीने का प्रण लिया।
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FAQs
एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम “अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम” था।
एपीजे अब्दुल कलाम की मृत्यु 27 जुलाई, 2015 को हुई।
एपीजे अब्दुल कलाम की मृत्यु मेघालय के IIM शिलांग में एक लेक्चर के दौरान हुई।
आशा है कि आप इस पोस्ट के माध्यम से अब्दुल कलाम की मृत्यु कब हुई, के बारे में जान पाए होंगे। इसी तरह के अन्य जनरल नॉलेज के ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।