क्या आप जानते हैं 26 जनवरी का इतिहास: History of Republic Day in Hindi

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History of Republic Day in Hindi

Republic Day 2025: 26 जनवरी, 1950 को भारतीय संविधान को लागू किया गया था। पूरे देश में इस दिन को बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। इस बार 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो (Prabowo Subianto) को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। बता दें कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में इसलिए चुना गया था क्योंकि वर्ष 1929 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस-INC ने ब्रिटिश शासन के प्रभुत्व का विरोध करते हुए पूर्ण स्वराज की घोषणा की थी। ऐसे में आइए जानते हैं 26 जनवरी का इतिहास (History of Republic Day in Hindi) सहित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी। 

26 जनवरी का इतिहास – History of Republic Day in Hindi

भारत 15 अगस्त, 1947 को स्वतंत्र हुआ था तथा 26 जनवरी, 1950 को इसके संविधान को आत्मसात किया गया, जिसके अनुसार भारत देश एक लोकतांत्रिक, संप्रभु तथा गणतंत्र देश घोषित किया गया। संविधान, भारत का सर्वोच्च कानून है। यह एक लिखित दस्तावेज है जो सरकार और उसके संगठनों के मौलिक बुनियादी संहिता, संरचना, प्रक्रियाओं, शक्तियों और कर्तव्यों और नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों का निर्धारण करने वाले ढांचे को निर्धारित करता है।

बता दें कि 26 जनवरी, 1950 को ब्रिटिश शासन द्वारा बनाए गए ‘गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट 1935’ (Government of India Act 1935) की जगह भारत का संविधान लागू हुआ था। हालांकि भारत का संविधान 26 नवंबर, 1949 को ही बनकर तैयार हो गया था और इसे ‘संविधान सभा’ (Constituent Assembly) की मंजूरी भी मिल गई थी। लेकिन इसे 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया। ऐसा करने की खास वजह यह थी कि, वर्ष 1929 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस-INC ने ब्रिटिश शासन के प्रभुत्व का विरोध करते हुए पूर्ण स्वराज की घोषणा की थी। 

दरअसल, साल 1929 में पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में कांग्रेस के ‘लाहौर अधिवेशन’ में पहली बार पूर्ण स्वराज की शपथ ली गई थी। उस अधिवेशन में ब्रिटिश हुकूमत से मांग की गई थी कि भारत को 26 जनवरी, 1930 तक संप्रभु दर्जा दे दिया जाए। फिर 26 जनवरी, 1930 को पहली बार ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ मनाया गया था।

इसके बाद भारत को पूर्ण स्वराज मिलने तक यानी 15 अगस्त, 1947 तक 26 जनवरी को ही ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ के रूप में मनाया जाता रहा। इस दिन के महत्व की वजह से ही सन 1950 में 26 जनवरी को देश का संविधान लागू किया गया और इसे ‘गणतंत्र दिवस’ (History of Republic Day in Hindi) घोषित किया गया।

डॉ. अंबेडकर थे भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार

डॉ. भीम राव अंबेडकर को भारतीय संविधान का मुख्य रचनाकार माना जाता है। वहीं भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद भारत के संविधान पर हस्ताक्षर करने वाले पहले व्यक्ति थे। क्या आप जानते हैं कि भारत का संविधान न तो मुद्रित है और न ही टंकित है। यह हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में हस्तलिखित और सुलेखित है। इसे श्री प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा द्वारा हस्तलिखित किया गया था और उनके द्वारा देहरादून में प्रकाशित किया गया था। वहीं संविधान के अंतिम प्रारूप को पूरा करने में 2 वर्ष, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था।  

26 जनवरी, 1950 को भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी के साथ ध्वजारोहण कर भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया था। इसके बाद से प्रत्येक वर्ष इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है तथा इस दिन देशभर में राष्ट्रीय अवकाश रहता है। भारत 26 जनवरी, 2025 को अपना 76वां गणतंत्र दिवस (Republic Day 2025) मना रहा है। 

कहाँ मनाया गया था पहले गणतंत्र दिवस का जश्न 

स्वतंत्र भारत में 1950 से 1954 तक गणतंत्र दिवस परेड दिल्ली में पुराने किले के सामने स्थित ‘इरविन स्टेडियम’ (अब मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम) में आयोजित की जाती थी। लेकिन सन 1955 से गणतंत्र दिवस समारोह ‘कर्तव्य पथ’ (पूर्व राजपथ) पर आयोजित किया जाता है।    

FAQs

गणतंत्र दिवस कब मनाया जाता है?

गणतंत्र दिवस हर वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है।

26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है गणतंत्र दिवस?

26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ और इसी के साथ भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में पूरी तरह से स्वतंत्र हो गया। इसलिए पूरे देश में हर वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। 

गणतंत्र दिवस का महत्व क्या है?

यह दिन भारतीय संविधान के लागू होने और देश के लोकतांत्रिक अधिकारों की पहचान का प्रतीक है।

गणतंत्र दिवस की परेड कहां होती है?

गणतंत्र दिवस की मुख्य परेड नई दिल्ली के कर्तव्य पथ (Kartavya Path) पर होती है।

गणतंत्र दिवस पर किसे विशेष तौर पर आमंत्रित किया जाता है?

हर वर्ष गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में एक विदेशी नेता को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है। 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। 

आशा है कि आपको 26 जनवरी का इतिहास (History of Republic Day in Hindi) से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही ट्रेंडिंग इवेंट्स और सामान्य ज्ञान से जुड़े अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें। 

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