वर्ष 1929 के दिसंबर में लाहौर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में हुआ जिसमें प्रस्ताव पास कर इस बात की घोषणा की गई कि अगर यदि अंग्रेज सरकार 26 जनवरी 1930 तक भारत को स्वायत्तयोपनिवेश (डोमीनियन) का पद प्रदान नहीं करेगी, जिसके तहत भारत ब्रिटिश साम्राज्य में ही स्वशासित ईकाई बन जाने पर उस दिन भारत की पूर्ण स्वतंत्रता के निश्चय की घोषणा की और अपना सक्रिय आंदोलन शुरू किया।
उस दिन से 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त होने तक 26 जनवरी स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता रहा। इसके बाद आज़ादी के असली दिन 15 अगस्त को भारत के स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाना स्वीकार किया गया। भारत के स्वतंत्र हो जाने के बाद संविधान सभा की घोषणा हुई और इसने अपना कार्य 9 दिसम्बर 1946 से शुरू कर दिया। संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा निर्वाचित किए गए थे।
डॉ. बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर, जवाहरलाल नेहरू, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आदि इस सभा के मुख्य सदस्य थे। संविधान निर्माण में कुल 22 समितीयाँ थी जिसमें प्रारूप समिति (ड्राफ्टींग कमेटी) सबसे प्रमुख एवं महत्त्वपूर्ण समिति थी और इस समिति का काम पूरे ‘संविधान लिखना’ या ‘निर्माण करना’ था। प्रारूप समिति के चेयरमैन विधिवेत्ता डॉ० भीमराव आंबेडकर थे।
प्रारूप समिति ने और उसमें खास रूप से डॉ. भीमराव आंबेडकर जी ने 2 साल, 11 महीने, 18 दिन में भारतीय संविधान को पूरा किया और संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को 26 नवम्बर 1949 को भारत का संविधान हवाले किया, इसलिए 26 नवंबर दिवस को भारत में संविधान दिवस के रूप में प्रति वर्ष मनाया जाता है।
संविधान सभा ने संविधान निर्माण के समय कुल 114 दिन बैठक की। इसकी मीटिंग्स में प्रेस और जनता को भाग लेने की स्वतन्त्रता थी। अनेक सुधारों और परिवर्तनों के पश्चात सभा के 284 सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 को संविधान की दो हस्तलिखित कॉपियों पर साइन किए। इसके 2 दिन बाद संविधान 26 जनवरी को यह देश भर में लागू हो गया। 26 जनवरी का महत्व बनाकर रखने के लिए इसी दिन संविधान निर्माण सभा द्वारा स्वीकृत संविधान में भारत के गणतंत्र स्वरूप को मान्यता दी गई।
कहाँ मनाया गया था पहले गणतंत्र दिवस का जश्न
स्वतंत्र भारत में बार 26 जनवरी 1950 को पहला गणतंत्र दिवस मनाया गया था। पहली बार गणतंत्र दिवस का आयोजन दिल्ली में पुराने किले के सामने स्थित इरविन स्टेडियम जिसे अब मेजर ध्यानचंद स्टेडियम के नाम से जाना जाता है में 26 जनवरी के परेड आयोजित की गई थी।
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