ग़दर पार्टी: जिसने दिया भारत की आजादी में अपना अहम योगदान 

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ग़दर पार्टी

ग़दर पार्टी भारत को अंग्रेजों से आजादी दिलाने के लक्ष्य से बनाई गई थी। इसे भारतीय मूल के लोगों ने अमेरिका और कनाडा में बनाया था। यह पार्टी हिन्दुस्तान ग़दर नाम से एक समाचार पत्र प्रकाशित करती थी जो उर्दू  और पंजाबी में छपा करता था। महान क्रांतिकारी ‘शहीद भगत सिंह’ इसी पार्टी की देन थे। यहाँ ग़दर पार्टी से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण बातों के बारे में बताया जा रहा है।   

जानिए ग़दर पार्टी के बारे में 

ग़दर पार्टी की स्थापना 1913 में अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में हुई थी। इसके अध्यक्ष ‘सरदार सोहन सिंह भाकना’ थे। इसके अतिरिक्त ‘केसर सिंह थथगढ’ – उपाध्यक्ष, ‘लाला हरदयाल’ – महामंत्री, ‘लाला ठाकुर दास धुरी’– संयुक्त सचिव और ‘पण्डित कांशी राम मदरोली’– कोषाध्यक्ष थे। इसका उद्देश्य भारत को ब्रिटिश राज से मुक्ति दिलाना था। स्थापना के बाद गदर पार्टी की पहली बैठक सैक्रामेंटो, कैलिफ़ोर्निया में दिसम्बर 1913 में आयोजित की गयी थी। इसमें कार्यकारिणी के सदस्यों की घोषणा भी की गयी, जो कि इस प्रकार है:-

करतार सिंह सराभा, संतोख सिंह, अरूण सिंह, पृथी सिंह, पण्डित जगत राम, करम सिंह चीमा, निधान सिंह चुघ, संत वसाखा सिंह, पण्डित मुंशी राम, हरनाम सिंह कोटला, नोध सिंह थे। बता दें कि  गुप्त और भूमिगत कार्यों के लिए एक कमेटी बनायी गयी जिसमें ‘सोहन सिंह भाकना’, ‘संतोख सिंह’ मुख्य सदस्य थे।

ग़दर पार्टी के लक्ष्य 

  • ग़दर पार्टी का पहला उद्देश्य भारत को अंग्रेजों से आज़ादी दिलाने के लिए अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई छेड़ना था।  
  • गदर पार्टी ने 15 जूलाई 1913 को अस्टोरिया की आरा मिलों में एक बुनियादी प्रस्ताव पास किया जिसके तहत कहा गया कि गदर पार्टी हथियारबंद क्रांति की मदद से अंग्रेज़ी राज से भारत को आज़ाद कर गणतंत्र कायम करेगी।
  • ग़दर पार्टी “हिन्दुस्तान गदर” नाम से एक समाचार पत्र भी निकलती थी। इस समाचार पत्र का उद्देश्य भारतवासियों में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने के लिए जागरूक करना था।  

ग़दर पार्टी के मुख्य सदस्य 

नीचे दिए गए नाम ग़दर पार्टी के मुख्य सदस्यों में शामिल थे:-

  • करतार सिंह सराभा
  • सोहन सिंह भकना
  • सोहन लाल पाठक
  • भगत सिंह बिलगा
  • हरनाम सिंह काला संघिआं
  • बाबा गुरमुख्ख सिंह ललतों
  • तेजा सिंह सुतंतर
  • हरी सिंह उसमान
  • हरनाम सिंह टुंडीलाट
  • बाबा भगवान सिंह दुसांझ
  • मौलवी बरकतउल्ला 
  • बाबा वसाखा सिंह ददेहर
  • हरनाम सिंह काहिरा सहिरा
  • हरनाम सिंह सैणी
  • लाला हरदयाल
  • तारकनाथ दास
  • पांडूरंग सदाशिव खानखोजे
  • गंडा सिंह
  • विष्णु गणेश पिंगले
  • भाई रणधीर सिंह
  • मुनशा सिंह दुखी
  • करीम बख्श
  • हरिकिशन तलवाड़
  • मा. ऊधम सिंह कसेल
  • बाबा दुल्ला सिंह जलालदीवाल
  • बाबा चूहड़ सिंह लील्ह
  • बाबा ज्वाला सिंह
  • बाबा ठाकर सिंह
  • बाबा हज़ारा सिंह
  • बाबा उजागर सिंह
  • बाबा लाल सिंह साहिबआणा
  • जैमल सिंह ढाका (अफगानिस्तान में गदर पार्टी के नेता)

ग़दर समाचार पत्र का प्रकाशन 

ग़दर पार्टी ने अपना पत्र “हिन्दुस्तान ग़दर” निकाला जिसमें ब्रिटिश हकुमत का खुला विरोध किया गया था। यह पत्र हिन्दी, पंजाबी, उर्दू और अन्य भारतीय भाषाओं में छापा जाता था। “युगांतर आश्रम” ग़दर पार्टी का मुख्यालय था। यहीं से ग़दर पार्टी ने एक पोस्टर छापा था जिसे पंजाब में जगह-जगह चिपकाया भी गया था। इस पोस्टर पर लिखा था – “जंग दा होका” अर्थात युद्ध की घोषणा। इस समाचार पत्र का उद्देश्य भारत के लोगों को आजादी के प्रति जागरूक करना था।  

FAQs 

ग़दर पार्टी की स्थापना किसने की थी? 

ग़दर पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष सरदार सोहन सिंह भाकना थे।  

ग़दर पार्टी से आप क्या समझते हैं?

ग़दर पार्टी एक अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक आंदोलन था जिसमें भारत में ब्रिटिश शासन को उखाड़ फेंकने के लिए प्रवासी भारतीय शामिल थे। 

गदर पार्टी का मतलब क्या होता है?

ग़दर पार्टी साम्राज्यवाद के ख़िलाफ़ हथियारबंद संघर्ष का ऐलान और भारत की पूरी आज़ादी की मांग करने वाली राजनैतिक पार्टी थी, जो कनाडा और अमरीका में प्रवासी भारतीयों ने 1913 में बनाई थी। 

ग़दर पार्टी का महत्व क्या है?

ग़दर पार्टी पराधीन भारत को अंग्रेज़ों से स्वतंत्र कराने के उद्देश्य से बना एक दल था। 

ग़दर पार्टी का मूल नाम क्या है?

ग़दर पार्टी का मूल नाम ‘पैसिफिक कोस्ट हिंदुस्तान एसोसिएशन’ था। गदर पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष सोहन सिंह भकना और लाला हरदयाल इस पार्टी के सह-संस्थापक थे।

गदर पार्टी के प्रथम कोषाध्यक्ष कौन थे?

ग़दर पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष सोहन सिंह भकना थे।

ग़दर पार्टी का मुख्यालय कहाँ था?

ग़दर पार्टी का मुख्यालय सैन फ्रांसिस्को, अमेरिका में था।

आशा है इस ब्लॉग से आपको ग़दर पार्टी की स्थापना और इससे जुड़ी सभी अहम घटनाओं के बारे में बहुत सी जानकारी प्राप्त हुई होगी। भारत के इतिहास से जुड़े हुए ऐसे ही अन्य ब्लॉग पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।

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