पढ़िए 10 लाइन की कविता हिंदी में, कविताएं जो आपको प्रेरित करेंगी!

1 minute read
10 लाइन की कविता हिंदी में

10 लाइन की कविता हिंदी में पढ़कर आप हिंदी साहित्य की सुंदरता के दर्शन कर सकते हैं। 10 लाइन की कविता हिंदी में एक ऐसा माध्यम बनेंगी, जो समाज को सशक्त करके प्रेरित करने का काम करेंगी। इस ब्लॉग में लिखित हिंदी कविताएं हर उस व्यक्ति को प्रेरित करने का काम करेंगी, जो हिंदी भाषा से प्रेम करता है अथवा हिंदी भाषा को अपनी मातृभाषा के रूप में देखता है। यह कहना अनुचित नहीं होगा कि कविताएं समाज का दर्पण होती हैं। कविताएं ही समाज की चेतना को जगाने का सफल प्रयास करती हैं। इन्हीं में से कुछ 10 लाइन की कविता हिंदी में बेहद लोकप्रिय हैं जिन्हें पढ़कर आप हिंदी साहित्य के सौंदर्य की अनुभूति करेंगे।

यह भी पढ़ें : Poem on Lohri in Hindi

10 लाइन की कविता हिंदी में

10 लाइन की कविता हिंदी में पढ़कर आप हिंदी भाषा के अद्भुत साहित्य से परिचित हो पाएंगे, जिसके बाद आपको अपनी हिंदी भाषा पर गर्व की अनुभूति होगी। निज जीवन को बेहतर बनाने के लिए आपको 10 लाइन की कविता हिंदी में अवश्य पढ़नी चाहिए। 10 लाइन की कविता हिंदी में पढ़ने से पहले आपको कविताओं तथा उनके कवियों के नाम की सूची पर भी प्रकाश डालना चाहिए, जो कुछ इस प्रकार है;

कविता का नामकवि/कवियत्री का नाम
अकाल और उसके बादनागार्जुन
अग्निपथहरिवंश राय बच्चन
दिन जल्दी-जल्दी ढलता हैहरिवंश राय बच्चन 
प्रतिशोधमैथिलीशरण गुप्त
मन जहां डर से परे हैरवींद्रनाथ टैगोर
आओ फिर से दिया जलाएँअटल बिहारी वाजपेयी

अकाल और उसके बाद

10 लाइन की कविता हिंदी में आप में साहस का संचार करेंगी। इस श्रृंखला में लोकप्रिय कवि नागार्जुन जी की कविता “अकाल और उसके बाद” है, जो कुछ इस प्रकार है:

कई दिनों तक चूल्हा रोया, चक्की रही उदास 
कई दिनों तक कानी कुतिया सोई उनके पास 
कई दिनों तक लगी भीत पर छिपकलियों की गश्त 
कई दिनों तक चूहों की भी हालत रही शिकस्त 

दाने आए घर के अंदर कई दिनों के बाद 
धुआँ उठा आँगन से ऊपर कई दिनों के बाद 
चमक उठी घर भर की आँखें कई दिनों के बाद 
कौए ने खुजलाई पाँखें कई दिनों के बाद

-नागार्जुन

भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि ने अकाल और उसके बाद के परिदृश्य का एक मार्मिक चित्रण प्रस्तुत किया है। इस कविता में कवि अकाल के दौरान लोगों की पीड़ा, हताशा और उनकी मृत्यु का वर्णन करते हैं। कविता में कवि अकाल के बाद की स्थिति का भी वर्णन करते हैं, जिसमें लोगों की खुशी और उत्साह के संचार को भी दर्शाया गया है। कवि ने सरल शब्दों का प्रयोग करके अकाल की विभीषिका और उसके बाद की खुशी का प्रभावी चित्रण किया है।

10 लाइन की कविता हिंदी में

यह भी पढ़ें : राष्ट्रीय युवा दिवस पर कविता

अग्निपथ

10 लाइन की कविता हिंदी में आप में साहस का संचार करेंगी। इस श्रृंखला में एक कविता “अग्निपथ” है, जो कुछ इस प्रकार है:

वृक्ष हों भले खड़े,
हों घने हों बड़े,
एक पत्र छाँह भी,
माँग मत, माँग मत, माँग मत,
अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ।

तू न थकेगा कभी,
तू न रुकेगा कभी,
तू न मुड़ेगा कभी,
कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ,
अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ।

यह महान दृश्य है,
चल रहा मनुष्य है,
अश्रु श्वेत रक्त से,
लथपथ लथपथ लथपथ,
अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ।

-हरिवंश राय बच्चन

भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि जीवन के संघर्षों और चुनौतियों का सामना करने के लिए युवाओं को एक प्रेरक संदेश देते है। यह कविता हमें सिखाती है कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए हमें कभी भी हार नहीं माननी चाहिए और निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। इस कविता के माध्यम से कवि युवाओं को अपने लक्ष्य के लिए अटल रहना सिखाते हैं।

दिन जल्दी-जल्दी ढलता है

10 लाइन की कविता हिंदी में, साहित्य के साथ आपका परिचय करवाएंगी। इस श्रृंखला में हरिवंश राय बच्चन की कविता “दिन जल्दी-जल्दी ढलता है” भी है, जो कुछ इस प्रकार है:

दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!
हो जाय न पथ में रात कहीं,
मंज़िल भी तो है दूर नहीं
यह सोच थका दिन का पंथी भी जल्दी-जल्दी चलता है!
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!
बच्चे प्रत्याशा में होंगे,
नीड़ों से झाँक रहे होंगॆ
 यह ध्यान परों में चिड़ियों के भरता कितनी चंचलता है!
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!
मुझसे मिलने को कौन विकल?
मैं होऊँ किसके हित चंचल?
यह प्रश्न शिथिल करता पद को, भरता उर में विह्वलता है!
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!

-हरिवंश राय बच्चन

भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि ने जीवन की गति और समय की क्षणभंगुरता का एक मार्मिक चित्रण प्रस्तुत किया है। इस कविता में कवि दिन के ढलने और रात के आने का वर्णन करते हैं। कविता में कवि कहते हैं कि दिन जल्दी-जल्दी ढल रहा है, और रात जल्दी-जल्दी आ रही है। इस कविता की भाषा सरल और सहज है। कविता में कवि ने सरल शब्दों का प्रयोग करके जीवन की गति और समय की क्षणभंगुरता का प्रभावी चित्रण किया है।

10 लाइन की कविता हिंदी में

यह भी पढ़ें : विश्व हिंदी दिवस पर कविता

प्रतिशोध

10 लाइन की कविता हिंदी में, आप में नई ऊर्जा का संचार करेंगी। इस सूची में मैथिलीशरण गुप्त की कविता “प्रतिशोध” भी है, जो कुछ इस प्रकार है:

किसी जन ने किसी से क्लेश पाया
 नबी के पास वह अभियोग लाया।
 मुझे आज्ञा मिले प्रतिशोध लूँ मैं।
 नहीं निःशक्त वा निर्बोध हूँ मैं।
उन्होंने शांत कर उसको कहा यो
स्वजन मेरे न आतुर हो अहा यों।
चले भी तो कहाँ तुम वैर लेने
स्वयं भी घात पाकर घात देने
क्षमा कर दो उसे मैं तो कहूंगा
तुम्हारे शील का साक्षी रहूंगा
दिखावो बंधु क्रम-विक्रम नया तुम
यहाँ देकर वहाँ पाओ दया तुम।

-मैथिलीशरण गुप्त

भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि ने प्रतिशोध की भावना और उससे होने वाले नकारात्मक परिणामों का एक मार्मिक चित्रण प्रस्तुत किया है। इस कविता में कवि एक ऐसे व्यक्ति की कहानी कहते हैं जो अपने अपमान का बदला लेने के लिए प्रतिशोध की भावना से प्रेरित होता है। सही शब्दों में कहा जाए तो यह कविता हमें क्षमा करना और शांति से जीवन जीना का संदेश देती है।

यह भी पढ़ें : प्रेरणादायक प्रसिद्ध हिंदी कविताएँ

मन जहां डर से परे है

10 लाइन की कविता हिंदी में, हर परिस्थिति में आपको प्रेरित करने का कार्य करेंगी। इस सूची में भारत के एक लोकप्रिय कवि गोपालदास “नीरज” जी की कविता “मन जहां डर से परे है” भी है, जो कुछ इस प्रकार है:

“मन जहां डर से परे है और सिर जहां ऊंचा है;
ज्ञान जहां मुक्त है और जहां दुनिया को
संकीर्ण घरेलू दीवारों से छोटे छोटे टुकड़ों में बांटा नहीं गया है;
जहां शब्द सच की गहराइयों से निकलते हैं, जहां थकी हुई प्रयासरत बांहें
त्रुटि हीनता की तलाश में हैं, जहां कारण की स्पष्ट धारा है
जो सुनसान रेतीले मृत आदत के,वीराने में अपना रास्ता खो नहीं चुकी है;
जहां मन हमेशा व्यापक होते विचार और सक्रियता में, तुम्हारे जरिए आगे चलता है
और आजादी के स्वर्ग में पहुंच जाता है,ओ पिता परमेश्वर
मेरे देश को जागृत बनाओ”

-रवींद्रनाथ टैगोर

भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि साहस और स्वतंत्रता की भावना का एक उत्कृष्ट चित्रण प्रस्तुत किया है। इस कविता में कवि एक ऐसे मन की बात करते हैं, जो डर से परे है। कवि इस कविता में एक ऐसे मन की बात करते हैं जहाँ साहस और स्वतंत्रता का विस्तार होता है। कवि ने सरल शब्दों का प्रयोग करके इस कविता में साहस और स्वतंत्रता की भावना का प्रभावी चित्रण किया है।

यह भी पढ़ें : Phanishwar Nath Renu Poem in Hindi

आओ फिर से दिया जलाएँ

10 लाइन की कविता हिंदी में, युवाओं में नवीन सकारात्मक ऊर्जाओं का संचार करने का कार्य करेंगी। इस श्रृंखला में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अजातशत्रु अटल बिहारी वाजपेयी जी की एक कविता “आओ फिर से दिया जलाएँ” भी है, जो कुछ इस प्रकार है:

भरी दुपहरी में अँधियारा 
सूरज परछाईं से हारा 
अंतरतम का नेह निचोड़ें, बुझी हुई बाती सुलगाएँ 
आओ फिर से दिया जलाएँ 

हम पड़ाव को समझे मंज़िल 
लक्ष्य हुआ आँखों से ओझल 
वतर्मान के मोहजाल में आने वाला कल न भुलाएँ 
आओ फिर से दिया जलाएँ 

आहुति बाक़ी यज्ञ अधूरा 
अपनों के विघ्नों ने घेरा 
अंतिम जय का वज्र बनाने नव दधीचि हड्डियाँ गलाएँ 
आओ फिर से दिया जलाएँ

-अटल बिहारी वाजपेयी

भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि अटल बिहारी वाजपेयी जी निराशा से जन्मे अंतर्मन के तमस को मिटाने के लिए, आशाओं की भावना के साथ विश्वास का दीपक जलाने का संदेश देती है। यह कविता आपको प्रेरणा से भरने का प्रयास करती है, जीवन में मिली असफलताओं का सामना करने के  लिए यह कविता हमें सक्षम बनाती है।

यह भी पढ़ें : पढ़िए हिंदी की महान कविताएं, जो आपके भीतर साहस का संचार करेंगी

संबंधित आर्टिकल

Rabindranath Tagore PoemsHindi Kavita on Dr BR Ambedkar
Christmas Poems in HindiBhartendu Harishchandra Poems in Hindi
Atal Bihari Vajpayee ki KavitaPoem on Republic Day in Hindi
Arun Kamal Poems in HindiKunwar Narayan Poems in Hindi
Poem of Nagarjun in HindiBhawani Prasad Mishra Poems in Hindi
Agyeya Poems in HindiPoem on Diwali in Hindi
रामधारी सिंह दिनकर की वीर रस की कविताएंरामधारी सिंह दिनकर की प्रेम कविता
Ramdhari singh dinkar ki kavitayenMahadevi Verma ki Kavitayen
Lal Bahadur Shastri Poems in HindiNew Year Poems in Hindi

आशा है कि आपको इस ब्लॉग में आपको 10 लाइन की कविता हिंदी में पढ़ने का अवसर मिला होगा, जिसमें आपको विभिन्न कवियों की कविताएं पढ़ने का अवसर मिला होगा। यह कविताएं आपको सदा ही प्रेरित करेंगी, आशा है कि यह ब्लॉग आपको इंट्रस्टिंग और इंफॉर्मेटिव भी लगा होगा, इसी प्रकार की अन्य कविताएं पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।

Leave a Reply

Required fields are marked *

*

*