एक व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति तक सूचनाओं का आदान प्रदान करने के क्रिया को संचार कहा जाता है। परन्तु कई बार संचार प्रक्रिया में बहुत सी बाधाएं आ जाती है जिसका कारण यह होता है कि प्रेषित संदेश या तो गलत हो जाता है या पूरी तरह से ग्रहण नहीं किया जाता है। कभी-कभी संचार संबंध भी बहुत से कारणों के कारण टूट जाते हैं। आज संचार बाधाएँ हर क्षेत्र में किसी न किसी रूप में मौजूद है। संचार प्रक्रिया कई माध्यमों से बाधित होती है इसमें फिजिक्स, सांस्कृतिक, तकनीकी और मनोवैज्ञानिक आदि बाधाएं विशेष रूप से शामिल होती हैं। आइए जानते है विस्तार से संचार की बाधाएं क्या है और इन्हें कैसे दूर किया जा सकता है।
This Blog Includes:
- संचार क्या है?
- संचार के प्रकार कितने होते हैं?
- संचार का महत्व कितना आवश्यक है?
- संचार की बाधाएं क्या है? : Barriers of Communication in Hindi
- संचार की बाधाएं की लिस्ट
- कल्चरल नॉइज़ से संचार में बाधाएं
- फिजिकल बैरियर्स से संचार में बाधाएं
- ऑर्गनाइजेशनल संचार की बाधाएं
- संचार की बाधाओं को दूर करने के कुछ बहुमूल्य उपाय
- FAQs
संचार क्या है?
संचार या संप्रेक्षण शब्द ग्रीक भाषा के अंग्रेजी शब्द कम्युनिकेशन शब्द का ही हिंदी कन्वर्शन है। संचार में किसी सूचना को एक स्थान से दूसरे स्थान या एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्तियों को स्थानांतरित करने का कारक होता है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जहां दो व्यक्तियों के मध्य सूचना, फैक्ट्स, विचार, एडवाइस और भावनाओं का आदान-प्रदान किया जाता है।
संचार के प्रकार कितने होते हैं?
समान्यत संचार को दो प्रमुख भागों में बांटा जा सकता है, पहला शाब्दिक संचार जहां मौखिक रूप से शब्दों का प्रयोग करके संचार किया जाता है। दूसरा अशाब्दिक संचार होता है, जिसमें लिखित रूप या हाव भाव का प्रयोग करने संचार किया जाता है। संचार प्रक्रिया अधिक विस्तृत होने के कारण इसे कई भागों में बांटा गया हैं, जिसे आप नीचे दिए गए बिंदुओं में देख सकते हैं।
- वर्बल कम्युनिकेशन
- रिटन कम्युनिकेशन
- नॉनवर्बल कम्युनिकेशन
- फॉर्मल एंड इनफॉर्मल कम्युनिकेशन
- इंटरपर्सनल कम्युनिकेशन
- इंटरप्रर्सनल कम्युनिकेशन
- मास कम्युनिकेशन
संचार का महत्व कितना आवश्यक है?
संचार मनुष्य की प्रगति का सबसे प्रमुख माध्यंमों में से एक है जिसके बिना मनुष्य की प्रगति की कल्पना भी नहीं की जा सकती। यहां संचार के महत्व के कुछ प्रमुख बिंदुओं के बारे में बताया जा रहा हैं-
- संचार के माध्यम से हम अपनी बात को मौखिक या लिखित रूप में किसी दूसरे व्यक्ति के सामने रख सकते हैं।
- संचार हमारी आवश्यकता की सामग्री को हम तक पहुँचाने में योगदान देती है।
- संचार के माध्यम से हमें देश विदेश की सभी अहम जानकारियां प्राप्त होती है।
- संचार के माध्यम से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा मिलता है।
- संचार के जरिए किसी भी देश का लोकतंत्र मजबूत बनता है।
- प्रभावी संचार से किसी भी उद्देश्य को प्राप्त किया जा सकता है।
- संचार के माध्यम से उत्पादन क्षमता को भी बढ़ाया जा सकता है।
संचार की बाधाएं क्या है? : Barriers of Communication in Hindi
संचार में बहुत से बाधाएं उत्त्पन होती है जिसके कारण संचार प्रक्रिया अवरूद्ध हो जाती है। यहां संचार की कुछ प्रमुख बाधाओं के बारे में बताया जा रहा है। जिसे आप नीचे दिए गए बिंदुओं में देख सकते हैं-
- भौतिक बाधाएं
- भाषा की बाधाएं
- मनोवैज्ञानिक बाधाएं
- पृष्ठभूमि की बाधाएं
- लिंग संबंधी बाधाएँ
- भावनात्मक बाधाएँ
संचार की बाधाएं की लिस्ट
यहां संचार की प्रमुख बाधाओं बारे में विस्तार से बताया जा रहा है जिन्हें आप नीचे दिए गए बिंदुओं में देख सकते हैं-
- भौतिक बाधाएं – अत्यधिक शोर, खराब वातावरण, भौतिक असुविधाएं, बीमारी, नेटवर्क संबंधी समस्या तथा ध्यान का केंद्रित न होना भौतिक संचार की प्रमुख बाधाएं होती है।
- भाषा की बाधाएं – भाषा संबंधी बाधाएँ तब आती हैं जब दो व्यक्तियों के बीच भाषा को लेकर अस्पष्टता हो। अस्पष्ट शब्द, भाषा का पूर्ण ज्ञान न होना, भाषा का गलत अनुवाद, तकनीकी भाषा का ज्ञान न होना, अस्पष्ट ग्राफिक तथा संकेत भाषा संबंधी बाधा के लक्षण है।
- मनोवैज्ञानिक बाधाएं – ध्यान न लगना, जरूरत से अधिक चिंताए, संचार में अरुचि, अपूर्ण जिज्ञासाएं संचार की मनोवैज्ञानिक बाधाएं मानी जाती है।
- पृष्ठभूमि की बाधाएं – सांस्कृतिक भेदभाव, पूर्व अधिगम, पूर्व कार्य स्थिति भी संचार की बाधाएं मानी जाती है।
- लिंग संबंधी बाधाएं – पुरुष और स्त्री के बीच समाज में चली आ रही बहुत सी मानसिकता और कई अंतरों के चलते यह आपस में सही ढंग से संचार नहीं हो पाता।
- भावनात्मक बाधाएं – जब दो लोगों अथवा पक्षों के दृष्टीकोण और विचारों में अंतर उत्पन होता है। इस स्थिति में संचारक के मन में डर, झिझक, घबराहट, शंका, अविश्वास जैसी भावनाओं के प्रभाव के कारण संचार असक्षम हो जाता है।
कल्चरल नॉइज़ से संचार में बाधाएं
जब लोग कई बार अपने साथियों की सांस्कृतिक पृष्ठभूमि और संबंधित रूढ़ियों के आधार पर गलत धारणाओं में पड़ जाते हैं। उस स्थिति में प्रभावी संचार बाधित हो जाता है जिसमें कल्चरल नॉइज, नॉन वर्बल संकेत, नॉलेज, लेंगवेज, व्यवहार और रीति-रिवाज आदि शामिल होते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप सऊदी अरब के किसी व्यक्ति के साथ संवाद करने का इरादा रखते हैं, तो उनके सांस्कृतिक और राजनीतिक परिदृश्यों के बारे में कम जानकारी एक बाधा के रूप में कार्य कर सकती है। जिसके कारण दोनों व्यक्तियों के बीच प्रभावी संचार नहीं हो पाएगा।
फिजिकल बैरियर्स से संचार में बाधाएं
पर्यावरण में मौजूद वस्तुएं या हमारे आसपास चल रही स्थितियां संचार में भौतिक बाधाओं के रूप में कार्य करती हैं। ये तकनीकी या स्वाभाविक रूप से होने वाली घटनाएँ हो सकती हैं जो संदेश को बाधित करती हैं। भौतिक अवरोधों के सबसे आम उदाहरण दरवाजे, दीवारें, खिड़कियाँ, कांच की दीवारें आदि हैं। आपने अनुभव किया होगा कि दरवाजे बंद होने पर कमरे से संदेश देते समय, प्राप्तकर्ता के लिए यह समझना मुश्किल होता है कि क्या कहा जा रहा है। क्योंकि द्वार एक अवरोध है।
ऑर्गनाइजेशनल संचार की बाधाएं
एक आर्गेनाइजेशन के सुचारू रूप से काम करने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि सभी कर्मचारियों के बीच प्रभावी संचार की एक श्रृंखला चलती रहे। संचार की संगठनात्मक बाधाओं से निपटने के लिए विभिन्न उपायों को अपनाने के बावजूद, ऐसी स्थितियाँ होती हैं जो अक्सर गलत संचार बाधाओं का कारण होती हैं। आइए नीचे दिए गए बिंदुओं से जानने का प्रयास करते है कि आर्गेनाइजेशन में मुख्य बाधाएं क्या हैं-
- सूचना अधिभार: अत्यधिक जानकारी का ट्रांसफर होना अक्सर संचार में बाधा बन जाता है।
- समय: जब किसी महत्वपूर्ण बात को संप्रेषित करने की बात आती है तो समय एक बड़ी बाधा मानी जाती है। यदि संदेश किसी विशेष समय पर भेजा या प्राप्त नहीं किया जाता है, तो इससे आर्गेनाइजेशन के कामकाज में देरी हो सकती है।
- इन्फॉर्मेशन गैप: जब भी सूचना का एक भाग कई स्रोतों के माध्यम से संप्रेक्षित किया जाता है उस स्थिति में इन्फॉर्मेशन गैप उत्पन्न होता है। यह देखा गया है कि अक्सर सूचनाओं के कुछ अंश नष्ट हो जाते हैं और कुछ स्तरों पर केवल कुछ भाग ही बने रहते हैं।
- सांस्कृतिक अंतर: ऐसी आर्गेनाइजेशन जो उचित सांस्कृतिक अंतर के विदेशी व्यापार में शामिल हैं उन्हें संचार के माध्यम से दूर एक कठिन बाधा है।
संचार की बाधाओं को दूर करने के कुछ बहुमूल्य उपाय
अब जब हम संचार की विभिन्न बाधाओं और उनके प्रकारों को अच्छी तरह से समझ चुके हैं। अब हम संचार में बाधाओं को कम करने के कुछ उपायों के बारे में जानेंगे-
- स्पष्ट और सामान्य भाषा का उपयोग करना जिसे दूसरा व्यक्ति आपकी बात आसानी से समझ सके।
- संचार शुरू करने से पहले इस बात का जरूर ध्यान रखें कि यह संवाद करने का सही समय है या नहीं।
- किसी भी बात को सरल रूप में और एक-एक करके संप्रेषित करना।
- संचार के लिए बाधा या व्याकुलता मुक्त स्थान चुनना।
- प्राप्तकर्ता ने संदेश को सही अर्थों में समझा है या नहीं इसका विशेष ध्यान रखना।
- रिसीवर द्वारा किसी भी भावनात्मक प्रतिक्रिया को स्वीकार करना।
FAQs
संचार की बाधाओं को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण उपाय इस प्रकार हैं:
1. संचार से पहले विचारों को स्पष्ट करें।
2. प्राप्तकर्ता की आवश्यकता के अनुसार संवाद करें।
3. संचार से पहले दूसरों से परामर्श करें।
4. भाषा, टोन और संदेश की सामग्री से सावधान रहें।
5. श्रोता की मदद और मूल्य की बातें।
6. उचित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करें।
वक्ता और श्रोता की सामाजिक स्थितियाँ, उनका भाषिक ज्ञान, उनकी शारीरिक अन्यमनस्कता, सांस्कृतिक वैभिन्य संचार में बाधक हो सकते हैं।
संचार तभी प्रभावी हो सकता है। बाधाएँः बैठने का स्थान, शोर, दूरी, रोशनी, बैठने की व्यवस्था इत्यादि तत्व कभी-कभी अत्यधिक बाधा पहुँचाते हैं। अगर एक बैठक चल रही हो एवं बगल में किसी प्रकार का शोर हो रहा हो तो यह प्रभावी संचार में बाधा बन जाती है।
संचार प्रक्रिया के आवश्यक तत्व इस प्रकार हैं:
1. स्रोत (Source)
2. संदेश (Massage/Information)
3. माध्यम (Channel)
4. प्राप्तकर्ता (Receiver)
5. फीडबैक (Feedback)
आशा करते हैं कि आपको संचार की बाधाएं के इस ब्लॉग से आपको महत्वपूर्ण जानकारी मिली होगी। ऐसे ही ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहिए।