बाल श्रम हमारे अधिकारों का उल्लंघन है| बाल श्रम की समस्या बहुत पुरानी है ये हमारे विकाशील देश पर एक कलंक की तरह है और तरक्की में रोड़ा है |हर वर्ष 12 जून को “अंतर्राष्ट्रीय श्रम संघ’ (International Labour Organization- ILO) द्वारा ‘ग्लोबल मार्च अगेंस्ट चाइल्ड लेबर’ तथा ‘इंटरनेशनल पार्टनरशिप फॉर कोऑपरेशन इन चाइल्ड लेबर इन एग्रीकल्चर’ के साथ मिलकर ‘विश्व बाल श्रम निषेध दिवस’ को Virtual Campaign के रूप में आयोजित किया जाता है। दुनिया में ऐसे लाखो – करोड़ो बच्चे है जो छोटी सी उम्र में गरीबी के बोझ तले दब जाते है और पढ़ाई करने की उम्र में मजदूरी करनी पड़ती है |तो, आईये देखते है कैसे हम विश्व भर के बच्चो को अधिकारों के बारे में जागृत करे और उन्हें उज्जवल भविष्य की और अग्रसर करे | तो आज इस ब्लॉग के माध्यम से जाने के बालश्रम का इतिहास , बालश्रम निषेध दिवस क्यों मनाया जाता है, सरकार द्वारा चलाये गए कार्यक्रम, इसके उपाए और कुछ नारे।
“वह काम जो बच्चों को उनके बचपन, उनकी क्षमता और उनकी गरिमा से वंचित करता है, और जो शारीरिक और मानसिक विकास के लिए हानिकारक है।”
Table of contents
- विश्व बालश्रम निषेध दिवस इतिहास
- विश्व बालश्रम निषेध दिवस क्यों मनाया जाता है ?
- बालश्रम की परिभाषा
- बाल श्रम के कारण
- विश्व बालश्रम निषेध दिवस 2024 की थीम
- पिछले कुछ वर्षों की थीम
- भारत और बाल श्रम
- भारत सरकार की पहल
- बाल श्रम रोकने के उपाय
- बाल श्रम के विरुद्ध कुछ रचनात्मक नारे
- भारतीय गैर सरकारी संगठन जो बाल श्रम के खिलाफ काम कर रहे
- बालश्रम पर निबंध
- बाल श्रम के खिलाफ विश्व दिवस के संबंध में आंकड़े
- भारत में बाल श्रम के बारे में तथ्य
- सम्बंधित खबर
- बालश्रम निषेध दिवस पर कुछ Slogan
- विश्व बालश्रम निषेध दिवस: कैलाश सत्यार्थी के अनमोल विचार
- FAQs
विश्व बालश्रम निषेध दिवस इतिहास
विश्व बालश्रम निषेध दिवस की शुरुआत 2002 में अंतरराष्ट्रीय श्रम संघ ने की इसका मुख्यालय जेनेवा में है , यह संयुक्त राष्ट्र संघ की एक शाखा है| यह सिद्धांत बनाती है और उसे सख्ती से पालन किया जा रहा है उसका ब्योरा रखती है ,ये कई अंतराष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुकी है आमसहमति से 2002 से कानून पारित किया गया |जिसमे 14 से कम उम्र के बच्चों से श्रम कराने को अपराध माना गया। इसी साल पहली बार बाल श्रम निषेध दिवस 12 जून को मनाया गया।
विश्व बालश्रम निषेध दिवस क्यों मनाया जाता है ?
इसका उद्देश्य बच्चों को बाल मजदूरी के खिलाफ जागरूक करना है | |अंतर्राष्ट्रीय श्रम संघ (आईएलओ) की रिपोर्ट के अनुसार आज भी दुनियाभर में करीब 15.2 करोड़ बच्चे मजदूरी करने को मजबूर हैं। इनमें से अधिकतर बदत्तर हालात में काम कर रहे हैं।
हर बच्चा यह संदेश लेकर आता है कि ईश्वर अभी मनुष्य से निराश नहीं हुआ है
-रविंद्रनाथ टैगोर
बालश्रम की परिभाषा
- सयुक्त राष्ट्र संग के मुताबिक 18साल से कम उम्र के बच्चो से श्रम कराना कानूनी अपराध है |
- अंतरराष्ट्रीय श्रम संघ ने बाल श्रम उम्र 15 साल तय की है
- भारत सविधान के अनुसार किसी उद्योग ,कारखाने में शारीरिक अवं मानसिक रुप से काम करने की उम्र 5-14 वर्ष की होने पर बालश्रम कहा जाता है |
- अमेरिका में उम्र 12 साल रखी गयी है |
बाल श्रम के कारण
- माता-पिता का असंतोष, लालच, अशिक्षित होना बाल श्रम जैसे अपराध को बढ़ावा देता है . बड़े-बड़े कारखाने जैसे-कोयला खदाने,हीरा खदाने.पत्थर/गिट्टी/ईट की खदाने
पटाखे के कारखाने कालीन बुनाई के कारखाने
- यूनीसेफ के अनुसार बच्चों का विनियोग इसलिए किया जाता है, क्योंकि उनका आसानी से शोषण किया जा सकता है।
- अशिक्षित अभिभावक उसने अपने बच्चे की शिक्षा एवं विकास को महत्व नहीं देते । इसलिए थोड़ी-सी सुविधा या लोभ में वह अपने बच्चों को पढ़ाने से रोक लेते हैं
- ग्रामीण भारत में छोटी उम्र में विवाह कर देने से लड़कों पर घर चलाने की जिम्मेदारी भी उसे श्रमिक बना देती है ।
विश्व बालश्रम निषेध दिवस 2024 की थीम
इस साल 2024 में विश्व बाल श्रम विरोधी दिवस की थीम है “Let’s act on our commitments: End Child Labour!” यानि कि ” आइए अपनी प्रतिबद्धताओं पर कार्य करें: बाल श्रम समाप्त करें!” इस थीम के माध्यम से बाल मज़दूरी को ख़त्म करने के लिए लोगों के बीच जागरूकता फ़ैलाना मुख्य उद्देश्य है।
पिछले कुछ वर्षों की थीम
बाल श्रम के खिलाफ विश्व दिवस की हर साल एक विशिष्ट थीम होती है। जो आईएलओ द्वारा घोषित की जाती है।
2023 | सभी के लिए सामाजिक न्याय, बाल श्रम का खात्मा! |
2022 | बाल श्रम को समाप्त करने के लिए सार्वभौमिक सामाजिक संरक्षण |
2021 | अभी कार्य करें: बाल श्रम समाप्त करें! |
2020 | COVID-19: बच्चों को बाल श्रम से बचाएं, अब पहले से कहीं ज्यादा! |
2019 | बच्चों को खेतों में नहीं सपनों पर काम करना चाहिए! |
2018 | पीढ़ी सुरक्षित और स्वस्थ |
2017 | संघर्षों और आपदाओं में बच्चों को बाल श्रम से बचाएं |
2016 | आपूर्ति शृंखला में बाल श्रम समाप्त करें – यह सबका काम है! |
2015 | बाल श्रम को नहीं – क्वालिटी एजुकेशन को करें हां |
2014 | सामाजिक सुरक्षा बढ़ाएँ: बाल श्रम का मुकाबला करें! |
2013 | घरेलू काम में बाल श्रम को करें नहीं |
2012 | मानवाधिकार और सामाजिक न्याय… बाल श्रम को खत्म करें |
2011 | चेतावनी! खतरनाक काम में बच्चे |
2010 | लक्ष्य की ओर बढ़ें…बाल श्रम खत्म करें |
2009 | लड़कियों को मौका दें : बाल मजदूरी खत्म करें |
2008 | शिक्षा : बाल श्रम पर सही प्रतिक्रिया |
2007 | बाल श्रम और कृषि |
2006 | बाल श्रम का अंत: हम सब मिलकर कर सकते हैं! |
2005 | बंद दरवाजों के पीछे : बाल घरेलू श्रम |
2004 | बच्चों की तस्करी |
2003 | बाल श्रम के बिना एक भविष्य |
भारत और बाल श्रम
भारत में बच्चो को भगवन का रूप माना जाता है, लेकिन वर्तमान युग में परिस्तिथि काफी भिन्न है भारत में जनगणना 2011 की रिपोर्ट बताती है कि देश में लगभग 10 मिलियनहै यानी भारत की आबादी है 4% है|भारत में बालश्रम काफी विस्तृत रूप ले चुका है | बाल मजदूरी अब तस्करी का विकराल रूप धारण कर चुकी है | बच्चो का भविष्य अंधकार में नज़र आ रहा है गरीब बच्चों को मजबूरी में श्रम करना पढ़ रहा है | जिन हाथो में कलम और कॉपी होनी चाहिए उन हाँथो में झाड़ू , चाक़ू पकड़े के लिए मजबूर है
बच्चे खुश, स्वस्थ और सुरक्षित रहने के पात्र हैं।
संवैधानिक प्रावधान
बालश्रम पर लगाम लगाने के लिए कई संवैधानिक प्रावधान बनाये है |
- अनुच्छेद 15(3): बाल श्रम एक ऐसा विषय है, जिस पर संघीय व राज्य सरकारें, दोनों कानून बना सकती हैं।
- अनुच्छेद 21: 6-14 साल के बच्चो को निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जाएगी (धारा 45)
- अनुच्छेद 23:बच्चो को खरीद फरोक पर रोक लगात है बच्चो को खरीद फरोक पर रोक लगाता है ।
- अनुच्छेद-24 किसी फैक्ट्री, खान, अन्य संकटमय गतिविधियों यथा-निर्माण कार्य या रेलवे में 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों के नियोजन का प्रतिषेध करता है।
भारत सरकार की पहल
केंद्र और राज्य सरकारों कुछ सालो से काफी सरहानीय काम कर रही है |
गुरुपद्स्वामी समिति
सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए, केंद्र सरकार द्वारा ‘बाल श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम’ (Child Labour (Prohibition and Regulation) Act)- 1986 बनाया गया।
यह कानून 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी अवैध काम और 57 प्रक्रियाओं में, जिनसे बच्चों के जीवन और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना गया है, । इन कामो और प्रक्रियाओं का उल्लेख कानून की अनुसूची में है।
कारखाना अधिनियम -1948
फैक्टरी कानून 1948 – यह कानून 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के विनियोग को वर्जित करता है। 15 से 18 वर्ष तक के किशोर किसी फैक्टरी में तभी शामिल किया जा सकता हैं, जब उनके पास किसी प्रमाणित डॉक्टर का फिटनेस प्रमाण पत्र हो।
बाल श्रम (निषेध और रोकथाम) संशोधन अधिनियम, – 2016
यह अधिनियम 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों के सभी प्रकार के व्यावसायिक कामों मे लगाने पर प्रतिबंध तथा 14 से 18 वर्ष के किशोरों पर ‘खतरनाक व्यवसायों’ (Hazardous Occupations) में कामों में लगाने पर प्रतिबंध लगाता है। 14 साल से कम उम्र के बच्चे को नियुक्त करने वाले व्यक्ति को दो साल तक की कैद की सजा तथा उस पर 50,000 रुपये का अधिकतम जुर्माना लगेगा
नए कानून में बच्चों के लिये रोज़गार की आयु को ‘अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम’ , 2009 के तहत अनिवार्य शिक्षा की उम्र से जोड़ा गया है|
बाल श्रम रोकने के उपाय
बाल श्रम रोकने के लिए सरकारी योजनाएं
- बाल फिल्म सोसाइटी 1955
- समेकित बाल संरक्षण योजना Integrated Child Protection Scheme (ICPS)2009
- बाल न्याय कार्यक्रम
- फूटपाथ पर रहने वालो के लिए कार्यक्रम
- खाद्य सुरक्षा अधिनियम
- राष्ट्र बाल श्रम योजना : बाल मजदूरी से मुक्त कराए गए बच्चो के लिए सरक़ार ने बाल श्रम योजना शुरू की है इन्हे विशेष स्कूलों में दाखिला दिलवाया जायेगा
बाल श्रम के विरुद्ध कुछ रचनात्मक नारे
यहाँ बाल श्रम के विरुद्ध कुछ नारे दिए जा रहे हैं :
- बाल मजदूर, ना मंजूर।
- बच्चे नहीं मजबूर, मत बनाओ उनको मजदूर।
- बचपन बचाओ, देश बचाओ।
- बचपन है अनमोल, मजदूरी से मत तोलो इसका मोल।
- बाल मजदूरी को हटाओ, शिक्षा को लाओ।
- बाल मजदूरी शर्म का दाग, इसे मिटाना देश का भाग।
- अपनी जिम्मेदारी निभाएं, बाल मजदूरी मिटाएं।
- बाल मजदूरी हमारा है अभिशाप, इसको मिटाना हमारा काम।
- बचपन बचाओ, देश बचाओ।
- बच्चों का भविष्य उज्ज्वल करें, बाल मजदूरी को न कहें।
There is no reason, there is no excuse. Child labour is child abuse
भारतीय गैर सरकारी संगठन जो बाल श्रम के खिलाफ काम कर रहे
बाल श्रम दिवस दुनिया भर में उन संगठनों को मनाने और उनकी सहायता करने के बारे में भी है जो बाल शोषण को समाप्त करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। ये संगठन यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि प्रत्येक बच्चे को बढ़ने, उनके लिए उपलब्ध अधिकारों और अवसरों का लाभ उठाने और हमारे समाज के स्वतंत्र कामकाजी नागरिक बनने का अवसर मिले। आइए नजर डालते हैं भारत के कुछ गैर सरकारी संगठनों पर-
- बचपन बचाओ आंदोलन
- CRY(Children Cry for You)
- कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन
- Ride India
- तलाश एसोसिएशन
- CHILDLINE India Foundation
- Make A Difference
बचपन बचाओ आंदोलन
बचपन बचाओ आंदोलन भारत में बाल शोषण और शोषण के खिलाफ सबसे बड़े आंदोलनों में से एक है। संगठन की स्थापना 1980 में हुई थी और इसने पूरे भारत में बाल अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए नीतिगत बदलाव और कानून में बदलाव के लिए सरकार के साथ सहयोग किया है। संगठन ने 1,02,302 से अधिक बच्चों को तस्करी और बाल श्रम से बचाया है। व्यक्ति दान करके या स्वयंसेवकों के रूप में शामिल होकर आंदोलन में मदद कर सकते हैं।
Child Rights And You (CRY)
CRY भारत में बाल अधिकारों के लिए लड़ने वाले सबसे पुराने संगठनों में से एक है। एनजीओ ने भारत भर में 6,61,752 से अधिक बच्चों को बाल श्रम, तस्करी, कुपोषण और बाल विवाह जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों से मदद की है। भारतीय और विदेशी CRY की स्वयंसेवी पहल से जुड़ सकते हैं, जिसे बीइंग ए #येलो फेलो कहा जाता है। सोशल मीडिया पर #YellowFellow के साथ एक तस्वीर पोस्ट करें और CRY को टैग करें। विचार बाल अधिकारों और बाल विकास में बाधा डालने वाले मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
CHILDLINE India Foundation
चाइल्डलाइन इंडिया फाउंडेशन विशेष रूप से भारत भर के बच्चों के लिए एक आपातकालीन हेल्पलाइन है जो उनके अधिकारों की मदद और देखभाल करती है और बच्चों को 24/7 सुरक्षा प्रदान करती है। फाउंडेशन केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से जुड़ा है और पूरे देश में चाइल्डलाइन 1098 सेवा का प्रबंधन करता है। फाउंडेशन पूरे भारत में हेल्पलाइन सेवा की स्थापना और प्रबंधन और सेवा के लिए जागरूकता बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है। लॉकडाउन के बाद से, हेल्पलाइन ने 4.6 लाख से अधिक कॉलों का जवाब दिया है और देश भर में 9000 से अधिक बच्चों को जमीनी आपातकालीन Responders भेजे हैं।
Make A Difference
मेक ए डिफरेंस एक और शानदार संगठन है जो पूरे भारत में बच्चों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। महामारी के दौरान बच्चों के लिए समर्थन जुटाने के लिए, संगठन ने कमजोर बच्चों के जीवन में बदलाव लाने के लिए #NeverTooLate अभियान शुरू किया। 35 मिलियन कमजोर बच्चों को देखभाल और सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से सार्वजनिक प्रभाव पहल में 43983 से अधिक सदस्य हैं। व्यक्ति समुदाय में शामिल हो सकते हैं और बाल अधिकारों और मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
यहां कुछ और संगठन दिए गए हैं जिनका आप बाल श्रम दिवस पर अनुसरण या समर्थन कर सकते हैं-
- Save The Children India
- Uday Foundation
- Pratham Education Foundation
- SOS Children’s Villages, India
- Kailash Satyarthi Children’s Foundation
- Hand in Hand India
- Smile Foundation
- Butterflies India
बालश्रम पर निबंध
उद्योगों में काम करने वाले 14 वर्ष से कम आयु के बालक आते हैं। खेलने-कूदने और पढ़ने की उम्र में मजबूरी के बीच दबा देश का बचपन समाज पर एक कलंक है। कारखानों और घरों में दयनीय परिस्तिथियों में काम करने वाले ये बाल-श्रमिक देश की प्रगति के मुँह पर एक तमाचा हैं। इनकी संख्या करोड़ो में है। इन्हे सिर्फ काम ही नहीं करना पड़ता बल्कि अपने मालिकों की गाली, प्रताड़ना का सामना करता पड़ता है बाल श्रमिक युवा पीड़ी के मुकाबले सस्ते दाम पर मिल जाते है। बच्चे देश का भविष्य है ये प्रत्येक नागरिक का कर्त्तवय है की उनका ध्यान रखे |
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू कहते कहते थे कि “बच्चे देश का भविष्य है इसलिए ये जरूरी है कि उन्हें प्यार दिया जाए और उनकी देखभाल की जाए, जिससे वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें। जवाहर लाल नेहरु बच्चों को राष्ट्र का निर्माता कहते थे। – जो व्यक्ति भाग जाता है वह शांत बैठे व्यक्ति की तुलना में अधिक खतरे में पड़ जाता है|”
बाल श्रमिकों की समस्या बहुत पुरानी है। इसके पीछे गरीबी के साथ ही माँ बाप का लोभ और पारिवारिक परिस्थिति कारण होती है। इस समस्या से निपटने के लिए सामाजिक और शासन के स्तर पर प्रयास आवश्यक हैं।
बाल श्रम के खिलाफ विश्व दिवस के संबंध में आंकड़े
- 72 मिलियन बाल श्रमिकों की कुल संख्या के साथ अफ्रीका में सबसे अधिक बाल श्रम है।
- एशिया और प्रशांत 62 मिलियन बाल श्रम के साथ दूसरे स्थान पर हैं।
- दुनिया भर में बाल श्रम में हर दस में से नौ बच्चे अफ्रीका, एशिया और प्रशांत क्षेत्र में हैं।
- शेष बाल श्रम आबादी अमेरिका (11 मिलियन), यूरोप और मध्य एशिया (6 मिलियन), अरब राज्यों (1 मिलियन) में विभाजित है।
- 5-17 वर्ष की आयु के बीच कुल 152 मिलियन बाल श्रम में हैं। लगभग 73 मिलियन खतरनाक बाल श्रम में शामिल हैं।
- बाल श्रम के शिकार लगभग 48% 5-11 वर्ष, 28% 12-14 वर्ष के बच्चे और 24% 15-17 वर्ष के थे।
- यह मुख्य रूप से कृषि (71%), सेवाओं में 17% और खनन सहित औद्योगिक क्षेत्र में 12% पर केंद्रित है।
भारत में बाल श्रम के बारे में तथ्य
- एमएडी फाउंडेशन के अनुसार, भारत में 35 मिलियन बच्चे हैं जिन्हें देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता है।
- बाल श्रम को समाप्त करने में शिक्षा और व्यवसाय महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शिक्षा गरीबी के चक्र को तोड़ सकती है, जो बाल श्रम के सबसे बड़े कारणों में से एक है, जबकि व्यवसाय विनिर्माण क्षेत्रों में बाल श्रम को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठा सकते हैं।
- भारत में बाल श्रम एक गंभीर मुद्दा है, 2011 की भारतीय जनगणना के अनुसार, अनुमानित 10 मिलियन (तब कुल बाल आबादी का 3.9 प्रतिशत) बच्चे भारत में नौकरशाही की नौकरियों में काम करते पाए गए थे।
- 2011 की भारतीय जनगणना में, उत्तर प्रदेश और बिहार सबसे अधिक बाल श्रमिकों वाले राज्यों की सूची में सबसे ऊपर हैं। रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में दस लाख से भी कम बाल मजदूर हैं।
- 1986 में, भारत ने बाल श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम पारित किया जिसने बाल श्रम पर प्रतिबंध लगा दिया। अधिनियम के अनुच्छेद 24 में कहा गया है, “चौदह वर्ष से कम उम्र के किसी भी बच्चे को किसी कारखाने या खदान में काम करने के लिए या किसी खतरनाक रोजगार में नियोजित नहीं किया जाएगा।”
सम्बंधित खबर
- संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2021 को बाल श्रम उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय वर्ष घोषित किया।
- पेशावर उच्च न्यायालय ने केपी . में बाल श्रम को समाप्त करने की मांग वाली याचिका पर नोटिस जारी किया
- ग्लोबल बैटरी एलायंस (GBA) ने Alpart लायंस 8.7 के अभियान के रूप में बैटरी आपूर्ति श्रृंखला में बाल श्रम को समाप्त करने के लिए 2021 की कार्य प्रतिज्ञा ली है।
- 27 मई को, चीन ने अमेरिका से बाल श्रम की समस्याओं को हल करने के लिए प्रभावी उपाय करने का आग्रह किया
- NHRC ने COVID-19 महामारी के दौरान बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए एडवाइजरी जारी की
- ग्रामीण गरीबी के कारण लाओस में बाल श्रम में वृद्धि होती है, बावजूद इसके कि राज्य के कानून इस प्रथा पर रोक लगाते हैं।
बालश्रम निषेध दिवस पर कुछ Slogan
- बालक सभी समर्थ बनें, अपने कौशल का विकास करें ।
- मजदूरी से नहीं होगा यह सपना साकार, उसे छोड़ शिक्षा का करना होगा विचार ॥
- बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं।
- बाल मजदूरी प्रकृति के खिलाफ है।
- बाल मजदूरी एक पाप है, जिसके जिम्मेदार खुद आप हैं।
- बचपन बचाइये, बाल मज़दूरी को मिटाइये।
- जो बच्चों से मजदूरी कराएगा, वह जीवन भर दुख पाएगा।
- बाल मजदूरी की बेड़ियां काटो, बच्चों को आजाद कराओ।
विश्व बालश्रम निषेध दिवस: कैलाश सत्यार्थी के अनमोल विचार
Quote 1: Childhood means simplicity. Look at the world with the child’s eye – it is very beautiful.
Hindi: बचपन का मतलब है सादगी। दुनिया को बच्चों की नज़र से देखो- ये बहुत खूबसूरत है।
Quote, 2: I am positive that I would see the end of child labor around the world in my lifetime, as the poorest of the poor have realised that education is a tool that can empower them.
Hindi: मैं सकारात्मक हूँ कि मैं अपने जीवनकाल में बाल-श्रम का अंत देख सकता हूँ, क्योंकि अब गरीब से गरीब व्यक्ति भी महसूस कर रहा है कि शिक्षा वो साधन है जो उन्हें सशक्त बना सकता है।
Quote, 3: Economic growth and human development need to go hand in hand. Human values need to be advocated vigorously.
Hindi: आर्थिक विकास और मानव विकास साथ-साथ होना चाहिए। मानवीय मूल्यों की वकालत करने की सख्त ज़रूरत है।
Quote 4: India may be a land of over 100 problems, but it is also a place for a billion solutions.
Hindi: भारत सौ से भी अधिक समस्याओं वाला देश हो सकता है, लेकिन ये बिलियन सोलुशंस वाला देश भी है।
Quote 5: I see thousands of Mahatma Gandhis, Martin Luther King, and Nelson Mandelas marching forward and calling on us. The boys and girls have joined. I have joined in. We ask you to join, too.
Hindi: मैं हजारों महात्मा गाँधी, मार्टिन लूथर किंग, और नेल्सन मंडेलाओं को आगे बढ़ते और हमें बुलाते हुए देखता हूँ। लड़के और लड़कियों शामिल हो गए हैं। मैं शामिल हो गया हूँ। हम आपको भी शामिल होने के लिए कहते हैं।
Quote 6: Child labor perpetuates poverty, unemployment, illiteracy, population growth, and other social problems.
Hindi: बाल श्रम गरीबी, बेरोज़गारी, अशिक्षा, जनसँख्या वृद्धि और अन्य सामाजिक समस्याओं को बढाता है।
यह भी पढ़ें
FAQs
12 जून
12 जून
बाल श्रम रोकने के लिए सरकारी योजनाएं चलाई गई है जो निम्नलिखित हैं-
बाल फिल्म सोसाइटी 1955
समेकित बाल संरक्षण योजना Integrated Child Protection Scheme (ICPS)2009
बाल न्याय कार्यक्रम
फूटपाथ पर रहने वालो के लिए कार्यक्रम
खाद्य सुरक्षा अधिनियम
राष्ट्र बाल श्रम योजना : बाल मजदूरी से मुक्त कराए गए बच्चो के लिए सरक़ार ने बाल श्रम योजना शुरू की है इन्हे विशेष स्कूलों में दाखिला दिलवाया जायेगा
2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार, भारत में बाल मजदूरों की संख्या 1.01 करोड़ है ।
बाल श्रम (निषेध एवं विनियमन) अधिनियम
26 सितंबर, 1994
बाल श्रमिक
बंधुआ श्रम व्यवस्था (उन्मूलन) अधिनियम
संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार
समता या समानता का अधिकार
धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
स्वतंत्रता का अधिकार
शोषण के विरुद्ध अधिकार
संवैधानिक उपचारों का अधिकार
सम्बंधित आर्टिकल्स
आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको बाल मजदूरी निषेध दिवस से जुड़ी पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।