किसी भी देश में सरकारी या गैरसरकारी संस्थानों या संगठनों में यह अनिवार्य होता है कि संस्थानों या संगठनों के अनुकूल वातावरण देकर व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से चलाने का प्रयत्न करे, जिसके लिए अवकाश लेने या देने का भी प्रावधान होता है, जो की परस्तिथि पर आधारित होता है। यह एक ऐसा साधन है जिसके माध्यम से आप संकट के समय पर इसका प्रयोग कर, किसी भी प्रकार की समस्या का समाधान कर सकते है।
हम चाहे जीवन की किसी भी आयु में हो या किसी भी स्टेज पर हो हमें कभी न कभी या तो अपने स्वास्थ्य की देखभाल करने या फिर किन्हीं निजी कारणों से अवकाश (छुट्टी) लेना ही पड़ता है फिर चाहे लीव की एप्लीकेशन किसी भी विषय पर आधारित क्यों न हो, अवकाश लेने के लिए एक विशेष तरीके का प्रयोग करना पड़ता है जिसको पत्र व्यवहार के माध्यम से दर्शाया जाता है।
लीव की एप्लीकेशन | अवकाश हेतु प्रार्थना पत्र |
प्रकार | मुख्यतः 2 |
लीव की एप्लीकेशन के प्रकार | (कैज़ुअल लीव, मेडिकल लीव लीव) |
This Blog Includes:
- लीव एप्लीकेशन क्या होती है?
- लीव एप्लीकेशन के प्रकार कितने होते हैं?
- मेडिकल लीव एप्लीकेशन क्या होती है?
- कैजुअल लीव एप्लीकेशन क्या होती है?
- मेडिकल लीव एप्लीकेशन का फॉर्मेट जानिए
- कैजुअल लीव एप्लीकेशन का फॉर्मेट जानिए
- क्यों लिखें लीव एप्लीकेशन?
- पेड लीव किन परिस्थितियों में मिलती है?
- कॉम्प ऑफ क्या होता है?
- एलओपी किसे कहते हैं?
- लीव एप्लीकेशन से संबंधित विशेष जानकारी
- FAQs
लीव एप्लीकेशन क्या होती है?
किसी भी सरकारी या गैरसरकारी संगठन या संस्थानों का हिस्सा होने पर आपको वहां के नियमों का पालन करना पड़ता है, जिसमें की यदि आप किन्हीं कारणों से अवकाश लेना चाहते है तो आपको एक प्रक्रिया का पालन करन पड़ता है, जिसको पत्र व्यवहार के माध्यम से दर्शाया जाता है। अपने स्वास्थ्य से सम्बन्धित या फिर किन्हीं निजी कारणों से यदि आप अवकाश लेना चाहते है तो आपको लीव की एप्लीकेशन या एक प्रार्थना पत्र लिखना होता है जिसका उद्देश्य आपकी परिस्थति को आपके संगठन या संस्थान के समक्ष प्रस्तुत करना होता है, ताकि आपको अवकाश मिलने में कोई समस्या न आये, अवकाश हेतु प्रार्थना पत्र या लीव एप्लीकेशन कहलाता है।
लीव एप्लीकेशन के प्रकार कितने होते हैं?
पत्र व्यवहार एक ऐसी परम्परा है जिसके अनुसार आप अपनी समस्याओं या स्तिथि को ज्यूँ की त्यूं अपने वरिष्ठों, शिक्षकों या अपने परिजनों के सन्मुख (सामने) प्रस्तुत कर सकते है। वैसे तो हर संगठन या संस्थान के अपने कुछ नियम होते है और इन्हीं के आधार पर आपको तय लीव मिलती है जिसके अनुसार ही आप लीव की एप्लीकेशन लिखते है, मुख्यतः लीव की एप्लीकेशन दो प्रकार की होती है जो की क्रमशः ह-
- मेडिकल लीव
- कैज़ुअल लीव
मेडिकल लीव एप्लीकेशन क्या होती है?
मेडिकल लीव की एप्लीकेशन के माध्यम से आप अपने संगठन, संस्थान, परिजनों या अपने वरिष्ठों को अपनी मेडिकल से सम्बंधित व्यथा के बारें में बता सकते है, दरअसल यह एक ऐसा माध्यम है जहाँ आप अपने वरिष्ठ अधिकारों को इस बारें में बता सकते है कि आपका स्वास्थ ठीक नहीं है जिस कारण आप अपने कार्यों को करने में असमर्थ है और इसी कारण आप अवकाश लेना चाहते है। इस पत्र पर त्वरित कार्यवाही होती है क्योंकि यह आपके स्वास्थ की गंभीरता को बताता है।
कैजुअल लीव एप्लीकेशन क्या होती है?
कैज़ुअल लीव एप्लीकेशन पत्र व्यवहार का वह प्रकार है जिसमें आपका अवकाश लेने का एक निजी कारण होता है या फिर जो कि आपके किसी विशेष प्रयोजन के तहत लिखा जाता है, कैज़ुअल लीव की एप्लीकेशन लिखते समय आपका विषय निजी कारणों या विशेष प्रायोजन से सम्बंधित होना चाहिए जैसे कि विवाह समारोह में जाने से सम्बंधित, बैंक के कार्यो से सम्बंधित आदि आदि।
मेडिकल लीव एप्लीकेशन का फॉर्मेट जानिए
यह एक ऐसा तरीका है जिसमें आप लीव की एप्लीकेशन लिखते है तो आपके अवकाश लेने पर भी आपको स्कूल या जॉब से नहीं निकाला जाता क्योंकि इसीलिए आपके लिए इसके फॉर्मेट के बारें में जानना बहुत जरूरी है जो कि निम्नलिखित है;
- सबसे पहले यदि आप छात्र है तो सबसे पहले आप जिनके लिए पत्र लिख रहे है उनका नाम, अपने शिक्षक का नाम, विद्यालय का नाम और शहर का नाम लिखेंगे
- यदि आप पात्र लिखते समय एक कंपनी के कर्मचारी है तो आपको सबसे पहले पत्र जिसके लिए लिख रहे है उनके प्रति सम्मानजनक शब्दों के साथ उनका नाम, डिपार्टमेंट का नाम, कंपनी का नाम लिखंगे।
- फिर पत्र लिखने का विषय कि आपको क्या परेशानी है।
- फिर पत्र लिखने से पहले महोदय लिखकर अगली पंक्ति से पत्र को लिखना प्रारम्भ करेंगे।
- सारी बातें लिखने के बाद आप अंत में धन्यवाद और अपनी डिटेल्स के साथ पत्र का समापन करेंगे।
कैजुअल लीव एप्लीकेशन का फॉर्मेट जानिए
कैज़ुअल लीव में लीव की एप्लीकेशन लिखते समय आपका विषय मेडिकल से सम्बंधित नहीं बल्कि किसी विशेष प्रयोजन या किसी निजी कारण के लिए होना चाहिए इसीलिए आपके लिए इसके फॉर्मेट के बारें में जानना बहुत जरूरी है जो कि निम्नलिखित है;
- सबसे पहले आपके छात्र होने पर पत्र के शुरुआत में शिक्षक के नाम के साथ विद्यालय का नाम और शहर का नाम और कंपनी के कर्मचारी होने पर अपने वरिष्ठ अधिकारी का नाम, डिपार्टमेंट का नाम और फिर कंपनी का नाम आएगा जो कि सम्मानजनक शब्दों के साथ लिखा होना चाहिए।
- फिर पत्र लिखने का विषय कि आपको क्या परेशानी है।
- फिर पत्र लिखने से पहले महोदय लिखकर अगली पंक्ति से पत्र को लिखना प्रारम्भ करेंगे।
- सारी बातें लिखने के बाद आप अंत में धन्यवाद और अपनी डिटेल्स के साथ पत्र का समापन करेंगे।
क्यों लिखें लीव एप्लीकेशन?
लीव की एप्लीकेशन एक ऐसे व्यवहार को दर्शाती है जिसमें कि आप अपनी व्यथा को उचित ढंग से सही रूप देकर प्रस्तुत कर सकते है क्योंकि जब आप किसी संगठन या संस्थान का हिस्सा बनते है तो आप एक प्रोफेशनल जीवन को जीने के लिए बाध्य हो जाते है और इसी के लिए आपको बचपन से पत्र लेखन सिखाया जाता है ताकि आप भविष्य में होने वाले परिवर्तन को समझ सके और उसी के अनुसार ढलकर अपने निर्णय ले सकें। लीव के लिए लीव की एप्लीकेशन लिखना इसीलिए भी अनिवार्य है क्योंकि यह आपके रिकॉर्ड को सुरक्षित करता है।
पेड लीव किन परिस्थितियों में मिलती है?
दरअसल पेड लीव वह लीव है जिसके तहत यदि आप किसी संस्थान का हिस्सा बनने के बाद अवकाश लेते है तो आपके अवकाश लेने पर आपकी सैलरी से कोई भी पैमेंट नहीं कटती है दूसरे शब्दों में कहा जाए तो यह अवकाश के लिए आपके लिए आपके लिए लाभदायक होता है, जिसके लिए आपको अपने वरिष्ठों से या अपने रिपोर्टिंग मैनेजर से आवेदन करना पड़ता है हालाँकि हर कंपनी की अलग अलग पॉलिसी होती है जिनके लिए वह लिमिटेड पेड लीव दे सकते है।
कॉम्प ऑफ क्या होता है?
लीव की एप्लीकेशन की जानकारी के लिए आपका यह जानना जरूरी है की यदि आप किसी कंपनी के कर्मचारी है और कंपनी को किन्हीं कारणों से अवकाश वाले दिन भी आपकी जरूरत है या कंपनी आप से अवकाश वाले दिन भी काम करवाती है तो उसके स्थान पर कंपनी आपको किसी अन्य दिन का अवकाश प्रदान कराती है, इसी प्रक्रिया को कॉम्प ऑफ कहा जाता है।
एलओपी किसे कहते हैं?
एलओपी की फुलफॉर्म लॉस ऑफ पे है, दरअसल इसका अर्थ है कि ऐसी लीव जिनको लेने पर आपकी सैलरी में से आपका पेमेंट कटता है। यह भी हर कंपनी की अलग पॉलिसी के अकॉर्डिंग होता है उदारहण स्वरुप मान लीजिये आप किसी कंपनी में कर्मचारी है और आप किन्हीं कारण से अवकाश लेना चाहते है और आपके पास अब केवल एलओपी है जिसका आप प्रयोग करना चाहते है तो यह आपको अवकाश तो प्रदान कराएगा पर कंपनी आपकी सैलरी में से इसका पैसा कट जाएगा।
लीव एप्लीकेशन से संबंधित विशेष जानकारी
लीव की एप्लीकेशन लिखने से पहले आपको यह जान लेना चाहियें की इसको लिखने के लिए आपको किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए ताकि आप पत्र व्यवहार में कुछ ऐसी गलती न कर सकें जिसका आप पर गलत प्रभाव पड़े, निम्नलिखित जानकारी इसी सन्दर्भ में लिखी गयी है जो की आपके लिए सहायक सिद्ध होगी;
- आपको लीव की एप्लीकेशन लिखते समय शब्दों का विशेष ध्यान रखना पड़ता है।
- लीव की एप्लीकेशन की भाषाशैली मर्यादित होनी चाहिए।
- जिन वरिष्ठ अधिकारियों या शिक्षक से आप अवकाश पाने के लिए लीव की एप्लीकेशन लिख रहे है उनका नाम मेंशन होना चाहिए।
- आपको यह हमेशा याद रहे कि लीव की एप्लीकेशन में विषय होना अनिवार्य है कि आखिर आप किन कारणों के चलते लीव लेना चाहते है।
FAQs
लीव की एप्लीकेशन में निम्नलिखित बातों का ध्यान रखा जाना अनिवार्य है;
1. शब्दों का सही चयन
2. उचित भाषाशैली का उपयोग
3. लेखन में साफ सफाई अनिवार्य है
लीव की एप्लीकेशन मुख्यतः 2 प्रकार होते है।
1. मेडिकल लीव
2. कैज़ुअल लीव
यदि आपकी तबियत ठीक न हो जैसे कि बुखार आने पर या अन्य किसी गंभीर स्तिथि में आप लीव की एप्लीकेशन के माध्यम से अवकाश ले सकते है।
लीव की एप्लीकेशन को लिखने लिए हमेशा प्लेन पेपर का प्रयोग करना चाहिए।
आशा है कि आपको लीव की एप्लीकेशन का यह ब्लॉग जानकारी से भरपूर लगा होगा, ऐसे ही अन्य प्रकार की जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाइट Leverage Edu से जुड़ सकते व ऐसे और भी ब्लोग्स पढ़ सकते हैं।